आशा वर्कर फिर से प्रदर्शन के मूड में, स्वास्थ्य मंत्री विज के आवास का घेराव करने की दी चेतावनी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 29, 2022 - 06:05 PM (IST)

करनाल/रोहतक/कैथल: अपनी मांगों को लेकर लंबे समय तक प्रदर्शन करने के बाद आज एक बार फिर आशा वर्करों ने सीएम सिटी करनाल में इकट्ठा होकर रोष जाहिर किया। आशा वर्करों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगे पूरी करने का जो वादा किया था, उसे अभी तक भी पूरा नहीं किया गया है। सैंकड़ों की संख्या में करनाल पहुंची आशा वर्करों ने सीएमओ ऑफिस पहुंच कर अपनी पुरानी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा। इसी के साथ आशा वर्करों ने ऐलान किया कि वे आगामी 21 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री विज के आवास का घेराव करेंगी।

शहर के कर्ण पार्क में बैठक कर लिए कई फैसले

करनाल के कर्ण पार्क में पहुंची आशा वर्करों ने पहले एक बैठक की। इसके बाद सभी ने एक सुर में सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे अगले महीने 21 जुलाई को हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के अंबाला स्थित आवास का घेराव कर अपनी मांगों के लेकर प्रदर्शन करेंगी। यहां मीटिंग करने के बाद आशा वर्कर नारेबाजी करते हुए सिविल सर्जन के कार्यालय पहुंची और अपनी मांगों को लेकर सीएमओ को एक ज्ञापन भी सौंपा। आशा वर्करों ने कहा कि वे पहले भी अपनी मांगों को लेकर करनाल में कई महीने तक धरना दे चुकी हैं। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही मांगे मान ली जाएंगी। लेकिन अभी तक उनकी मांगो को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही मांगें नहीं मानी गई तो वे दोबारा धरना देने को मजबूर हो जाएंगी। इसी के साथ उन्होंने बताया कि आज बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के निवास पर घेराव कर प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया है।

रोहतक में भी जमकर गरजी आशा वर्कर, सरकार को दी चुनौती

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आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के बैनर तले आशा वर्कर्स ने अपनी लंबित मांगों को लेकर रोहतक में भी प्रदर्शन किया। आशा वर्कर्स ने रोहतक सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की। आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान अनीता ने बताया कि आज प्रदेश भर में 22 हजार आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है। सरकार से 2018 में जो समझौता हुआ था, उसकी फाइल सीएम के पास है। आज तक हमारी जो मांगे मानी गई थी, उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन आशा वर्कर्स की मौत हुई है, उसका मुआवजा दिया जाना चाहिए। आज आशा वर्करों का वेतन मानदेय बहुत कम है, जबकि सरकार ने 2018 से एक भी पैसे की आशा वर्कर्स के वेतन में वृद्धि नहीं की है। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है अब मिलकर सरकार के खिलाफ संघर्ष करती रहेंगी।

कैथल में प्रदर्शन कर आशा वर्करों ने दोहराई अपनी मांगें
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कैथल में लघु सचिवालय पर प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने कहा कि गृह मंत्री अनिल विज के साथ कुछ मांगों पर सहमति बनी थी, परंतु उसका नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री  द्वारा कोरोना महामारी में काम करने करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को 5000 रुपए की राशि देने की घोषणा की गई थी। यह राशि भी अभी तक आशा वर्कर्स को नहीं दी गई है। आशा वर्कर यूनियन हरियाणा सरकार से मांग करती है कि सहमत मांगों का नोटिफिकेशन तुरंत प्रभाव से जारी किया जाए और मुख्यमंत्री  की घोषणा को लागू करते हुए सभी आशा वर्कर को 5000 राशि दी जाए।

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Content Writer

Vivek Rai

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