हरियाणा कांग्रेस में हलचल हुई तेज, हुड्डा ने की सोनिया गांधी से मुलाकात

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2019 - 02:28 PM (IST)

नई दिल्ली (कमल कांसल): हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में लगभग दो महीने का समय मात्र बचा है, जिसके लिए अब सभी सियासी पार्टियां तैयारियों में जुट गई है। इसी क्रम में आज कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली के जनपथ 10 में एक बैठक की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को खास तौर पर बुलाया गया। हालांकि बैठक के बाद हुड्डा ने मीडिया से रूबरू नहीं हुए, लेकिन राजनीतिक गलियारे में चर्चा यही है हुड्डा द्वारा प्रदेश में नई पार्टी की गठन की चर्चाओं के कारण ही सोनिया ने हुड्डा को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

With the displeasure of the Hooda family, the new president will be crowned in the Haryana Congress!

दरअसल, 18 अगस्त को रोहतक में महापरिवर्तन रैली के दौरान भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस पार्टी से अलग पार्टी बनाने के संकेत दिए थे। जिसमें उन्होंने कांग्रेस के रास्ता भटकने की बात कही थी। वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने के मामले का विरोध किया था, लेकिन हुड्डा ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा था कि देश के लिए जो सही फैसला होगा उसका वे स्वागत करेंगे, क्योंकि उनकी चार पीढिय़ां स्वतंत्रता सेनानी रही हैं और वे भी देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं।




हालांकि अभी राज्य में पार्टी की कमान पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर के हाथ में है। जबकि हुड्डा और तंवर के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। वहीं राज्य में किरन चौधरी और कुमारी शैलजा के भी गुट हैं। लेकिन ये गुट भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की तरह बागी तेवर नहीं अपनाए हुए हैं। हुड्डा ने जिस तरह के रोहतक में परिवर्तन रैली कर अपनी ताकत का अहसास कराया, उससे कांग्रेस को ये अहसास हो गया है कि अगर हुड्डा के हाथ में कमान नहीं आती है, तो हुड्डा पार्टी से बगावत जरूर करेंगे। हुड्डा ने रैली में कई कमेटियां बनाकर ये जता दिया था कि वह एक तरह के कैबिनेट बना रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से हुड्डा और सोनिया गांधी के बीच रिश्ते भी ठीक नहीं है।



करण दलाल की माने तो हुड्डा हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने के लिए नेतृत्व परिवर्तन के लिए हाईकमान से गुहार लगा रहे हैं, ताकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला कर सकें। फिलहाल सोनिया गांधी के साथ हुई इस बैठक में क्या फैसला लिया गया, इसका खुलासा तो अभी नहीं हुआ है, मगर जिस तरह से हुड्डा बिना मीडिया से बातचीत किए वहां से निकल गए, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि ये बैठक बेनतीजा रही।


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Isha

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