भारत ने यू.सी.एम.ए.एस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2024 में सबसे ज्यादा ट्रॉफ़ियाँ जीत कर अपना दबदबा कायम किया

punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2024 - 05:41 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो :  भारत, 17 दिसंबर, 2024: भारत ने दुनिया के सबसे बड़े अबेकस और मानसिक अंकगणित की यू.सी.एम.ए.एस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2024 में अपना दबदबा कायम किया है। यह प्रतियोगिता अलग-अलग आयु समूहों (6-13) के लिए आयोजित की गई थी, इस सबसे ज़्यादा पुरस्कार जीत कर भारत ने अपना दबदबा कायम किया है। दिल्ली में 15 जनवरी को संपन्न हुए दो दिवसीय कार्यक्रम में 30 देशों के 6000 छात्रों की रिकॉर्ड भागीदारी देखी गई। दुनिया और भारत के विभिन्न हिस्सों के शीर्ष कलाकारों ने अपने असाधारण कौशल के लिए 1,250 से अधिक ट्रॉफियां जीतीं।

 

यू.सी.एम.ए.एस इंटरनेशनल प्रतियोगिता 2024 जो दुनिया की सबसे बड़ी अबेकस और मेंटल अर्थमैटिक प्रतियोगिता है, इसे दूसरी बार आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दो दिनों तक चला, जिसमें 30 देशों के 6,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में दुनिया भर से आए छात्रों ने गणित के प्रश्नों को हल करने की अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन किया। छात्रों के साथ-साथ इस कार्यक्रम में 15,000 से भी अधिक अन्य लोग, समर्थक व उनके माता-पिता शामिल हुए। इस कार्यक्रम में भारत के 24 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया और छात्रों को 10,000 से अधिक ट्रॉफी देकर उनकी असाधारण योग्यता का सम्मान किया गया। ‌

 

दिल्ली में वैश्विक स्तर पर आयोजित यह कार्यक्रम छात्रों के मानसिक विकास को और बढ़ाने के प्रति यू.सी.एम.ए.एस की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में अबैकस और मेंटल अर्थमैटिक की तकनीकों से और क्या बेहतर कर सकते हैं, यह हौसला बढ़ाना था।

 

पत्रकारों से बात करते हुए, यूसी इंटरनेशनल कॉरपोरेशन के सीईओ एलेक्सन वोंग ने कहा कि, “यू.सी.एम.ए.एस प्रतियोगिता अपने आप में बहुत ही प्रभावशाली प्रतियोगिता बन गई है। जिसमें वैश्विक स्तर पर इतने सारे छात्र मेंटल अर्थमैटिक की शक्ति का प्रदर्शन करने हेतु एक साथ एकत्रित हुए। यह प्रतियोगिता न सिर्फ उनकी बौद्धिक क्षमता की परीक्षा लेती है बल्कि उनकी रचनात्मकता को और बढ़ाने का भी प्रयास करती है।

 

श्रीवोंग ने आगे कहा कि, “यू.सी.एम.ए.एस अबैकस के प्राचीन उपकरण को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के साथ जोड़कर एक अनोखा शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है। यू.सी.एम.ए.एस के पाठ्यक्रम से दुनिया भर के 30 लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए हैं, जिनकी रचनात्मक क्षमता और अधिक मजबूत हुई है।"

 

इस प्रतियोगिता में छात्रों को केवल अबैकस या मेंटल मैथ तकनीकों का उपयोग करते हुए 8 मिनट में 200 गणितीय सवाल हल करने थे। यह न केवल उनकी गणितीय दक्षता का प्रमाण है, बल्कि उनकी विजुअल मेमोरी, फोकस और समग्र शिक्षा उत्कृष्टता का भी प्रमाण है।  

 

इस आयोजन के महत्व पर बात करते हुए, यू.सी.एम.ए.एस इंडिया के सी.ई.ओ और अध्यक्ष डॉ. स्नेहल करिया ने कहा कि, यू.सी.एम.ए.एस दुनिया भर में दो दशकों से अधिक समय से इस क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि, जैसा कि हम यू.सी.एम.ए.एस इंडिया के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, हम दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी करके रोमांचित हैं। यह मंच न केवल हमारे छात्रों की अविश्वसनीय प्रतिभा को उजागर करेगा, बल्कि भविष्य के लिए भी चुनौतियों से निपटने हेतु उन्हें मानसिक तौर पर तैयार करेगा। 

 

डॉ. करिया ने आगे कहा कि, "संगठन भारत भर में फ्रैंचाइज़ी के साथ आप विस्तार कर रहा है और जल्द ही कई नए केंद्र खोलने की योजना है। यू.सी.एम.ए.एस इंडिया बच्चों को गणित में एक मजबूत आधार बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्हें प्रतिस्पर्धा से भरी इस दुनिया में सफलता के लिए तैयार करता है,"

 

यू.सी.एम.ए.एस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी व्यक्तियों में मलेशिया से यू.सी.एम.ए.एस मुख्यालय टीम शामिल थी, जिसमें डॉ. क्रिस च्यू, एलेक्सन वोंग और  वोंग झूयिंग भी मौजूद रहे। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में भारत में कोस्टा रिका की राजदूत सुश्री पाउला कोटा रामिरे, भारत में फिलिस्तीन के राजदूत डॉ. अबेद एलराज़ेग अबू जाज़र, भारत में रूसी दूतावास के प्रथम सचिव श्री अर्दक काकिमज़ानोव और सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल मालिक और सलाहकार श्री इब्राहिम बेन हुसैन अल अमारी जैसे प्रतिष्ठित राजनयिकों ने भी भाग लिया। उनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम के वैश्विक महत्व को और बढ़ा दिया, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में यू.सी.एम.ए.एस के अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव पर प्रकाश पड़ा।

 

अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तियों के अलावा, इस कार्यक्रम में भारत के कई नेता भी शामिल हुए। सांसद मनोज तिवारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने यू.सी.एम.ए.एस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2024 में भाग लिया और युवा प्रतिभागियों को अपना प्रोत्साहन और समर्थन दिया। दोनों नेताओं ने छात्रों, अभिभावकों और विश्व नेताओं के साथ बातचीत की और यू.सी.एम.ए.एस जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा और संज्ञानात्मक कौशल के विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।

 

प्रतियोगिता के बाद, एक पुरस्कार समारोह में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 1,250 से अधिक ट्रॉफियाँ प्रदान की जाएँगी। इस समारोह में छात्रों, माता-पिता, गणमान्य व्यक्तियों और वीआईपी मेहमानों की उपस्थिति में प्रतिभाशाली छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाया जाएगा।  

 

*यू.सी.एम.ए.एस के बारे में*

1993 में मलेशिया में स्थापित, यू.सी.एम.ए.एस एबैकस-आधारित मानसिक गणित शिक्षा प्रदान कराने में सबसे आगे है। 80 से अधिक देशों और दुनिया भर में 6,000 से अधिक केंद्रों में उपस्थिति के साथ, यूसीएमएएस ने वैश्विक स्तर पर तीन मिलियन से अधिक बच्चों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। संगठन का समय-परीक्षणित पाठ्यक्रम पूरे मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे बच्चों को अपना ध्यान, स्मृति, रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल बढ़ाने में मदद मिलती है।

 

*यू.सी.एम.ए.एस इंडिया के बारे में*

यू.सी.एम.ए.एस इंडिया 1999 में अपनी स्थापना के बाद से मानसिक गणित शिक्षा में अग्रणी रहा है। 2024 में, यू.सी.एम.ए.एस इंडिया नए बच्चों को सशक्त बनाने में 25 साल की सफलता का जश्न मनाएगा। संगठन भारत भर में फ्रैंचाइज़ी के साथ अपनी पहुँच का विस्तार कर रहा है और जल्द ही कई नए केंद्र खोलने की योजना है। यू.सी.एम.ए.एस इंडिया बच्चों को गणित में एक मजबूत आधार बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्हें प्रतिस्पर्धी दुनिया में सफलता के लिए तैयार करता है। यह संगठन एबैकस और मानसिक अंकगणित में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। देश भर में अपने केंद्रों के लगातार बढ़ते नेटवर्क के साथ, यू.सी.एम.ए.एस इंडिया नए तेज दिमाग वाले बच्चों को आकार देना जारी रखता है, जिससे गणित सीखना एक रोमांचक और पुरस्कृत यात्रा बन जाती है। 

 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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