विदेश में पढ़ाई की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अप्लाईबोर्ड के टिप्स
punjabkesari.in Saturday, May 06, 2023 - 08:45 PM (IST)

गुड़गांव (ब्यूरो): विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया छात्रों के लिए उत्साहजनक होने के साथ साथ स्ट्रेसफुल भी होती है। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को एक साथ कई चीजों पर काम करना पड़ता है और कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लेने पड़ते हैं। इस विषय पर करुण कंडोई चीफ एक्सपेरियेंस ऑफिसर अप्लाईबोर्ड ने कुछ टिप्स शेयर किए हैं। जिससे कि छात्र इस रोमांचक यात्रा की सफलतापूर्वक तैयारी कर सके। कंडोई कहते हैं कि छात्रों को अपने एप्लीकेशन प्रोसेस की तैयारी जल्दी शुरू कर देनी चाहिए।किसी भी एप्लीकेशन प्रोसेस को पूरा करने में बहुत मेहनत और समय लगता है, यह ऐसी चीज़ नहीं है जो जल्दबाजी में हो सके। छात्र जब भी अपनी पढाई शुरू करना चाहते हो उन्हें उससे लगभग दो साल पहले ही स्कूलों की शोध और शॉर्टलिस्टिंग शुरू कर देनी चाहिए।
इसके अलावा यह तय करने के लिए कि उन्हें कहां पढाई करनी चाहिए, छात्रों को इन विषयों पर विचार करना चाहिए:- "मैं किस स्तर की पढाई करना चाहता हूं” “भविष्य में मैं किस तरह की नौकरी करना चाहता हूं” और “क्या जिस क्षेत्र में मुझे सबसे ज्यादा दिलचस्पी है, उसमे चयनित यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा एवं पढ़ाई का स्तर कैसा है” जब छात्र यह निश्चय कर लेते है की उन्हें अपनी आगे की पढाई कहा करनी है, उन्हें आवश्यक डॉक्यूमेंटस की एक चेकलिस्ट बनानी चाहिए। इसमें अकादमिक ट्रांसक्रिप्ट्स, लैंग्वेज प्रोफिसिएंसी टेस्ट रिजल्ट्स, प्रूफ ऑफ़ फाइनेंसियल सपोर्ट, और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं। विदेश में पढाई करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए फाइनेंस एक बहुत ही महत्वपूर्ण विचार का विषय होता है। भले ही स्कालरशिप की संभावना हो, छात्रों को ट्यूशन और अन्य फीस की सही जानकारी हासिल करने के लिए यूनिवर्सिटी या कॉलेज से संपर्क करना चाहिए। विदेश में पढ़ाई के साथ आने वाले सभी खर्चों के लिए बजट और योजना बनाना महत्वपूर्ण है। जैसे की हाउसिंग कॉस्ट्स, ट्यूशन फीस, खाने का खर्चा, ट्रांसपोर्टेशन, मोबाइल फ़ोन प्लान्स और अन्य चीजों का ध्यान रखना जरूरी हैं।
इसके साथ आवश्यक है कि छात्र अपना एक नेटवर्क बनाने की कोशिश करें।नेटवर्किंग करना छात्रों के लिए हमेशा फायदेमंद साबित होता है और उससे छात्रों को भविष्य में मिलने वाले प्रगति के मौके बढ़ जाते है।अलग अलग क्षेत्र और बैकग्राउंड के लोगों से बात करने से छात्रों को उनके पिछले अनुभवों की बेहतर जानकारी मिलती है जो उन्हें एक व्यक्तिगत रूप में विकसित होने में मदद करती है। जब भी छात्र अपनी रिसर्च और प्लानिंग स्टेज में होते है तब उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करना चाहिए जो पहले विदेश में अपनी पढ़ाई कर चुके हैं।यह करने से छात्रों को एडमिशन प्रोसेस के बारे में सही जानकारी और उस प्रोसेस को पूरा करने में मदद भी मिलेगी। जब यह निश्चित हो जाए कि कहां और क्या पढाई करनी है, तो छात्रों को अपने फ्यूचर क्लासमेटस से संपर्क करना चाहिए। उन्हें अपने कैंपस के स्टूडेंट्स ग्रुपस में भी हिस्सा लेना चाहिए ताकि वह समान रुचि रखने वाले अन्य लोगों से मिल सके और दोस्ती कर सके। सभी छात्र अगले कुछ साल एक साथ बिताएंगे, तो उन सबको जानना और उनसे दोस्ती करना बहुत मददगार साबित हो सकता है। नेटवर्किंग से छात्र को विदेश जाने के बाद क्या करना चाहिए और उनका अनुभव कैसा हो सकता है यह जानकारी भी मिलेगी।
अंत में कंदोई ने कहा कि छात्रों को पहले से अपने करियर गोल्स प्लान करने चाहिए, यह करने से उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।इन-डिमांड जॉब्स और नए कैरियर्स के बारे में ऑनलाइन जानकारी हासिल करके वे अपने रिसर्च की शुरुआत कर सकते है। इन-डिमांड जॉब्स के बारे में रिसर्च करते समय, छात्रों को उन हॉट स्पॉट क्षेत्रों पर भी विचार करना चाहिए जो बहुत सारी नौकरियों के साथ फलफूल रहे हैं। छात्रों को उन कंपनियों की सूची बनानी चाहिए जिनमें वे काम करना चाहते है साथ ही उनको यह भी देखना चाहिए कि कौन सी कंट्री अंतरराष्ट्रीय छात्रों को फायदेमंद पोस्ट ग्रेजुएशन वर्क परमिट देती है।