हरियाणा के गृह मंत्री बोले- जब मैं लिख देता हूं तो किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं कि वो कार्यवाही ना करें

punjabkesari.in Sunday, Sep 26, 2021 - 04:27 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): जिनके हौसले अकेले चलने के होते हैं एक दिन उनके पीछे ही काफिले होते हैं ये कहावत हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज पर बिल्कुल सटीक बैठती है। काम के प्रति कर्मठता, इमानदारी और हर फैसला राजनीति के लिए नहीं बल्कि इंसानियत, सच्चाई और इंसाफ के लिए लेने का जुनून उन्हें प्रदेश के हर मंत्री से अलग खड़ा कर देता है। समय और परिस्थितियां कैसी भी रहे उन्होंने कभी वक्त से समझौता नहीं किया। गैर राजनीतिक परिवार में जन्में-एक छोटे से कर्मचारी से जीवन की शुरुआत करने वाले अनिल विज आज प्रदेश के बेहद ताकतवर और लोकप्रिय मंत्री हैं। 

लोगों की आस्था और विश्वास उनमें इस कदर है कि हर जगह उनका ठहराव एक बड़े जनसमूह का रूप ले लेता है। हर जगह से मायूस हो चुका व्यक्ति अंत में उन्हीं से इंसाफ पाता है और अगर बात करें उनके द्वारा लगने वाले हर शनिवार और रविवार को खुले दरबार की तो उसमें हजारों फरियादियों की भीड़ तरह-तरह की शिकायतें लेकर पहुंचती हैं। अनिल विज के पास गृह और स्वास्थ्य जैसे बेहद बड़े और ताकतवर विभाग हैं और आमतौर पर पुलिस के खिलाफ शिकायतों का तो इनके पास अंबार लगता है।  

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इस खुले दरबार में प्रदेश के कोने-कोने से सभी 22 जिलों से लोग अपनी शिकायतों को लेकर निवारण के लिए पहुंचते हैं। कहीं बच्चों द्वारा बुजुर्ग माता-पिता को दी जाने वाली यातनाओं का मामला, कहीं किसी की प्रॉपर्टी पर किसी और का कब्जा तो कहीं पुलिस द्वारा उचित कार्यवाही की बजाए दूसरे आरोपी पक्ष की मदद का मामला, इस प्रकार के बहुत से मामलों का निवारण गृह मंत्री अनिल विज मौके पर ही अपनी टीम को करवाने के आदेश देते हैं। अनिल विज के जनता दरबार में वरिष्ठ अधिकारियों की भी मौजूदगी रहती है। इस खुले दरबार के अंदर इनके अधीनस्थ विभागों के बहुत से कर्मचारी भी अपनी समस्याओं के कारण अपने तबादले रुकवाने या करवाने बारे भी पहुंचे देखे जा सकते हैं।

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज का यह दरबार पूरी तरह से व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाता है। जिसमें भारी पुलिस बल तैनात रहता है। हजारों लोगों के बैठने के लिए टेंटो के नीचे कुर्सियों का बेहद सुसज्जित प्रबंध किया जाता है। साथ ही भोजन और शुद्ध पानी की व्यवस्था रहती है। जिसमें कोरोना के प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। अनिल विज एक कमरे में बैठे सभी फरियादियों की माइक द्वारा शिकायतें सुनते हैं और परिस्थितियों को समझते हुए मौके पर मौजूद अपने स्टाफ को आदेश जारी करते हैं कि शिकायत पर इस प्रकार की कार्यवाही करनी है। 

उनका स्टाफ बकायदा उसे रजिस्टर्डड करता है और फिर गृह, स्वास्थ्य मंत्री के साइन करवा कर कंप्यूटर में इसे चढ़ाता है और संबंधित विभागों के पास उचित व संतोषजनक कार्यवाही के लिए भेजता है। तुरंत प्रभाव से विभाग के पास भेजे जाने की जानकारी का एक एसएमएस शिकायतकर्ताओं के पास भी चला जाता है। बाद में इस पर फॉलोअप भी लिया जाता हैं। इस प्रकार से पूरे प्लैंड और व्यवस्थित तरीके से अनिल विज का अंबाला में दरबार सजता है। जिसमें अनिल विज के पास पहुंची शिकायतों का अंबार लग जाता है और बहुत से मामलों का निपटान मौके पर करके लोगों को राहत प्रदान कर दी जाती है।

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प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य एवं निकाय मंत्री अनिल विज का एक यही स्टाइल दूसरे मंत्रियों से उन्हें एक अलग पहचान देता है। उनकी यही खासियत सियासतदानों की लिस्ट में उन्हें नंबर एक पर बना कर रखती है। जनता का यह नेता जनता के बीच और जनता के लिए तकलीफों-समस्याओं को दूर करने के लिए सभी परिस्थितियों से लड़ता हुआ अपने को पूर्ण रूप से समर्पित करता हुआ दिखता है। जहां रोते-उदास चेहरे वाले आए लोग एक सुंदर मुस्कान के साथ लौटते देखे जाते हैं। प्रदेश की सरकारी कुर्सियों पर बैठे भ्रष्ट लापरवाह और नकारा अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए यहां किसी प्रकार की छूट नहीं है। लेकिन इस दरबार में बहुत से सरकारी लोग भी अपनी समस्याओं को बताकर निवारण लेकर जाते देखे जाते हैं। यानि गरीब हो या अमीर, बड़े से बड़ा अधिकारी हो या आम व्यक्ति हर किसी को यहां इंसाफ की गारंटी है। 

इस कर्मठ, ईमानदार मंत्री के व्यवहार के कारण ही यह अजेय की भूमिका में उस समय भी दिखे जब हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का नाम लेना भी कहीं कहीं नजर आता था। लेकिन जनता के प्रति इनके झुके भावों ने जनता को हमेशा इनकी ओर झुका कर रखा। इनकी विधानसभा की जनता इनके लिए हर कुर्बानी देने को हमेशा तैयार रहती है। देश- प्रदेश के मंत्रियों-उच्चाधिकारियों तक से शिकायतें करने के बावजूद इंसाफ न मिलने वाले लोग भी इनसे उम्मीदें बांदे नजर आते हैं। इनके दरबार में आने वाले लोगों की आंखों में उम्मीद और आस दिखना एक आम बात है। 

स्वास्थ्य विभाग के मंत्री अनिल विज ने कोरोनाकाल के दौरान लूटमारी मचाने वाले बहुत से निजी अस्पतालों पर बड़ी कार्यवाही भी की थी। इसलिए अब भी प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें लेकर भी लोग इनके पास पहुंचते हैं। समय-समय पर स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद निजी अस्पताल और पीजीआई चंडीगढ़ में भी उन्होंने अपनी फाइलों का काम कभी नहीं रोका।

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उनकी इस अदा को देखने के बाद जब उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने कहा जनता ने चुना है, इसलिए जनता की शिकायतों को सुनना हमारा फर्ज बनता है। समस्याओं का निवारण, तकलीफों को दूर करना हमारा कर्तव्य है। लेकिन मैं अपने को कभी मंत्री या ताकतवर नहीं मानता। मैं एक कार्यकर्ता हूं और उसके नाते मुझे जो काम करना चाहिए, जो काम मैं कर सकता हूं, वह मैं करता हूं। काम करना मेरा जुनून है और मेरा मानना है कि मेरी वजह से कभी कोई काम नहीं रुकना चाहिए। फाइलें चलने से ही सरकार चलती है और फाइलें रुक जाए तो सरकार रुक जाती है। इसीलिए मैं कोशिश यही करता हूं कि परिस्थितियां कुछ भी रहे, मेरे दफ्तर की, मेरे विभाग की कोई भी फाइल न रुके। मंत्री बनने से अब तक मेरा यही प्रयास है कि मेरे दफ्तर का कोई भी काम पेंडिंग ना रहे। विज ने कहा कि लोग जब मेरे दरबार में आकर दुख तकलीफ बताते हैं तो मैं भी भावुक हो जाता हूँ और उनके मामले की गहराई से जांच करवाने की हमेशा मेरी कोशिश रहती है।

अनिल विज ने कहा कि मैं ऑन द स्पॉट डिसीजन लेता हूं। मेरा स्टाफ भी मेरी तरह किसी भी काम में ढिलाई नहीं बरत सकता। संबंधित शिकायतों को तुरंत विभाग के पास भेज कर उचित और संतोषजनक कार्यवाही के आदेश जारी किए जाते हैं। जब मैं लिख देता हूं तो हरियाणा में किसी की हिम्मत नहीं की कार्यवाही न करें।


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Content Writer

vinod kumar

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