कैथल नगर पालिका चुनाव में BJP को तीनों जगह मिली हार, आजाद प्रत्याशियों का दिखा दबदबा

punjabkesari.in Thursday, Mar 13, 2025 - 08:26 AM (IST)

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : हरियाणा के कैथल जिले में बुधवार को हुए नगर पालिका चुनावों परिणाम में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। जिले की तीनों नगर पालिकाओं– सीवन, पुंडरी और कलायत में भाजपा प्रत्याशी न केवल हार गए, बल्कि कहीं-कहीं तो उन्हें तीसरे स्थान तक खिसकना पड़ा। इस चुनाव में आजाद प्रत्याशियों का दबदबा देखने को मिला, जिससे साफ है कि भाजपा को स्थानीय स्तर पर जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। 

इन चुनाव परिणामों से यह साफ हो गया है कि आजाद प्रत्याशी जनता से सीधे जुड़े हुए हैं, जबकि भाजपा के बड़े नेताओं की मौजूदगी भी पार्टी के पक्ष में माहौल नहीं बना पाई। भाजपा ने जिले की तीनों नगर पालिका में जीत सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नेताओं की रैलियां करवाईं, लेकिन इसके बावजूद पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। जनता का कहना है कि ये चुनाव स्थानीय विकास और प्रत्याशी की लोकप्रियता पर आधारित होते हैं, न कि बड़े नेताओं के प्रचार पर। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस हार से क्या सबक लेती है।

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वहीं सीवन नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस की मजबूत पकड़ देखने को मिली। उनकी टीम की प्रत्याशी हेमलता सैनी ने 3,594 वोट पाकर आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। भाजपा की शैली मुंजाल 3,331 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। सीवन में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने रैली की थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा को सैनी वोट बैंक का फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां की जनता ने पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर से अपनी नाराजगी मतदान के जरिए जताई, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा।

सीवन चुनाव परिणाम:

1. हेमलता सैनी (आजाद) – 3,594 वोट (जीत)
2. शैली मुंजाल (बीजेपी) – 3,331 वोट
3. संयम गुप्ता (आजाद) – 3,061 वोट

पुंडरी चुनाव परिणाम:

1. बबली गोस्वामी (आजाद) – 4,827 वोट (जीती)
2. गुड्डी देवी (आजाद) – 3,498 वोट
3. ममता सैनी (भाजपा) – 3,226 वोट

कलायत चुनाव परिणाम:

1. अंकित जैलदार (आजाद) – 5,824 वोट (जीत)
2. मेनपाल राणा (भाजपा) – 2,862 वोट
3. राजू कौशिक (आजाद) – 1,931 वोट


भाजपा को चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतारने पड़े महंगे

कैथल जिले में भाजपा को तीनों जगह चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतारने महंगे पड़े। समर्थकों और स्थानीय मतदाताओं का मानना है कि पार्टी को अपने चुनाव चिन्ह (कमल) पर प्रत्याशी नहीं उतारना चाहिए था। कई लोगों ने कहा कि नगर पालिका चुनाव स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों की छवि पर लड़ा जाता है, लेकिन भाजपा ने इसे पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया, जिससे जनता ने विरोध जताते हुए आजाद प्रत्याशियों को चुना।

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Content Writer

Manisha rana

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