ओल्ड एज पेंशन देने का मन चौधरी देवीलाल ने अमेरिका में ही बना लिया था: रणजीत चौटाला

punjabkesari.in Sunday, Sep 19, 2021 - 07:11 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): देश के उपप्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे जननायक चौधरी देवी लाल एक बड़े किसान, मजदूर और कमेरा वर्ग के मसीहा माने जाते हैं। हमेशा किसानों के लिए लड़ाई लड़ी। कई बड़े आंदोलनों में शामिल हुए और मुख्यमंत्री बनकर समय-समय पर बड़े फैसले लेकर किसान की आर्थिक स्थिति बदलने के खूब प्रयास किए। उनकी इसी भावना ने उन्हें एक श्रेष्ठ नेता की उपाधि दी। साथ ही जनता ने उन्हें  दिल खोलकर प्यार दिया और कई बार प्रदेश में क्लीन स्वीप किया। 25 तारीख को उनके जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश के 2 राजनीतिक दल इसे एक उत्सव के रूप में मनाने की तैयारियों में लगे हैं। दोनों ही दल इनके नाम और काम की राजनीति करते हैं। चौधरी देवी लाल के सुपुत्र चौधरी रणजीत सिंह चौटाला आज प्रदेश के ताकतवर कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने पंजाब केसरी से उनके पिता चौधरी देवीलाल के बलिदान और किसानों के प्रति समर्पण के कई किस्से साझा किए। 

चौधरी रंजीत सिंह चौटाला ने बताया कि वह किसानों के एक प्रतीक बन गए थे। उनके व प्रकाश सिंह बादल के बराबर किसानों के प्रति त्याग की भावना किसी में भी नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि मैं 1987 में उनकी कैबिनेट में मंत्री भी रहा और उनका बेटा होने के नाते मैंने खूब देखा कि उनका हमेशा यही मन रहता था कि किसानों को जितना दे सकूँ दे दूं। हमेशा यही सोच रही कि किसानों के लिए कुछ नया करूं। चौधरी रणजीत सिंह ने उस दौरान का एक वाकया भी बताया। जब वह अपने पिताजी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी आहूजा के साथ अमेरिका गए, तो वहां शाम को कम्युनिटी सेंटर में हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज ने उन्हें सीनियर सिटीजन को वहां मिलने वाली एक रियायत के बारे में बताया। तो वहीं उन्होंने हरियाणा के बुजुर्गों के लिए सौ रुपए प्रति माह की पेंशन का मन बना लिया और वापसी में जहाज में सफर करते वक्त इसका प्लान बना दिया। पहली ही कैबिनेट में इसे लागू किया चौटाला ने कहा कि मैं खुद उनकी बातों से हमेशा प्रभावित होता रहा। समाज के हित में उन्होंने खुला जनता दरबार लगाकर उच्चाधिकारियों का भय लोगों के मन से निकाला। आज उनके द्वारा बनाई गई ओल्ड एज पेंशन पूरे देश में एक मॉडल बन गई है।

रणजीत चौटाला ने कहा कि उनके पिताजी चौधरी देवीलाल ने किसान और कमेरे वर्ग के लिए एक बार नहीं बार-बार त्याग किए। पंजाब-हरियाणा विभाजन के वक्त उन्होंने हरियाणा के हकों के लिए इस्तीफा दिया था। प्रधानमंत्री के पद का उन्होंने त्याग किया। इस प्रकार के बहुत से त्याग करके उन्होंने किसानों के हितों की लड़ाई लड़ी। इसी कारण 1987 में डॉ. मंगलसेन और चौधरी देवीलाल की जोड़ी की ऐसी लहर चली कि 90 में से 85 विधायक उनकी पार्टी के जीते। 1977 में कांग्रेस के केवल तीन विधायक बाकि सभी चौधरी देवीलाल के विधायक बने। 1977-1982-1991 में भी प्रदेश की जनता ने उन्हें जी तोड़ प्यार दिया।

रणजीत चौटाला ने बताया कि 1987 में वह खुद अपने पिता चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में मंत्री थे और राजनीति में आने का उनका पहला मौका था। चौधरी देवीलाल के आशीर्वाद से ही विधायक और मंत्री बना। उसमे खुलकर खुल कर काम करने का मौका मिला और उस दौरान भी आज की तरह उनका एक अलग से नाम-अलग से परफॉर्मेंस थी। कैबिनेट में उन्हें पिता का पूरा आशीर्वाद और पूरी सपोर्ट थी। इसी तरह आज मनोहर लाल मुख्यमंत्री का भी पूरा प्यार प्राप्त हैं और वह भी लगातार हौसला बढ़ाते हैं।

चौधरी रंजीत सिंह चौटाला ने कहा कि 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल का जन्मदिन है और हर औलाद के लिए माता-पिता का जन्मदिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। क्योंकि उनकी यादों को दोबारा से रिवाइव किया जाता है। उससे बच्चों को हौसला मिलता है और उनके प्रति श्रद्धा-विश्वास को व्यक्त करने का एक यह समय होता है। उनके प्यार से ही बच्चे आगे बढ़ते हैं। इसलिए समाज ने इस दिन को एक अलग महत्व दिया है। हर घर में माता-पिता के जन्मदिन को अपने अपने तरीके से मनाया जाता है और वह, इनेलो और जेजेपी भी चौधरी देवीलाल के जन्मदिन को अपने-अपने ढंग से मनाएंगे, जो एक अच्छी बात है।


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Shivam

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