चर्च के मुख्य गेट बंद करने को लेकर हुआ विवाद, कोर्ट तक पहुंचा मामला

punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2019 - 02:21 PM (IST)

हिसार (विनोद सैनी) : हिसार के सेंट थॉमस चर्च में मुख्य गेट बंद करने को लेकर विवाद हो गया है। चर्च के दो गुटों के बीच हुए विवाद के चलते मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी। वहीं मामला कोर्ट तक भी पहुंचा। कोर्ट के आदेश के बाद चर्च का मुख्य गेट खोल दिया गया। मगर गेट के अंदर काफी मलबा गिरा हुआ था जिसे पुलिस की मौजूदगी में हटवाया जा रहा है।

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जानकारी के अनुसार हिसार के सेंट थॉमस चर्च में पिछले काफी सालों से चर्च की जमीन पर मलकियत को लेकर विवाद चल रहा है। मलकियत का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। मगर ताजा विवाद चर्च के मुख्य गेट को बंद करने को लेकर था। कुछ दिन पहले चर्च में इंटरलॉकिंग टॉयल लगाने का कार्य शुरू किया गया। पुराने फर्श की इंटें और मलबा चर्च के मुख्य गेट के पास इकठ्ठा कर दिया गया, जिससे मुख्य गेट बंद हो गया।

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बताया जा रहा है कि चर्च संभाल रहे गुट ने गेट पर भी ताला जड़ दिया। इससे चर्च के अंदर जाने के लिए दूसरे गेट का इस्तेमाल होने लगा लेकिन चर्च के अंदर नर्सरी चलाने वाले किराएदार हुकुम सिंह इस मुद्दे को लेकर स्थानीय अदालत में पहुंच गए। उनका कहना था कि चर्च की स्थानीय बॉडी के इस फैसले से उनकी नर्सरी का काम ठप हो गया है। अदालत ने 12 दिसम्बर को चर्च का मुख्य गेट खोलने के आदेश दे दिए थे परंतु कोर्ट के इस आदेश के बाद भी जब गेट नहीं खोला गया तो गुरुवार को पुलिस बुलानी पड़ी। अर्बन एस्टेट थाना के एसएचओ के अनुसार उन्हें चर्च में विवाद के बारे में जानकारी मिली तो मौके पर पहुंचे। चर्च का गेट मलबा डला होने के कारण बंद था। अब कोर्ट के आदेशानुसार मुख्य गेट से मलबा उठवाकर गेट खोलने के लिए बोल दिया गया है

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।इस संबंध में चर्च ऑफ नार्थ इंडिया सोसायटी के सदस्य के अनुसार हिसार चर्च का मालिकाना हक सीएनआई के नाम है और लोकल बॉडी को चर्च संभालने का जिम्मा दिया हुआ है। मगर पिछले कुछ समय से लोकल बॉडी चर्च पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में लोकल बॉडी ने सीएनआई से इंटरलॉकिंग टाइल लगाने की परमिशन मांगी थी। मगर परमिशन मिलने के बाद उन्होंने गेट ही बंद कर दिया। इसी कारण उन्हे कोर्ट का सहारा लेने पड़ा। वहीं चर्च के वर्तमान पादरी आईजैक मान के अनुसार सेंट थॉमस चर्च 1949 से वर्तमान बॉडी संभाल रही है। गेट बंद करने का मुद्दा बिना बात उठाया गया है। चर्च में इंटरलॉकिंग टाइल का काम चलने केे कारण मलबा गेट के पास इकठ्ठा किया गया था। नर्सरी संचालक के आरोपों पर उन्होंने बताया कि चर्च की सम्पत्ति राज्य सरकार के नाम पर है। यहां वैसे भी व्यवसायिक गतिविधियां नहीं हो सकती हैं।

 वहीं शहर के बीचों बीच स्थित इस चर्च की जमीन को लेकर पहले भी विवाद उठते रहे हैं। चर्च का एक हिस्सा पहले बेच भी दिया गया था लेकिन मामला कोर्ट में पहुंच गया। हाईकोर्ट में मामला अब भी विचाराधीन है। चर्च पर दो गुट अपना हक जताते हैं और समय-समय पर उनके बीच विवाद होते रहते हैं। ताजा मामला भी इसी विवाद का नतीजा था।


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Isha

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