ट्रेन के सफर का अपना एक आनंद है, क्योंकि जनता से मिलने का मिलता है मौकाः मनोहर लाल

punjabkesari.in Friday, Jan 19, 2024 - 09:22 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): सादा जीवन और उच्च विचार का एक बड़ा उदाहरण प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फिर से देशवासियों को दिया है। शुक्रवार रात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ से दिल्ली तक का सफर फिर से शताब्दी एक्सप्रेस से किया। दरअसल आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर दिल्ली में मुख्यमंत्री ने कई बैठकों में भाग लेना था। साथ ही साथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं 'आप' नेता रहे अशोक तंवर भाजपा मुख्यालय में कल भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे, इसे लेकर मुख्यमंत्री वाया ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हुए। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह मौसम का प्रताप है जिसका लाभ मैं उठा रहा हूं। पूरा दिन धुंध और सर्दी रही, इसलिए प्लेन और हेलीकॉप्टर का भरोसा नहीं है और ट्रेन से बढ़िया सफर नहीं है। इसी कारण ही ट्रेन से जाने का लगातार मुझे मौका मिल रहा है। ट्रेन के सफर का अपना एक आनंद है। क्योंकि जनता से मिलने जुलने का भी इसमें मौका मिलता है और आप (मीडिया) के साथी भी इस दौरान मिल जाते हैं।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारतीय रेलवे में सफर करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें वाया एयर की तरह नेटवर्क खत्म नहीं होते और मोबाइल का प्रयोग लगातार किया जा सकता है। इस सफर के दौरान बहुत से काम निपटाए जा सकते हैं। कुछ फोन करने - सुनने होते हैं जिसमें दिक्कत नहीं होती। इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं फाइल वर्क भी साथ लेकर चलता हूं, जहां- जितना अवसर मिलता है वह कार्य करता रहता हूं। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि साढे 9 सालों में भारतीय रेलवे में अभूतपूर्व बदलाव हुए हैं। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम अब चंडीगढ़ -पंचकूला रेलवे स्टेशन हो गया है, क्योंकि चंडीगढ़ और पंचकूला दोनों साइड में ही बराबर के रेलवे स्टेशन बन रहे हैं। बहुत सी नई गाड़ियां भी चली है, चाहे जनशताब्दी के नाम से हो या वन्दे भारत के नाम से जो बहुत जल्द शीघ्रता से गंतव्य तक पहुंचाती हैं और दिल्ली जाने में तो बजाए एयर ट्रेन बेहद सुविधाजनक रहती है।

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 मुख्यमंत्री ने बताया कि अप्रैल 2024 तक यह स्टेशन बनकर पूरा तैयार हो जाएगा। चाहे पंचकूला की तरफ बिल्डिंग की बात हो या चंडीगढ़ की तरफ की इन्हें आपस में कनेक्ट किया जाएगा ताकि यात्रियों को इधर-उधर आने-जाने में दिक्कत ना हो और कमर्शियल के हिसाब से भी रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि सर्विस कोई भी हो उसके ऊपर बिल्डिंग बनने से लाभ लोगों और विभाग दोनों को होता है। रेलवे स्टेशन हो या पुलिस स्टेशन उनके ऊपर बिल्डिंग बनाई जा सकती हैं। गुजरात गया तो वहां मैंने देखा कि रेलवे स्टेशन के ऊपर फाइव स्टार होटल बना हुआ था। जब हम वहां ठहरे तो हमें पता भी नहीं था कि नीचे से ट्रेन गुजर रही थी। यह एक नया प्रयोग और नई अनुभूति थी। क्योंकि देश के प्रधानमंत्री का हमेशा नए प्रयोग करना शौक रहा है और वह हर छोटे बड़े पहलू को रेवेन्यू के हिसाब से देखते समझते और करते हैं। उन्होंने 22 जनवरी के दिन को बहुत बड़ा दिन बताते हुए कहा कि इस दिन बहुत से लोग अयोध्या जाने के लिए अपने-अपने कार्यक्रम बना रहे हैं। इस दिवस को लोग बहुत हर्षोल्लास से मनाएंगे। लोग ठीक से एंजॉय करें, संस्कृतिक लाभ लोगों को हो इसके लिए अवकाश रखा गया है और यह दिन बहुत दिनों तक याद रखा जाएगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह कोई पहला मौका नहीं था जब वह सादगी के प्रतीक बने हो। वह पहले भी यह साबित करते रहे हैं कि वह धरती से उठे हुए और धरती से जुड़े हुए नेता हैं। बेशक वह आज प्रदेश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो, लेकिन उनका जीवन पूरी तरह से जहां आमजन को समर्पित है, वही वह आम लोगों के बीच में रहकर ज्यादा सुखद महसूस करते हैं। जिस प्रकार से वह शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए, वह अन्य बड़े नेताओं के लिए भी एक उदाहरण छोड़ गए हैं। इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री कभी साइकिल पर, कभी बुलेट पर, कभी बस में तो कभी ट्रेन में सफर करते देखे गए हैं। सफर मात्र दिखावा नहीं बल्कि लोगों के दुख दर्द को रास्ते में ही दूर करते भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को देखा गया है। इसके साथ-साथ वास्तविक राजनीतिक माहौल को भांपने का इससे अच्छा साधन नहीं हो सकता। आमतौर पर उच्च पदों पर बैठे नेताओं के आसपास चापलूसों की एक ऐसी फौज होती है जो वास्तविक राजनीतिक माहौल को भांपने का इससे अच्छा साधन नहीं हो सकता। आमतौर पर उच्च पदों पर बैठे नेताओं के आसपास चापलूसों की एक ऐसी फौज होती है जो वास्तविक राजनीतिक हालातो को अपने हिसाब से पेश करते हैं, इस बात को मुख्यमंत्री मनोहर लाल बखूबी जानते हैं।  कूटनीति के बेहद मंजे हुए खिलाड़ी मनोहर लाल जनता के बीच स्वयं जाकर असलियत को जानने का मादा रखने वाले नेता हैं।

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Content Editor

Saurabh Pal

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