हमारी व्यवस्थाएं- नीतियां अगर कांग्रेस को नजर नहीं आ रही तो यह समस्या कांग्रेस की है:  कंवरपाल गुर्जर

punjabkesari.in Sunday, Sep 05, 2021 - 02:27 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): आज हरियाणा के शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने शिक्षा एवं वन विभाग के उच्चाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा स्थापित किए गए संस्कृति मॉडल स्कूलों का स्टेटस क्या है, इन स्कूलों को लेकर लोगों में कितना उत्साह है ? इस प्रकार कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। गुर्जर ने बताया कि सही ढंग से इन स्कूलों के शुरू होने के बाद ही नए स्कूल खोले जाएंगे। साथ ही गुर्जर ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिशा निर्देश पर जिले के एचसीएस अधिकारियों को 1-1 स्कूल की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिसमें यह अधिकारी समय-समय पर स्कूल में जाएंगे और इनके अनुभव और प्रभाव के चलते स्कूलों की दशा और दिशा बेहतर बनेगी।

इस मौके पर कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि हमारे विभाग द्वारा तीन करोड़ पौधे लगाए जाने का टारगेट था। जो कि विभाग ने 80 फ़ीसदी अपना टारगेट पूरा कर लिया है। बाकि प्लांटेशन 15 से 20 दिन मे कर दी जाएगी। सफेदे  के पेड़ धान कटाई के बाद ही लगाए जाते हैं। जोकि 90 लाख लगाए जाने हैं। उसके लिए भी विभाग की तैयारी पूरी है।  गुर्जर ने बताया कि कोरोना कॉल के दौरान प्रदेश के सभी संस्थान चाहे वह शिक्षा के थे बंद किए गए थे। छठी से बारहवीं तक के कक्षाओं को खोले काफी लंबा समय बीत गया है। जिसका रिस्पांस अच्छा मिला था। अभिभावकों को बच्चों को भेजने या न भेजने की छूट दी गई थी। अगर अभिभावक ऑनलाइन शिक्षा घर पर ही दिलवाना चाहते हैं तो भी विभाग को कोई एतराज नहीं था। उसके बावजूद 40 फ़ीसदी बच्चे स्कूलों में आ रहे हैं। जो कि एक बेहतर रिस्पांस है। चौथी और पांचवी कक्षा में 25 फ़ीसदी बच्चे आने शुरू हो गए हैं। जल्द ही इन बच्चों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हमारे अधिकतर अध्यापकों को वैक्सीन को लगाई जा चुकी है। शिक्षक दिवस तक शत प्रतिशत वैक्सीन लगाए जाने का टारगेट था।लेकिन शायद तब तक टारगेट पूरा नहीं हो पाएगा।अगर जरूरत समझी गई तो कोई स्पेशल प्रोग्राम भी रखा जाएगा।

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मेरिट के आधार पर नौकरी दी। किसानों को फसलों के अच्छे दाम दिए। किसानों की फसल नष्ट होने पर उन्हें मुआवजा दिया। नए-नए कॉलेज खोलें। संस्कृति मॉडल स्कूल खोलें। लेकिन कांग्रेस को कुछ भी नजर नहीं आया। हमारी सारी व्यवस्थाएं-सारी नीतियां सारे देश को नजर आ रही है। अगर कांग्रेस को नजर नहीं आ रहा तो यह समस्या कांग्रेस की है हमारी नहीं।  कंवरपाल गुर्जर ने करनाल में लाठीचार्ज के वक्त वहां के एसडीएम द्वारा बोले गए शब्दों पर असहमति जताते हुए कहा कि मुझे उनके शब्दों का चयन ठीक नहीं लगा। उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।

इस मौके पर शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने उस वाक्य का भी जिक्र किया जिसमें कुछ लोग एक पुलिस अधिकारी को कौम का गद्दार कहकर संबोधित कर रहे थे। गुर्जर ने कहा कि ऐसे लोगों से पूछना चाहिए कि आंदोलन कोम का चल रहा है या किसानों का। क्योंकि अभी तक तो यह आंदोलन किसानों का बता रहे थे। फिर वह कौम का गद्दार कैसे हुआ ?पुलिसकर्मियों की जो ड्यूटी थी, धर्म था, उसका पालन किया है। उसने ड्यूटी ज्वाइन करते समय जो कसम खाई थी, उसने वह कसम निभाई है। इस प्रकार से किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा कहना बिल्कुल गलत है। आंदोलन का समर्थन करने वाली राजनीतिक पार्टियों को इस प्रकार के व्यवहार की आलोचना करनी चाहिए थी। लेकिन किसी के द्वारा ऐसा बयान न आने से लगता है कि वह लोग भी इनका समर्थन कर रहे हैं। यह बयान केवल गलत ही नहीं, बल्कि असवैंधानिक है।

हाल ही में एम्स के डायरेक्टर द्वारा तीसरी लहर के खतरनाक रुख बारे सवाल पर कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हम तीसरी लहर का इंतजार नहीं कर सकते। जो भी राय विशेषज्ञ तीसरी लहर के बारे दे रहे हैं, उसकी तरफ भी हमारा विशेष ध्यान है। इस प्रकार की परिस्थिति आने पर हमारी प्राथमिकता बच्चों का स्वास्थ्य रहेगी। एजुकेशन भी जरूरी है। लेकिन उससे जरूरी बच्चों का स्वास्थ्य है। उसी हिसाब से बच्चों के स्कूलों बारे फैसला लिया जाएगा। 

 

 


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Content Writer

Isha

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