आसाराम केस के गवाह की याचिका पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, पानीपत में DSP-SHO व ASI को नोटिस भेज मांगा जवाब
punjabkesari.in Tuesday, Jul 25, 2023 - 06:18 PM (IST)

पानीपत(सचिन शर्मा): हाई कोर्ट चंडीगढ़ के वकील संजय गहलावत ने बताया कि आसाराम बापू केस के मुख्य गवाह गांव सनोली खुर्द निवासी महेंद्र चावला की याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने DSP ओमप्रकाश, निरीक्षक सूरजभान व ASI बिजेंद्र सहित 6 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। 25 अक्तूबर तक जवाब दाखिल का करने का कोर्ट ने द्वारा समय दिया गया है।
महेंद्र चावला ने बताया कि हाई कोर्ट ने यह नोटिस महेंद्र की 30 अप्रैल 2019 की शिकायत के आधार पर दिया गया है। जून माह वर्ष 2018 में गांधीनगर में आसाराम बापू के विरुद्ध महेंद्र चावला की गवाही को रोकने के उद्देश्य से गांव सनोली खुर्द के आसाराम समर्थक सुरेन्द्र शर्मा पुत्र हरिकिशन शर्मा व अन्य लोगों ने डीसी ऑफिस पानीपत के सामने चावला के खिलाफ नारेबाजी की थी। इस मामले में सुरेंद्र शर्मा व अन्य ने गंभीर आरोप लगाते हुए एक शिकायत पुलिस को महेंद्र चावला के खिलाफ दी थी, जोकि पानीपत पुलिस द्वारा खुफिया और एलानिया तौर पर जांच के बाद झूठी पाई गई थी।
जिसके बाद महेंद्र चावला ने पानीपत पुलिस को सुरेन्द्र शर्मा के विरुद्ध 182 की कारवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था, परन्तु तत्कालीन जांच अधिकारी ASI बिजेंद्र SHO सूरजभान ने जानबूझकर अपने पद और शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए महेंद्र चावला को जांच में शामिल किये बिना ही आरोपी सुरेन्द्र शर्मा को लाभ पहुंचाया और गलत रिपोर्ट बनाई। जिसके बाद महेंद्र चावला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सुरेन्द्र शर्मा के विरुद्ध कोई भी कारवाई नहीं की गई। जिसके बाद चावला ने हाई कोर्ट में एसपी पानीपत के विरुद्ध कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया। जिसके बाद पानीपत पुलिस द्वारा सुरेन्द्र शर्मा पुत्र हरिकिशन के विरुद्ध 182 की कारवाई की गई।
जिसके बाद महेंद्र चावला ने एसपी पानीपत को शिकायत दी कि जब हाईकोर्ट में अवमानना याचिका के बाद सुरेन्द्र शर्मा के विरुद्ध 182 की कार्रवाई की जा सकती है, तो वह बिलकुल पहले ही दिन वाली शिकायत पर भी की जा सकती थी, परन्तु दोनों ही जांच अधिकारियों ASI बिजेंद्र व SHO सूरजभान ने जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए महेंद्र चावला को जांच में शामिल किये बिना ही आरोपी सुरेन्द्र शर्मा को लाभ पहुंचाया और गलत व झूठी रिपोर्ट बनाई। जिसकी जांच DSP ओमप्रकाश द्वारा की गई परन्तु DSP ओमप्रकाश ने भी अपने पुलिस विभाग का पक्ष लेते हुए जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए आरोपी को लाभ पहुंचाया और गलत रिपोर्ट बनाई।
जिसके बाद महेंद्र चावला ने लोकायुक्त हरियाणा को शिकायत की और DSP ओमप्रकाश, निरीक्षक सूरजभान व ASI बिजेंद्र के विरुद्ध कारवाई की मांग की। लेकिन लोकायुक्त ने भी महेंद्र चावला का पक्ष सुने बिना ही पुलिस के पक्ष में एकतरफा रिपोर्ट बनाकर केस को बंद कर दिया। जिसके बाद महेंद्र चावला ने हाई कोर्ट की शरण ली और हाई कोर्ट मामले का संज्ञान लेते हुए DSP ओमप्रकाश, सूरजभान निरीक्षक व ASI बिजेंद्र सहित 6 को नोटिस भेजा है और 25 अक्तूबर जक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
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