कांग्रेस का जात-पात का हथियार उसी को दे रहा है मात: प्रवीण अत्रे
punjabkesari.in Friday, Apr 28, 2023 - 10:25 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): एक मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दिया गया बयान कि 'मैं पहले जाट और फिर बाद में मुख्यमंत्री' हूं, उनका पीछा अब तक नहीं छोड़ रहा है। भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे ने इस बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री रहते इस प्रकार का बयान देकर यह साबित कर दिया था कि कांग्रेस पार्टी जात पात की राजनीति करने वाली पार्टी है। इस प्रकार से जाट और नॉन जाट की बात मुख्यमंत्री जैसे गरिमामय पद पर बैठकर कहना किसी भी तरह से उचित नहीं था। लेकिन यही कांग्रेस का हथियार है और यही हथियार कांग्रेस को मात दे रहा है। 36 बिरादरी को बांटने का काम कोई भी करेगा उसे जनता माफ नहीं करेगी। कांग्रेस के खत्म होने का कारण यही है। प्रवीण ने कहा कि कांग्रेस और हुड्डा कांग्रेस की लड़ाई लंबे समय से सड़कों पर है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की हुड्डा समर्थकों द्वारा सड़क पर पिटाई के बाद थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई, कोर्ट तक भी मामला पहुंचा, फिर कुमारी शैलजा अध्यक्ष बनी और यह लड़ाई जारी रही। हाल ही में यमुनानगर के एक कार्यक्रम के मंच पर खुद शैलजा ने स्वीकार किया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में उन्हें नहीं बुलाया जाता। उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि कांग्रेस 2024 चुनावों के बाद बिल्कुल खत्म हो जाएगी। यह चुनाव कांग्रेस का प्रदेश में अंतिम चुनाव साबित होगा।
सरकार आने पर परिवार पहचान पत्र को खत्म करने की बात कहने वाले हुड्डा पिता-पुत्र को कड़ा जवाब देते हुए अत्रे ने कहा कि सरकार आने की बात पर उत्साहित केवल हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी है। कांग्रेस आज जेबी कांग्रेस बन चुकी है। पिता पुत्र ने कांग्रेस को जेब में रखा हुआ है। ओल्ड पेंशन शुरू करने की बात कहने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा जवाब दें कि उन्होंने पेंशन बंद क्यों की थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उत्साहित करने के बाद पेंशन बंद करने का फैसला लिया गया। लेकिन आज सत्ता प्राप्त करने के लिए मरता क्या न करता जैसी स्थिति बनी हुई है। हर झूठा वायदा जिसे पूरा नही करना है, वह भी सत्ता प्राप्ति के लिए लगातार कर रहे हैं। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से जनता तक सीधा लाभ पहुंचना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या है। हुड्डा के 10 साल के शासनकाल में सरकारी योजनाओं का लाभ सरकार के नजदीक रहने वाले लोगों को ही मिलता था। निजी लोग मलाई खा रहे थे। आज दबा- कुचला- शोषित- दलित समाज जिसकी अनदेखी होती थी, आज उन्हें पात्रता के हिसाब से हर सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है। मनोहर की सोच और नीति से गरीब का भला हुआ है, यही इनका दर्द है।
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