Yamunanagar News: सेहत के लिए घातक हो सकती दूध से बनी मिठाइयां, खरीदने से पहले जांच लें गुणवत्ता

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 08:31 AM (IST)

यमुनानगर : सावधान, त्यौहारों के इस सीजन में कहीं आप दुग्ध उत्पाद के नाम पर जहर तो नहीं खा रहे। यदि आप ऐसा कर रहे हो तो यह आपके लिए घातक हो सकता है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि जिले के फूड सेफ्टी ऑफिसर कह रहे हैं कि दूध के उत्पादों से परहेज किया जाए। उनका कहना है कि एक तो त्यौहारों के सीजन में दूध से बने उत्पाद मिलावटी हो सकते हैं या फिर यदि सही भी हैं तो जल्दी खराब हो जाते हैं। 

त्यौहारों के इस सीजन में अन्य जानकार भी दूध से बनी वस्तुओं से दूर रहने की ही सलाह देते हैं। आप दूध से बने कोई भी खाद्य पदार्थ खा रहे हो या फिर त्यौहारों पर उपहार के रूप में अपने मित्र, रिश्तेदार या अन्य किसी परिचित को दे रहे हो तो पहले उसकी गुणवत्ता को जांच लें। जानकारी अनुसार इन दिनों जबकि दुग्ध उत्पाद के मांग ज्यादा रहती है तो ऐसे में अधिकतर उत्पाद नकली दूध से ही बनाए जा रहे हैं, फिर चाहे वह खोया हो या पनीर। दूध की गुणवत्ता पर तो पहले से ही प्रश्नचिन्ह लगा है, ऐसे में त्यौहारों के इस सीजन में तो इतना अधिक दूध कहां से आ रहा है इस बात का अनुमान सहज जी लगाया जा सकता है।

अलग-अलग तरीकों से होता है दूध तैयार 

जानकारी अनुसार नकली दूध का कारोबार शहर में खूब चल रहा है। कुछ लोग पाऊडर से दूध बनाने का काम कर रहे हैं। दूध का कारोबार करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि लगभग 300 रुपए का एक पैकेट पाऊडर का आता है और उसे 10 लीटर या उससे भी कुछ अधिक दूध बनाया जा सकता है और ऐसे ही इन दिनों दूध बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे भी दूध का कारोबार करने वाले लोग हैं जो अलग-अलग साधनों और रसायनों से दूध बना रहे हैं जो कि सेहत के लिए भी हानिकारक है।  दूध में फैट बढ़ाने के लिए भी उन द्वारा कुछ किया जाता है लेकिन पूरी तरह से उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया। इस प्रकार के दूध का कारोबार विशेष रूप से त्यौहार के दिनों में और भी अधिक चलता है। यह भी जानकारी मिली है कि जिस पाऊडर से दूध बनाया जाता है उससे कुछ नुकसान नहीं होता लेकिन जो दूध रसायन से बनाया जाता है उससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है।  

क्या कहते हैं अधिकारी 

फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉ. अमित कुमार बताते हैं कि उनके पास कुरुक्षेत्र व करनाल जिले का भी चार्ज है और यमुनानगर का चार्ज उन्होंने अभी हाल ही में संभाला है। चार्ज संभालते ही उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठानों पर छपामार कार्रवाई की है ताकि मिठाइयों की गुणवत्ता को जांचा जा सके। सबसे अधिक शिकायत दूध व दूध से बने उत्पाद को लेकर आती है। अभी तक वह 3 दर्जन के करीब प्रतिष्ठानों में जहां थोक के हिसाब से मिठाई बनाई जा रही है, में जाकर मिठाई का सैंपल ले चुके हैं ताकि उसकी जांच करवाई जा सके। उन्होंने बताया कि कुछ मिठाइयां ऐसी होती है जो जल्दी खराब हो जाती हैं जिनमें दूध की मिठाई विशेष रूप से होती है। कुछ ऐसी मिठाइयां होती हैं जो 2 से 3 महीने तक भी चल सकती हैं जिनमें मुख्य रूप से बतीसा शामिल है। उनका कहना है कि किसी प्रकार की मिलावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हर दुकानदार को मिठाई हो या कोई भी खाद्य सामग्री उसमें गुणवत्ता बनाकर रखनी पड़ेगी, नहीं तो उसके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

लगभग 3 दर्जन प्रतिष्ठानों से लिए जा चुके सैंपल

इन दोनों फूड सेफ्टी ऑफिसर एवं उनकी टीम भी अलर्ट मोड पर है। पिछले कुछ ही दिनों में टीम द्वारा लगभग 35 से अधिक मिष्ठान प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्रवाई की गई की गई। इन दुकानों से विभिन्न मिठाइयों के सैंपल एकत्रित किए गए और उन्हें जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित फूड सेफ्टी की लैब में भेज दिया गया। विभाग द्वारा यह कार्रवाई उन स्थानों पर की गई जहां थोक के हिसाब से मिठाइयां व दूध से बने उत्पाद तैयार हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त शहर के बड़े-बड़े मिठाई के प्रतिष्ठानों पर भी छापे मारे गए और सैंपल लिए गए। 

फूड सेफ्टी ऑफिसर का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इन बड़े प्रतिष्ठानों से ही छोटी-छोटी दुकानों, यहां तक कि बड़ी दुकानों पर भी माल सप्लाई होता है और यदि विभाग इन बड़े प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करता है तो स्वाभाविक रूप से केवल एक प्रतिष्ठान नहीं बल्कि दर्जनों प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हो जाती है। अब विभाग द्वारा जो सैंपल लिए गए हैं उनकी रिपोर्ट लगभग 15 दिन के भीतर मिलेगी और तब पता चलेगा कि मिठाई में कितनी मिलावट थी। यदि मिठाइयों में मिलावट पाई जाती है तो फूड सेफ्टी एक्ट के तहत दुकानदार पर कार्रवाई की जाएगी।  यदि कोई ऐसा कैमिकल मिठाई में पाया जाता है जिससे मानव के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है तो उस दिशा में दुकानदार को 6 माह सजा तथा 10 लाख रुपए तक जुर्माना भी हो सकता है। इस प्रकार के केस कोर्ट में चलते हैं और फिर कोर्ट के फैसले के अनुसार ही दंड का प्रावधान है। यदि कोई छोटी कमी पाई जाती है तो उस दिशा में भी दुकानदार को जुर्माना किया जा सकता है।

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Content Writer

Manisha rana

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