असीम गोयल के आरोपों पर CM मनोहरलाल ने स्टेंड ले साबित किया कि सरकार अफसर नहीं चलाते

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 05:18 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): बुधवार को अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल द्वारा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के ए सी एस पी के दास के विरुद्ध मोर्चा खोलने पर सी एम मनोहरलाल ने स्टेंड ले साबित किया कि सरकार हम चलातें हैं अफसर नहीं। मुख्यमंत्री ने भजपा विधायक को जवाब देने के साथ एक तीर से दो निशाने किये। एक तो गठबंधन सरकार में अफसरशाही के हावी होने की अटकलों पर विराम लगाया वहीं विपक्ष को भी करारा जवाब दिया जो कहतें हैं कि सरकार में अफसर शाही की मोनोपली है।मनोहर लाल  ने कहा कि  अधिकारी को जो हम कहेंगे,वह करेंगे! अपने मन से कुछ नही करते-।

धान घोटाले में 85 करोड़ रूपये की रिकवरी करने वाले   खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के  एसीएस पी के दास  के मूददे पर भजपा विधायक असीम गोयल द्वारा विधानसभा में जिस प्रकार खाद्य एवम आपूर्त्ति विभाग पर निशाना साधा गया ।मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दास के पक्ष में खुल कर कहा है कि  " अधिकारी को जो हम कहेंगे,वह करेंगे! अपने मन से कुछ नही करते,कुछ समस्याएं आती है।अधिकारी के बस में नही होती।पोर्टल का विषय है ।पिछली बार भी किसानों को सीधे पैसे देने की व्यवस्था की।टेक्निकली चीजेँ भी हैं।पोर्टल का विषय,नई व्यवस्था है।इस बार दूसरी व्यवस्था की है।किसानों को सीधा पैसा उनके खाते में जायेगा।जो किसान आढ़ती के माध्यम से लेना चाहें उन्हें कंसेंट देनी होगी।आढ़ती आर टी जी एस के माध्यम से पेमेंट करेंगे।हो सकता ऐसा कोई विषय आढ़तियों को पसंद न आया हो।इस मामले में पी के दास को जिम्मेदार ठहराना ठीक नही है। 

सी एम ने कहा कि नई व्यवस्था में आढ़तियों को परेशानी जरूर हो सकती है।उन्होंने बिना नाम लिए इशारों में संकेत करते हुए कहा कि "वह स्वम् एक आढ़ती हैं"।मुख्यमंत्री मनोहरलाल जिस प्रकार खुल कर पी के दास वाले मैटर में बोले उससे निसंदेह अधिकारियों में एक अच्छा मेसेज जाएगा।असीम गोयल अपने मूददे मे अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। असीम के धरने के लुत्फ कांग्रेस के कई विधायक उठाते नजर आए।

पी के दास टारगेट पर क्यों
पी के दास के द्वारा सरकार की नीतियों को शत प्रतिशत लागू करवाने की कोशिश होती है |  किसानो व् आढ़तियों के निशाने पर उनके होने का प्रमुख कारण है की पिछली बार हुए धान मामले के अनिमितताओं में उनकी सख्ती के चलते हरियाणा में पहली बार चावल मिलरों  से 85 करोड़ रुपये की रिकवरी हुयी थी | धान की तीन बार पर्सनल वेरिफिकेशन करवाई गई | अब धान का सीजन आने वाला है | उसकी खरीद से पहले व्यापारी एक जुट होकर पी के दास पर  रहें हैं | दास ने पिछले सीजन में बिहार से सस्ता चावल लाकर हरियाणा में बेचने वालों पे शिकंजा कसा था | सरकार की निति है की किसानो को डायरेक्ट पेमेंट हो ,आढ़ती के माध्यम से न हो | 

 खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के ए सी एस पी के दास दबंग व् कर्मठ अफसरों में हैं | उन्होंने पिछले सीजन से ही इसे तुरंत कार्याणिवन्त करवा दिया | उसको लेकर भी  आढ़ती वर्ग नाराज है |  हालही में हुई गेहूं की खरीदके दौरान किसानों को पेमेंट डायरेक्ट की गयी | पहले आढ़तियों ने विरोध किया फिर बाद में माना था | पेच फंसा केवल किसानों  को देरी से मिली पेमेंट को लेकर | जिस में सरकार ने आढ़तियों को किसानों को देरी से हुयी पेमेंट का ब्याज देने में देरी हुयी | यही बात आढ़तियों को नागवार गुजरी | दूसरा प्रकरण पिछले सीजन की धन की खरीद का था जहां धान खरीद में न केवल आढ़ती महकमे के लोग ,मिलरों के माध्यम से अनियमितता की बात किसी से छुपी नहीं है | 

 सरकार परमाल धान की कुटाई राइज मिलरों को देती है | जिसके एवज में उन्हें पैसे दिए जातें हैं | इन मीलों में कम धान मिलना ही घोटाले का रूप लेता है | यही पिछले वर्ष हुआ था | तीन बार फिजिकल वेरिफकेशन भी की गयी | पहली बार हरियाणा में मिलरों से 85 करोड़ की रिकवरी की गई | पहली बार 70 शैलरों को ब्लेक लिस्टिड किया गया | जिन्हे इस सीजन में कुटाई के लिए धान नहीं दिया जा रहा है | जबकि राजनैतिक सरंक्षण पाए इन मिलरों ने अंत तक यही कहा की कोई घोटाला   नही हुआ है |लेकिन अपनी सख्त कार्य शैली के लिए जाने जाते पी के दास ने 85 करोड़ की रिकवरी की | अब धान की खरीद सीजन फिर है |   आढ़तियों व् राइस मिलरों द्वारा खिलाफत शुरू कर इसी लिए नाराजगी जताई जा रही है | 

 

           


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Isha

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