इमारत की उम्र तय करती है प्लंबिंग: सिविल इंजीनियर हरप्रीत सिंह

punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 06:37 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : भारत के तेजी से बढ़ते निर्माण क्षेत्र में जहां ऊंची इमारतें और आकर्षक डिज़ाइन प्राथमिकता बन चुके हैं, वहीं प्लंबिंग क्वालिटी को अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। सिविल इंजीनियर हरप्रीत सिंह, जिनके पास निर्माण उद्योग में 22 वर्षों का अनुभव है, ने चेतावनी दी है कि खराब प्लंबिंग किसी भी इमारत के लिए “धीमा ज़हर” साबित हो सकती है। हरप्रीत सिंह के अनुसार, किसी भी बिल्डिंग की असली मजबूती केवल उसके डिज़ाइन या लोकेशन से नहीं, बल्कि उसकी प्लंबिंग प्रणाली की विश्वसनीयता से तय होती है। उन्होंने कहा, “प्लंबिंग दिखाई नहीं देती, लेकिन यही पूरी इमारत की लाइफलाइन होती है।”

 

केस स्टडी 1: सस्ते पाइप पड़े महंगे

सिंह ने एक 200-फ्लैट वाली हाउसिंग सोसायटी का उदाहरण साझा किया, जहां निर्माण के दौरान बजट बचाने के लिए बिना सर्टिफाइड सस्ते पाइप लगाए गए। शुरुआत में कुछ लाख रुपये की बचत हुई, लेकिन तीन साल के भीतर गंभीर समस्याएं सामने आ गईं। सोसायटी में दीवारों के अंदर से पानी टपकने लगा, किचन पाइपलाइन के जोड़ टूट गए, सीलन और फफूंदी फैल गई और यहां तक कि इलेक्ट्रिक शाफ्ट में भी पानी रिसने लगा। इन सभी समस्याओं की मरम्मत पर करीब 9.5 लाख रुपये खर्च करने पड़े। हरप्रीत सिंह का कहना है, “जो बचत शुरुआत में दिखाई दे रही थी, वही आगे चलकर लाखों रुपये के नुकसान और बिल्डर की प्रतिष्ठा पर भारी पड़ी।”

 

केस स्टडी 2: सही पाइपिंग, 10 साल की शांति

इसके उलट, एक अन्य शहर में बने प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए सिंह ने बताया कि वहां बिल्डर ने शुरुआत से ही केवल सर्टिफाइड और उच्च गुणवत्ता वाले पाइप इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे। इस प्रोजेक्ट में अजय पाइप्स का चयन किया गया। सिंह के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में पाइप की क्वालिटी हर बार एक जैसी रही, वे हाई प्रेशर और गर्म पानी को आसानी से सहन करते रहे और फिटिंग भी मजबूत व सुरक्षित रही। कंपनी की तकनीकी सहायता भी सराहनीय रही। नतीजा यह रहा कि 10 साल बीतने के बावजूद आज तक कोई बड़ी प्लंबिंग समस्या सामने नहीं आई। उन्होंने कहा, “थोड़ा सा अतिरिक्त निवेश किया गया, लेकिन पूरी उम्र की टेंशन खत्म हो गई।”

 

सस्ते पाइप क्यों जल्दी फेल हो जाते हैं

विशेषज्ञों के मुताबिक, कम गुणवत्ता वाले पाइप जल्दी खराब होने के कई कारण होते हैं। इनमें मिलावटी या दोबारा इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक का उपयोग, पाइप की बाहरी परत का असमान होना, कमजोर फिटिंग्स और सही गुणवत्ता जांच का अभाव प्रमुख हैं। ऊंची इमारतों में ये पाइप पानी के अधिक दबाव को भी सहन नहीं कर पाते।

 

खराब प्लंबिंग की असली कीमत

खराब प्लंबिंग केवल असुविधा तक सीमित नहीं रहती। इससे दीवारों, छत और फर्श को नुकसान पहुंचता है, सीलन और फफूंदी से स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ते हैं, पानी की भारी बर्बादी होती है और सोसायटी की मेंटेनेंस लागत कई गुना बढ़ जाती है। इसके अलावा, बिल्डर और खरीदार के बीच विवाद तथा बिल्डर की ब्रांड वैल्यू को भी नुकसान होता है।

 

बिल्डर और घर मालिकों के लिए सलाह

इंजीनियर हरप्रीत सिंह ने बिल्डरों और घर मालिकों को सलाह दी है कि वे हमेशा सर्टिफाइड और ब्रांडेड पाइपिंग सिस्टम का चयन करें। केवल कम बोली के आधार पर ठेकेदार न चुनें, कॉन्ट्रैक्ट में पाइप ब्रांड और क्वालिटी का स्पष्ट उल्लेख करें और प्रशिक्षित प्लंबर से ही इंस्टॉलेशन कराएं।

 

विशेषज्ञ की राय

अपने अनुभव को साझा करते हुए सिविल इंजीनियर हरप्रीत सिंह ने कहा, “इमारतें बाहर से सुंदर दिख सकती हैं, लेकिन असली मजबूती उन सिस्टम्स में होती है जो दिखाई नहीं देते। अच्छी प्लंबिंग से न सिर्फ बिल्डिंग टिकाऊ बनती है, बल्कि ग्राहकों का भरोसा भी मजबूत होता है। उन्होंने बताया कि उनके अनुभव में अजय पाइप्स ने हर प्रोजेक्ट में विश्वसनीयता और उच्च प्रदर्शन दिया है, जिससे सुरक्षित, टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाली इमारतों का निर्माण संभव हो सका है।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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