ओलंपिक में हरियाणा के 31 खिलाड़ी लड़ेंगे पदक की लड़ाई : संदीप सिंह

punjabkesari.in Sunday, Jul 11, 2021 - 01:11 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : लंदन में हुए ओलंपिक गेम्स में बतौर हॉकी टीम कप्तान रहे संदीप सिंह ने क्वालीफायर्स टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम को जीत दिलवाई थी। उनके बेहतरीन प्रदर्शनों के चलते प्रदेश सरकार ने उन्हें डीएसपी की नौकरी से नवाजा था। 1986 में जन्मे संदीप सिंह ने भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी से टीम कप्तान और फिर डीएसपी से विधायक और विधायक से खेल मंत्री तक का सफर तय कर लिया। अब वह राजनीति के बेहतरीन खिलाड़ी माने जाते हैं।

बता दें कि संदीप सिंह की धर्मपत्नी हरजिंदर कौर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रह चुकी हैं। जिन्होंने शादी के बाद खेल से त्याग कर दिया था। आज पंजाब केसरी ने संदीप सिंह से खास मुलाकात की। जिसमें हरियाणा में होने वाले खेलों इंडिया के आयोजन और हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा ओलंपिक में जाने जैसी बहुत सी जानकारियां ली गई। उनसे हरियाणा की खेल नीति, खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि व नौकरी के बारे में भी चर्चा की गई। राजनीति के कई पहलुओं पर भी उनसे बातचीत हुई। जिसमें कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

प्रश्न : केंद्रीय मंत्रिमंडल में नए खेल मंत्री बनाए गए हैं। क्या उम्मीदें हैं ?
उत्तर : 
बिल्कुल, पहले खेल विभाग के मंत्री किरण रिजिजू जी थे। अनुराग ठाकुर जी अब नए खेल मंत्री बनाए गए हैं। पहले ठाकुर जी खुद स्पोर्ट्स मैन थे। अच्छे क्रिकेटर रहे हैं। फिर वह क्रिकेटर एसोसिएशन के साथ जुड़े रहे। अब उन्हें खेल मंत्री बनाया गया है।बहुत बधाई देता हूं। उनकी अगुवाई में ओलंपिक में हमारे अच्छे मेडल आए और उनकी अगुवाई में हम हरियाणा में खेलो इंडिया होस्ट करें, मैं अच्छे रिजल्ट की उम्मीद करता हूं।

प्रश्न : अनुराग ठाकुर पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से हैं और हरियाणा से भी उनका बेहद लगाव रहा है। इस से क्या उम्मीदें हैं ?
उत्तर : 
उनके मंत्री बनने से दो-तीन पॉजिटिव बातें हैं। एक तो वह पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से हैं। दूसरा वह खुद खिलाड़ी रहे हैं। तीसरा वह युवा हैं। उनके साथ कोर्डिनेट करके हम हरियाणा को स्पोर्ट्स में काफी डेवलपमेंट कर सकते हैं। अनुराग ठाकुर जी को खेल मंत्री बनाया जाना हरियाणा के लिए एक सौभाग्य है। किरण रिजिजू जी ने भी हमें कई तोहफे दिए। मैं उनका भी धन्यवाद करता हूं और उम्मीद करता हूं कि नए खेल मंत्री हरियाणा को और बड़ी सौगातें देंगे।

प्रश्न : ओलंपिक गेम्स में हमारे कितने प्लेयर्स किन-किन गेम्स में जा रहे हैं ?
उत्तर : 
हमारे हरियाणा के 31 खिलाड़ी इसमें पार्टिसिपेट करने वाले हैं। जो कि एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, रेसलिंग, हॉकी, शूटिंग मे खेलने वाले हैं। इसमें से मेरी गेम हॉकी के 11 खिलाड़ी है। जिसमें से 9 लड़कियां और 2 लड़के हैं। बॉक्सिंग, रेसलिंग और शूटिंग गेमस में इस बार मेडल लाने की बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। बहुत से खिलाड़ी इस बार मेडल लाने का दावा कर रहे हैं। मेरी भी यही राय है कि परफॉर्मेंस अच्छी होगी तो मैडल लाना निश्चित है।

प्रश्न : आपकी गेम हॉकी रही है। उससे क्या उम्मीदें हैं ?
उत्तर : 
हॉकी में आज की तारीख में क्वार्टर फाइनल सबसे मेजर होता है। लीग्स मैच में आप अपने आपको प्रिपेयर कर सकते हैं। गलतियों को सुधार कर आप आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन क्वार्टर फाइनल में गलती की गुंजाइश नहीं होती। एक छोटी सी गलती बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। मुझे लगता है कि क्वार्टर फाइनल पहुंचने के लिए हमें तैयारी करनी चाहिए।

प्रश्न : भारतीय खिलाड़ी ध्यान सिंह हॉकी के जादूगर माने जाते हैं। ऐसे में हॉकी में भारत क्यों पिछड़ता जा रहा है ?
उत्तर : 
अगर हम रैंकिंग देखें तो 2002 में हम 13-14 रैंकिंग में चल रहे थे। धीरे-धीरे जब मैं भी खेलता था तो हम छठे स्थान पर आ गए थे। आज हॉकी में हम तीसरे-चौथे स्थान पर हैं। टॉप 5 में रहना बहुत बड़ी बात होती है। क्योंकि पहली टीमें किसी भी दिन किसी को भी बीट कर सकती हैं और किसी भी दिन किसी से बीट भी हो सकती हैं। यानि कोई कभी भी चैंपियन बन सकता है और कोई कभी भी चैंपियन से हट सकता है। सिर्फ फर्क यह है कि हमारी भारतीय टीम को आत्मविश्वास रखना होगा। तजुर्बे और यंगस्टर के कोंबो से हमे जीत में कैसे बदलना है, इस पर ध्यान देना होगा।

प्रश्न : ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों को किस प्रकार से हरियाणा सरकार प्रोत्साहित कर रही है ?
उत्तर : 
हमारे माननीय मुख्यमंत्री और कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है कि खेलने के लिए जाने वाले खिलाड़ियों को 15 लाख में से 5 लाख रुपए हम पहले ही दे देंगे और वह सभी के अकाउंट में रकम जा भी चुकी है। मेरी दो-तीन दिन पहले सभी इन खिलाड़ियों से वीडियो के माध्यम से चर्चा हुई तो खिलाड़ियों ने इस पेमेंट के लिए धन्यवाद भी किया। इनमें से कुछ खिलाड़ी बजरंग, संजीव राजपूत बाहर रहकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। ऐसे खिलाड़ियों का सिर्फ यही कहना है कि हमें पैसा मिल गया है। लेकिन हमारा लक्ष्य मेडल लाकर मुख्यमंत्री साहब से और बड़ी सौगात लेने का है।

प्रश्न : पदक लाने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक नीति में क्या प्रावधान है ?
उत्तर : 
आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्स पर्सन की पॉलिसी में ए ग्रेड का रैंक दिया जाएगा और ए ग्रेड में बेस्ट जॉब दी जाएगी। हमारा मकसद भी यही है कि वह मेडल लेकर आएं और हम उन्हें कैश अवार्ड भी दें और नौकरी भी ऑफर करें। जिससे वह हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ियों को मोटिवेट भी करें और हरियाणा स्वस्थ बने।

प्रश्न : खेलों इंडिया को लेकर क्या तैयारियां हैं ?
उत्तर : 
इंफ्रा के ऊपर हम शुरू से ही काम कर रहे हैं। अगर किसी कारण तीसरी लहर का अंदेशा होता है तो देखते हैं क्या रहेगा।

प्रश्न : तैयारियों में किन चीजों पर प्रमुख रूप से फोकस है ?
उत्तर : 
अभी तो जुलाई माह ही चल रहा है। अगस्त तक इंफ्रा तैयार करने की तैयारी में है। हमारा मैदान तैयार कर लिया जाएगा। बाकि तैयारियां मैनेजमेंट की होती हैं। उस पर भी हमारा पेपर वर्क चल रहा है। उस पर जो टेंडर लगने हैं वह भी लग रहे हैं। जैसे ही वह कंप्लीट होंगे तो मैनेजमेंट कंपनियां उसे टेकओवर कर लेंगी। क्योंकि यह बहुत बड़ा इवेंट होता है। अगर हम ओलंपिक एशियन गेम्स देखें चाहे हमारी नेशनल गेम्स हो या पहले की खेलो इंडिया गेम्स हो सभी में अधिकतर मैनेजमेंट कंपनियां ही हैंडल करती हैं। इसमें बच्चों के रहने-खाने-ट्रैवलिंग-साइड सीन देखना- मैंचिज का टेलीकास्ट होना ऐसी बहुत सी चीजों को मैनेज करने का टेंडर हमने लगा दिया है। जैसे ही कंपनियां तय होती है जो कि पूरे इंडिया की चार-पांच टॉप कंपनियां हैं जो इन चीजों को हैंडल करती हैं, वही हैंडल करेंगी। केंद्र और प्रदेश सरकार पूरा सहयोग करेंगी।

प्रश्न : हॉकी के खिलाड़ी से टीम के कप्तान बने, पुलिस के अधिकारी से अब मंत्री बने, कांग्रेस की गुटबाजी को कैसे देखते हैं ?
उत्तर : 
इसमें में सिर्फ एक ही बात कहना चाहूंगा कि जिस घर में शांति नहीं होती, वह घर ज्यादा दिन तक नहीं चल पाता।

प्रश्न : इनेलो सुप्रीमो की रिहाई पर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
मैं उनको और उनके परिवार को बधाई देता हूं। उनके कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। उनके आने से काफी बदलाव राजनीति में देखने को मिलेंगे।

प्रश्न : किसान आंदोलन को लेकर क्या अपील करना चाहेंगे ?
उत्तर :
हर चीज पर सरकार एमएसपी दे रही है। केंद्र सरकार की तरफ से कई चीजों पर एमएसपी दी जा रही है। किसानों से पूछो तो उनकी खरीद बहुत अच्छी हो रही है। पुराने टाइम से एक कहावत है कि पहले इस्तेमाल करो- फिर विश्वास करो। जब हमने इस्तेमाल ही नहीं किए तो पता कैसे चलेगा कि कानून अच्छे हैं या नहीं।

 


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Content Writer

Manisha rana

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