कैसे मिठाई बनाने वालों ने शुरू की lovely professional university

punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2024 - 04:58 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : जब कुछ अलग करने और समाज की प्रगति में योगदान देने का जुनून हो, तो केवल एक ही विचार होता है: हर कठिनाई का सामना करके मंजिल पाना। इसी जुनून के साथ मिठाई बनाने वाले लवली ग्रुप ने 1999 में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के नाम से एक शिक्षा संस्थान की स्थापना की, जो पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (PTU) से मान्यता प्राप्त था। lovely professional university के चांसलर और राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने बताया
कि जब उनका परिवार शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखने का सोच रहा था, तब लोगों ने कहा कि अब मिठाई बेचने वाले डिग्री देंगे। लेकिन आज, यही मिठाई वाले दुनिया के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में शामिल हैं।

 

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी देश की सबसे बड़ी निजी यूनिवर्सिटी है, जिसका कैंपस 100 एकड़ से अधिक में फैला हुआ है और इसमें लगभग 50 देशों से हजारों छात्र पढ़ रहे हैं। इसे NAAC द्वारा A++ और टाइम्स हायर एजुकेशनल द्वारा भारत की टॉप 2 यूनिवर्सिटीज में रैंकिंग प्राप्त है। शुरूआती दिनों में जब हमने देखा कि हमारे संस्थान में अधिक लोगों की पहुंच नहीं है तो एक बार अखबार में हमने विज्ञापन देते हुए अपना लवली ब्रांड का इस्तेमाल किया जिसका काफी पॉजीटिव रिस्पांस देखने को मिला। तब हमने अपने संस्थान का नाम लवली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रख दिया। पीटीयू से रिजिस्टर्ड होने के कारण हमें एक निश्चित पाठ्यक्रम की पालन करने की आवश्यकता थी, लेकिन हम कुछ अलग करना चाहते थे जिससे विद्यार्थियों को न केवल वर्तमान के लिए बल्कि आने वाले भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। हम वास्तव में बाकी कॉलेज जो कर रहे हैं उससे कुछ अलग प्रयास करना चाहते हैं। इसलिए, हमने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी शुरू की।

 


'लवली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट' से 'lovely professional university' तक का सफर उल्लेखनीय रहा है, हालांकि इसमें चुनौतियां भी शामिल थीं। 2003 में, पंजाब सरकार से यूनिवर्सिटी का दर्जा पाने के लिए आवेदन किया गया और 2005 में इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया। यूनिवर्सिटी का पहला सत्र 2006 में शुरू हुआ। हम कक्षा में पढ़ाए जाने वाली शिक्षण सामग्री को उद्योग के अनुरूप बनाना चाहते थे, इसलिए हमने विभिन्न इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर अपना सिलेबस तैयार किया। उस समय, हमारी सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि हम भारत के पहले निजी विश्वविद्यालयों में से एक थे, और अच्छे प्रोफेसर निजी संस्थानों की तुलना में सरकारी संस्थानों को प्राथमिकता देते थे। उनकी धारणा थी कि निजी संस्थान कब बंद हो जाएंगे या भविष्य में उन्हें सरकारी मंजूरी मिलेगी या नहीं, इसका भरोसा नहीं था। मुझे लगता है कि एक निजी विश्वविद्यालय के रूप में विश्वास बनाने में हमें समय लगा। इसलिए शुरुआत में हमने उद्योग-आधारित पाठ्यक्रम बनाते हुए अच्छे कर्मचारियों को प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष किया। लेकिन आज, यूजीसी से मान्यता प्राप्त इस यूनिवर्सिटी में न केवल भारत से, बल्कि दुनिया भर से, हमारे पास छात्रों के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अनुभवी कर्मचारी और उद्योग विशेषज्ञ हैं।

 

इस यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा और ग्रेजुएशन से लेकर डॉक्टरेट तक 200 से अधिक कोर्स संचालित होते हैं। इस विश्वविद्यालय की अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, ब्राजील, स्पेन और पोलैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज के साथ साझेदारी है। हमारे लिए गर्व की बात है कि कुछ साल पहले इंजीनियरिंग के लिए बच्चे उत्तर से दक्षिण जाते थे, लेकिन आज LPU में दक्षिण, पश्चिम और पूर्व से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। हमने यह ट्रेंड बदल दिया है। इंडस्टी बेस्ट पाठ्यक्रम- आज, जहां तकनीक लगातार विकसित हो रही है, LPU भी अपने पाठ्यक्रम में भविष्य की उद्योग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रायोगिक और उद्योग-आधारित पाठ्यक्रमों को अधिक महत्व दे रहा है। उदाहरण के लिए, एआई, एमएल, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर क्राइम पर आधारित कार्यक्रम। पाठ्यक्रम में उद्योग की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाती है। इसके लिए समय-समय पर प्लेसमेंट ड्राइव, सेमिनार, गेस्ट लेक्चर और कॉन्फ्रेंस आदि का आयोजन किया जाता है।


छात्रों की उपलब्धियाँ: किसी शैक्षणिक संस्थान की सफलता का असली मापदंड उसके छात्रों की उपलब्धियों से किया जाता है। LPU के पूर्व छात्रों ने सपनों की नौकरियां हासिल की हैं और सफल व्यवसाय स्थापित किए हैं। उल्लेखनीय पूर्व छात्रों में यासिर एम. शामिल हैं, जिन्होंने जर्मनी में एक वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तीन करोड़ का रिकॉर्ड-ब्रेकिंग पैकेज हासिल किया, और अनिरुद्ध शर्मा और राहुल रावत, जिन्होंने अपने स्टार्टअप, दिगंतरा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। एलपीयू के छात्रों द्वारा कई और महत्वपूर्ण मील के पत्थर स्थापित किए गए हैं।

 


उल्लेखनीय उपलब्धियाँ: पूरी दुनिया एलपीयू के छात्र और भारत के 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा की प्रतिष्ठित उपलब्धियों की गवाह रही है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया और कई प्रमुख खेल आयोजनों में प्रथम स्थान हासिल किया। नीरज ने लॉज़ेन डायमंड लीग और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप जैसे दुनिया के सबसे बड़े खेल मंचों पर भारत को गौरवान्वित किया। एलपीयू की खो-खो टीम की कप्तान नसरीन शेख को दिल्ली में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। LPU माका ट्रॉफी के लिए प्रथम रनर अप स्थान हासिल करने वाला पहला निजी विश्वविद्यालय है। 19वें एशियाई खेलों में एलपीयू के 40 छात्रों ने भाग लिया और 4 स्वर्ण, 4 रजत, और 4 कांस्य सहित कुल 12 पदक जीते। एलपीयू के छात्रों ने भाला फेंक, कुश्ती, मुक्केबाजी और हॉकी सहित विभिन्न खेल विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।


विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर: प्रोग्रामिंग लैब, नेटवर्किंग लैब, डेटाबेस लैब, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग लैब, इनोवेशन सेंटर और गूगल और मैक लैब जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, एलपीयू आधुनिक परिसर में युवा पीढ़ी के कौशल को बढ़ावा देने का गर्व महसूस करता है। विद्यार्थियों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए, LPU में डिविजन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर, खेल परिसर और ऑडिटोरियम जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, ताकि छात्रों को ऑलराउंड बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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