बजरंग पुनिया ने साझा किया ओलंपिक का अनुभव- 'मैंने यह सोचकर खेला कि पैर टूट भी जाएगा तो...'

punjabkesari.in Monday, Aug 09, 2021 - 08:21 PM (IST)

डेस्क: टोक्यो ओलंपिक खेलों के समापन के बाद वतन वापस लौटे भारतीय खिलाड़ियों को जहां एयरपोर्ट पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया, वहीं केन्द्र सरकार ने नई दिल्ली के होटल अशोका में ओलंपिक गेम्स में पदक विजेताओं के स्वागत व अभिनंदन का कार्यक्रम भी आयोजित किया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर के साथ अन्य कई मंत्रीगण मौजूद रहे, जिन्होंने खिलाडिय़ों को पदक जीतने की बधाई दी।

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इस दौरान टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले हरियाणवी पहलवान बजरंग पूनिया को सम्मानित किया गया। जिसके बाद बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक में हुए अनुभवों को सांझा किया। बजरंग ने सबसे पहले सम्मान का धन्यवाद जताया और कहा कि यह आयोजन देखकर उन्हें ऐसा लग रहा है कि उन्होंने दोबारा मेडल जीत लिया है।



बजरंग पुनिया ने ओलंपिक का अनुभव साझा करते हुए कहा कि डीजीसीआई संदीप प्रधान जी ने उनसे हमेशा बात की और उनकी जरूरतों को पूछते रहे। उन्होंने ओलंपिक के दौरान हुए कुश्ती के मैच के बारे में बताया कि मैच से पहले उनके पैर में चोट आ गई थी, जिस कारण वे गोल्ड तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने आगे बताया कि पैर में चोट होने के कारण उन्हें टेप के साथ खेलने के लिए कहा गया। पुनिया ने कहा कि 'लास्ट बाउट में मैंने यह सोच कर खेला कि अगर मेरा पैर टूट भी जाएगा तो बाद में रेस्ट कर लेंगे, लेकिन यह मैच जीत लिया तो जिंदगी बद जाएगी।'

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वहीं कुश्ती में रजत पदक जीतने वाले रवि दहिया ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि शुरुआत हमारी ग्राउंड लेवल से होती है। गांव से मिट्टी से फिर दिल्ली आ गए। रवि ने कहा कि उन्होंने सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को देखकर प्रेरणा हासिल की है, उन्हें देखकर आगे बढ़ा और यहां तक पहुंचा।

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Content Writer

Shivam

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