कैग रिपोर्ट: हरियाणा सरकार ने मौजूदा ऋण में नहीं दिखाई 850 करोड़ रुपए की उधारी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 08:36 AM (IST)

हरियाणा (स्पेशल डेस्क) : नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) या कैग की नई रिपोर्ट ने सत्ताधारी बीजेपी- जेजेपी के खिलाफ आलोचना के एक नया मौका दे दिया है। बताया जाता है कि हरियाणा पर तकरीबन 3 लाख करोड़ रुपये का कर्जा है। ऐसे में कैग की नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार राज्य पर 3 लाख करोड़ के अलावा 850 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण और है। जिसे प्रदेश सरकार ने मौजूदा ऋण में जोड़ कर नहीं दिखाया है।

 

एचपीएचसीएल ने लिए दो लोन

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा सरकार के वित्त विभाग की गारंटी पर वर्ष 2015 और 2018 हरियाणा पुलिस आवास निगम लिमिटेड (एचपीएचसीएल) ने दो ऋण लिए थे। हालांकि इस उधारी को प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के ऋण में जोड़ा नहीं गया था। अभी तक ये उधारी अनअकाउंटेड थी जिसकी जानकारी कैग ने सार्वजनिक की है।


 

क्या कहता है एफबीआरएम एक्ट

कैग ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 (एफबीआरएम) हवाला देते हुए बताया कि जब भी कोई राज्य सरकार किसी अलग कानूनी इकाई की मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) और / या ब्याज चुकाने का उपक्रम करती है, तो संबंधित राशि को राज्य की उधारी के रूप में दर्शाया जाना चाहिए। लेकिन मौजूदा दो लोन के मामले में ऐसा प्रदेश सरकार ने नहीं किया है। इन दोनों लोन की रकम 850 करोड़ रुपये है।

 

वित्त विभाग ने दिखाई लोन भुगतान की प्रतिबद्धता

एचपीएचसीएल ने वर्ष अक्टूबर 2015 और जनवरी 2011 आवास और शहरी विकास निगम लिमिटेड (एचयूडीसीओ) से क्रमश: 500 और 300 करोड़ रुपये लोन लिया था। इसके लिए गृह विभाग ने वित्त विभाग की सहमति से ऋण गारंटी की स्वीकृति दे दी थी। ऋण की शर्तों के अनुसार, मूलधन और ब्याज की अदायगी ऋण समझौते के अनुसार की जाएगी। वित्त विभाग ने एचपीएचसीएल को उसके लोन के पुनर्भुगतान के लिए प्रतिबद्धता भी दिखाई है।


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Content Writer

Manisha rana

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