VIDEO: सरकारी नौकरियों में 31.35 प्रतिशत जाटों का दबदबा, आरक्षण आ सकता है कानूनी घेरे में

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 05:14 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में जाट, बिश्नोई समेत 6 जातियों के आरक्षण कानून के घेरे में आ सकता है क्योंकि सरकारी नौकरियों में अन्य वर्गों के मुकाबले इन जातियों का का दबदबा पहले ही बहुत ज्यादा 31.35 प्रतिशत है। अगर केवल जाटों की बात की जाए तो भी नौकरियों में इनका प्रतिनिधित्व 28.28 प्रतिशत है, जबकि जाट नेता हवा सिंह सांगवान के मुताबिक हरियाणा में जाट आबादी करीब 25 प्रतिशत है। सबसे कम प्रतिनिधित्व बैकवर्ड क्लास-बी का 12.05 प्रतिशत है। हाल ही में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को उपलब्ध कराए गए अधिकारियों-कर्मचारियों के जातिगत प्रतिनिधित्व की सूची से यह खुलासा हुआ है।

हाईकोर्ट के आदेश पर मांगा गया जातिगत डाटा
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश के तहत आयोग ने राज्य सरकार से पिछले दिनों सभी सरकारी कर्मचारियों का जातिगत डाटा मांगा था। इसके तहत मुख्य सचिव डीएस ढेसी की ओर से आयोग को भेजे आंकड़ों में बताया गया कि राज्य में कुल 2.58 लाख पद स्वीकृत हैं। इनमें से राज्य सरकार 2 लाख 41 हजार 934 कर्मचारियों का ही जातिगत डाटा जुटा पाई है।

बीसी-सी में जाट की हिस्सेदारी बेहतर
बैकवर्ड क्लास -सी की ही अगर बात करें तो इसमें भी क्लास वन से लेकर क्लास-4 तक जाट समुदाय की हिस्सेदारी अन्य से बेहतर है। यानी इस ग्रुप के कुल 75840 पदों में से 68427 पदों पर इसी वर्ग के लोग काम कर रहे हैं। जो कुल सरकारी नौकरियों में 28.28 प्रतिशत हिस्सा है। जबकि अगर इसमें जट सिख, मुल्ला जाट और मुस्लिम जाट भी जोड़ दिए जाएं तो यह आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

16 हजार का नहीं मिला रिकॉर्ड
सरकार 16 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का डाटा तो जुटा ही नहीं पाई है। जबकि करीब 1200 अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी जाति का पता ही नहीं चल पाया है। इनके अलावा अगर आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत कांट्रेक्ट, अनुबंध और एडहॉक बेसिस पर लगे कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया जाए तो यह प्रतिनिधित्व और भी ज्यादा होने की संभावना है।


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