केंद्रीय मंत्री ने जल संचयन के लिये शहर में कृत्रिम झीलों व तालाबों के पुनर्विकास के दिए निर्देश
punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 05:53 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बुधवार को गुरुग्राम में मॉनसून के समय जलनिकासी को लेकर की जा रही पूर्व आवश्यक तैयारियों की समीक्षा हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में शहर तथा गुरुग्राम से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर जलनिकासी की व्यवस्था, जलाशयों के जीर्णोद्धार, नजफगढ़ ड्रेन के विकास कार्य, बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने बैठक से पूर्व एंबियंस मॉल तथा सेक्टर 15 पार्ट 2 में झाड़सा बंध के साथ स्थित रिहायशी क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया तथा वहां किए जा रहे जलनिकासी के प्रबंधों को भी देखा।
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बैठक में डिविजनल कमिश्नर रमेश चंद्र बीढांन, डीसी अजय कुमार, निगम आयुक्त गुरुग्राम प्रदीप दहिया व निगम आयुक्त मानेसर आयुष सिन्हा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनसे केंद्रीय मंत्री ने आगामी बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जलनिकासी प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए तथा सभी नालों और ड्रेनों की समय पर सफाई सुनिश्चित की जाए।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बैठक में कहा कि गुरुग्राम प्रदेश की आर्थिक राजधानी होने चलते यहां जलभराव जैसी परिस्थितियां वैश्विक स्तर पर भी शहर की छवि को प्रभावित करती हैं। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी आगामी मॉनसून से पूर्व सभी आवश्यक तैयारी रखते हुए जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिला में ऐसे अधिकारी जो पिछले कुछ सालों से इस समस्या के निवारण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। वे नए अधिकारियों को इसकी विस्तृत जानकारी देने के साथ बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शहर में जलनिकासी के लिए प्रत्येक क्षेत्र में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि जलभराव की स्थिति में सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम में जल संरक्षण और भूजल स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से कृत्रिम झीलों और तालाबों के पुनर्विकास के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगर निगम और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए शहर के जल निकासी प्रणाली को सुधारने और उसे झीलों व तालाबों से जोड़ने की योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम से अवरोधों को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि चेक डैम, तालाबों और जैसे पारंपरिक जल संरक्षण संरचनाओं को पुनर्जीवित करने से भूजल पुनर्भरण में वृद्धि हो सकती है।
बैठक में नजफगढ़ ड्रेन के विकास और उससे जुड़े पर्यावरणीय एवं तकनीकी पक्षों पर भी गहन चर्चा हुई। राव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ड्रेन के विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि नजफगढ़ ड्रेन के विकास में जिला प्रशासन द्वारा जो भी कदम उठाए जाएं। उसमें स्थानीय किसानों के हितों का भी विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अतिरिक्त, बैठक में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना, आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दल की तैनाती तथा आमजन को समय पर सूचनाएं देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया।
बैठक में डीसी अजय कुमार ने जलनिकासी के लिए बिंदुवार की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बताया कि हीरो होंडा चौक पर अभी अस्थायी रूप से पंप की व्यवस्था की गई है। वहीं स्थाई समाधान की दिशा में काम जारी है। उन्होंने बताया कि हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक तक 2.3 किलोमीटर की लंबाई की मास्टर ड्रेन के निर्माण के लिए 15.57 करोड़ का एस्टीमेट तैयार कर एनएचएआई को भेजा गया है। जिस पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने नरसिंहपुर पॉइंट की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार जयपुर की दिशा में आवश्यक व्यवस्था करने के साथ गांव की तरफ भी अतिरिक्त पंप लगाए गए हैं। कृत्रिम झील के निर्माण की स्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सेक्टर 54 में वजीराबाद जलाशय का विकास किया गया है।
डीसी ने बताया कि गोल्फ कोर्स रोड पर जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए अरावली में 44 स्थानों पर चेक डेम्स बनाए गए हैं। एसपीआर/दवारका एक्सप्रेसवे पर नाले के निर्माण की स्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वाटिका चौक से एनएच-48 तक 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एनएच-48 से रामप्रस्थ के पास एनएचएआई द्वारा 3x4x2.50 मीटर आकार का नाला निर्मित किया गया है, लेकिन बादशाहपुर नाले में कनेक्शन लंबित है। वहीं एनएचएआई नाले को बादशाहपुर नाले से जोड़ने के लिए 6.36 करोड़ रुपये की लागत से कार्य आवंटन प्रक्रिया में है। उन्होंने बताया कि शहर में सभी सीवरेज व ड्रेन को सफाई का कार्य प्राथमिकता के साथ पूरा करवाया जा रहा है।