हरियाणा में संक्रमण की टूटती ''चेन'' से आम आदमी को मिला चैन!

punjabkesari.in Sunday, May 23, 2021 - 03:00 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : कोरोना संक्रमण की बढ़ रही रफ्तार पर लगे अंकुश से जहां शासन-प्रशासन की चिंता कम हुई है तो वहीं आमजन को भी बड़ी राहत मिली है। बेशक सरकार ने बढ़ते संक्रमण के दौरान कई पहलुओं पर बड़ी बारीकी से काम किया मगर इसमें भी कोई दोराय नहीं कि संक्रमण की भयावहता का ही आलम मान लीजिए कि आमजन अपने स्तर पर भी खुद को महफूज रखने के लिए कई एहतियात बरतने लगा और इसी की बानगी है कि हर तरफ से उठाए गए सार्थक कदमों के परिणाम भी सुखद हासिल हुए।

पिछले करीब एक पखवाड़े से अधिक का समय गुजरा है जब इस संक्रमण की टूटती 'चेन' से हर किसी को चैन मिला है। अब समूचे प्रदेश के जिलों से कोरोना संक्रमण के लिहाज से खबर अच्छी ही मिल रही है। जबकि करीब 20 रोज पहले के हालात काफी चिंतनीय थे और स्थिति भी हर तरफ काफी विकराल थी क्योंकि कहीं ऑक्सीजन और बैड को लेकर लोग भटक रहे थे तो वहीं दवाओं को लेकर भी कालाबाजारी की खबरों ने हैरत में डाल दिया था मगर इस दिशा में सरकार के कदम काफी असरकारक रहे कि जहां कालाबाजारी पर अंकुश लगाया तो वहीं भले ही एयरलिफ्ट के माध्यम से मगर ऑक्सीजन की किल्लत को भी दूर किया गया।

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प्रदेश में स्थापित हुआ सुरक्षा चक्र
गौरतलब है कि इस साल मार्च माह के अंत में कोरोना संक्रमण का नया वायरस ऐसा फैला कि देखते ही देखते इसका पूरे हरियाणा पर प्रभाव पडऩे लगा। संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ साथ इसकी चपेट में आने वाले लोगों की मौत का ग्राफ भी ऊंचा हो गया। जैसे जैसे समय आगे बढ़ा कमोबेश संक्रमण की रफ्तार भी कहीं अधिक बढऩे लगी। इस बढ़ते संक्रमण और इससे हो रही मौतों ने समूची शासकीय-प्रशासकीय व्यवस्था की नींद उड़ा दी और आमजनों में भी डर घर कर गया। फौरी तौर पर सरकार को लॉकडाऊन घोषित करना पड़ा और यहां तक की सरकार के सभी मंत्रियों के साथ साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी फील्ड में उतर कर जमीनी हकीकत परखनी पड़ी।

इसका असर ये हुआ कि लोगों में बढ़ते डर और सरकार द्वारा किए गए पुख्ता प्रबंधों के कारण धीरे धीरे संक्रमण का 'साया' कम होता चला गया और इसी का ही परिणाम है कि आज रोजाना सामने आने वाले केसों की संख्या 15 हजार से भी कम होकर करीब 5 हजार तक आ गई है। ऐसे में अब साफ तौर पर फिलहाल कहा जा सकता है कि कोरोना संक्रमण की देशव्यापी लहर के वर्तमान दौर में हरियाणा से अच्छी खबरों का सिलसिला जारी है। आक्सीजन व आवश्यक दवाओं की कमी को दूर करना, जरुरतमंदों व गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत व अन्य सरकारी योजनाओं से मदद पहुंचाने के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से जनमानस के बचाव के लिए ग्राम स्तर पर आवश्यक स्वास्थ्य इंतजाम उपलब्ध करवाते हुए हरियाणा सरकार के कुशल प्रबंधन से एक मजबूत सुरक्षा चक्र स्थापित हो चुका है।

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ये मूलमंत्र भी रहा असरकारक
प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड प्रबंधन के लिए दिए गए मंत्र 'जहां बीमार-वहीं उपचार' पर काम करते हुए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सुविधा के साथ साथ आवश्यक दवाएं, उपकरणों सहित अन्य संसाधनों में बढ़ोतरी की गई। साथ ही 1310 गांवों में चौपालों, पंचायत घरों व सरकारी स्कूलों आदि सार्वजनिक स्थलों पर विकास एवं पंचायत विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर 18270 बेड क्षमतायुक्त विलेज आइसोलेशन सैंटर स्थापित किए, जिनमें 1280 आइसोलेशन सैंटर्स में महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय का प्रबंध किया गया है। इन सैंटर्स पर थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, स्टीमर, बीपी चेक करने की मशीन, बैड व पंखे आदि का इंतजाम किया गया ताकि अपने घर से पास ही कोविड संक्रमित मरीज को आइसोलेशन की सुविधा स्वास्थ्य कर्मियों की देख-रेख में उपलब्ध हो सके। जिन मरीजों के घरों में आइसोलेशन की सुविधा नहीं है उनके लिए विलेज आइसोलेशन सैंटर मददगार साबित हो रहे हैं। इन आइसोलेशन सैंटर्स में कोविड से सम्बंधित लक्षण वाले 64507 के टेस्ट किए गए जिनमें 2704 पॉजिटिव केस मिले और 40598 लोगों को स्वास्थ्य जांच व उपचार की सुविधा मिली।

इस प्रयास ने रोकी संक्रमण की रफ्तार
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में बीती 15 मई से कोरोना के नए मामलों में तेजी सेे कमी आई तो वहीं स्वस्थ होने वालों की संख्या भी निरंतर तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल माह के अंत तक शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मरीजों की संख्या चिंताजनक तरीके से आगे बढ़ रही है। सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थानों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए हरियाणा सरकार ने टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट का मजबूत एक्शन प्लान तैयार किया और 8000 मल्टीडिसिप्लीनरी टीम को घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने की जिम्मेवारी सौंपी।

प्रत्येक टीम को 500 घरों की जांच करनी है और इन टीमों को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले चालीस लाख परिवारों की जांच का लक्ष्य दिया गया था। जिसके चलते हरियाणा सामान्य स्वास्थ्य जांच योजना के तहत 4848 टीमों ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ डोर टू डोर स्वास्थ्य जांच सर्वेक्षण करते हुए राज्य के 4559 गांवों को कवर करते हुए 14,46,716 परिवारों के 64,68,183 सदस्यों की जांच की गई। ग्रामीण स्तर पर मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र तैयार होने का ही नतीजा है कि राज्य में नए मरीजों की संख्या 15 मई के बाद लगातार कम रही है।

पीक के अंदेशे को लेकर बनाई रणनीति
नीति आयोग के अनुमान के अनुसार देश में 15 से 20 मई के बीच कोविड-19 का पीक आने का अनुमान लगाया गया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के सभी जिलों में उपायुक्तों को अलर्ट करते हुए हर संभव इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व की इसी दूरदर्शिता और अनुमान को लेकर बरती गई सतर्कता के सकारात्मक परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं। एक दिन पहले 21 मई को राज्य भर में एक दिन में नए मरीजों की संख्या 5643 रहीं वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 13,486 रही थी।


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Content Writer

Manisha rana

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