गैस चैंबर बना हरियाणा: बहादुरगढ़ में AQI लेवल 450 के पार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया लाखों का जुर्माना
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2024 - 01:37 PM (IST)
बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़) : देश की राजधानी दिल्ली से सेट बहादुरगढ़ में भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आज बहादुरगढ़ में एक्यूआई लेवल 457 दर्ज किया गया। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में एनजीटी द्वारा निर्धारित ग्रेप-4 की पाबंदियां भी लागू कर दी गई है। इतना ही नहीं हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बहादुरगढ़ में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पीडब्ल्यूडी और एचएसआईडीसी पर 10-10 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए लागू किए गए नियमों की अवहेलना किए जाने के कारण लगाया गया है। इतना ही नहीं बहादुरगढ़ नगर परिषद और हरियाणा विकास प्राधिकरण को भी प्रदूषण रोकने के लिए उचित उपाय नहीं करने के लिए नोटिस भी थमाया गया है।
दिल्ली व बहादुरगढ़ में बढ़ रहा प्रदूषण
राजधानी दिल्ली और बहादुरगढ़ में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है, जिसके चलते आम लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बहादुरगढ़ में आज तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है यहां आज न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है। बढ़ती ठंड के चलते आने वाले कुछ दिनों तक प्रदूषण स्तर और बढ़ाने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई है। बीएस-4 और इससे नीचे के डीजल से चलने वाले हैवी व्हीकलस की एंट्री राजधानी दिल्ली में बंद कर दी गई है। तमाम तरह के निर्माण कार्य पर भी रोक लगाई गई है।
झज्जर जिले में पराली जलाने के अब तक महज दो मामले ही सामने आए हैं। पराली जलाने वाले किसानों पर मामला दर्ज कर लिया गया है । झज्जर और बहादुरगढ़ में पराली की ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है। यहां प्रदूषण टूटी हुई सड़कों से उड़ने वाली धूल और निर्माण कार्यों की वजह से उठने वाली धूल से ज्यादा फैल रहा है। इतना ही नहीं औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण फैक्ट्री से दिन-रात उठने वाले धुएं की वजह से भी लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में जिम्मेदार विभाग ना तो सड़कों पर पानी का छिड़काव करवा रहे हैं और ना ही मैन्युअल स्वीपिंग बंद की गई है। प्रदूषण रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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