कोविड-19 महामारी के दौर में गरीबों का सहारा बनी आयुष्मान भारत योजना

punjabkesari.in Friday, May 21, 2021 - 07:16 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): कोरोना महामारी के दौर में जब गरीब परिवारों को अपनी आजीविका चलाना भी मुश्किल हो रहा है तो ऐसे समय में इस महामारी के इलाज के लिए पैसा जुटाना उनके लिए असंभव है। इन हालात में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना इस बीमारी से उनके जीवन को बचाने में बेहद कारगर साबित हुई है। इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक को इस खौफ से मुक्ति मिली है कि उन्हें कोराना हो गया तो क्या होगा, इलाज के लिए पैसे कहां से आएंगे। ऐसे परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई। हरियाणा प्रदेश में इस योजना के तहत 15.50 लाख परिवार पंजीकृत हैं, जो प्रति परिवार 5 लाख रूपये वार्षिक तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं।


योजना के बारे में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे अनेक गरीब परिवार हैं जिनके परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो उन पर एक तरह से कहर टूट पड़ता है। पैसा न होने से इलाज नहीं हो पाता। उनके पास कोई बीमा भी नहीं होता। हमारा उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति को इस पीड़ा से मुक्त करना है।सरकार उन बीपीएल परिवारों के कोरोना मरीजों के प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज का पूरा खर्च भी वहन करेगी, जो किसी कारणवशआयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत नहीं हो सके। यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 15 अगस्त, 2018 को शुरू की गई थी। उस समय इसका उद्देश्य् यह था कि धन के अभाव में कोई भी गरीब व्यक्ति किसी भी बीमारी के इलाज से वंचित न रहे। कोविड-19 महामारी की जांच और उपचार को भी 4 अप्रैल, 2020 से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लिया गया।

इसके बाद से हरियाणा प्रदेश में इस योजना के तहत 5 करोड़ रूपये की राशि कोरोना मरीजों के इलाज पर खर्च की गई है। प्रदेश में इस योजना को लागू करने के लिए ‘आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण’ का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण ने 11,374 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच व उपचार पर लगभग 5 करोड़ रूपये की राशि खर्च की है।
आयुष्मान भारत योजना कैशलैस और पेपरलैस हैं। इसमें पंजीकृत परिवार का कोई भी मरीज जब अस्पताल में जाता है तो उसे उपचार के लिए कोई नकद राशि खर्च नहीं करनी पड़ती। अस्पताल उसकी दवा, उपचार शुल्क आदि खर्च स्वयं करता है और उस खर्च की राशि का क्लेम सरकार से प्राप्त कर लेता है।

कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल को अतिरिक्त संसाधन जैसे कि जांच किट, पी0पी0ई0 किट, वेंटीलेटर आदि लगाने पड़ते हैं। हरियाणा सरकार ने इलाज के खर्च को देखते हुए इस योजना में सूचीबद्ध कोविड के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान कर रही है ताकि गरीब के इलाज में पैसे की तंगी के कारण कोई कमी न रह जाए। हरियाणा प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोविड-19 के उपचार के लिए 261 सूचीबद्ध अस्पताल हैं जिनमें 68 सरकारी तथा 193 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं।


कोविड-19 को मात देकर घर लौटी जिला सोनीपत निवासी 50 वर्षीय श्रीमती कमला देवी ने इस योजना के तहत इलाज के लिए सरकार का आभार प्रकट किया है। श्रीमती कमला देवी का आयुष्मान कार्ड नम्बर P5BD7EKDD है। लगभग 2 सप्ताह बाद भगवान दास अस्पताल, सोनीपत से ठीक होकर अपने बच्चों से मिली श्रीमती कमला देवी अत्यन्त भावुक होकर कहती हैं कि इस योजना ने उन्हें बचा लिया क्योंकि इलाज पर अस्पताल ने 38 हजार रूपये का खर्च बताया था, जो उसका परिवार नहीं दे सकता था, क्योंकि वे रेहड़ी लगाकर किसी तरह अपना जीवनयापन कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि देश में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को 15 अगस्त, 2018 से शुरू किया गया था। इसके तहत पहले लाभार्थी का उपचार तथा क्लेम की अदायगी करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इस योजना में पंजीकृत परिवार के कितने भी सदस्य हों और उनकी कोई भी आयु हो, सभी को इस योजना लाभ दिया जाता है। इस योजना में प्रदेश के 593 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 417 प्राइवेट तथा 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों ने अब तक 2.59 लाख मरीजों के इलाज के लिए 315 करोड़ रूपये की राशि के क्लेम किए हैं। इनमें से 2.33 लाख मरीजों के इलाज के लिए 263 करोड़ रूपये की राशि के क्लेम का सरकार द्वारा भुगतान किया जा चुका है।


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Content Writer

Isha

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