कोरोना वायरस : हालात नहीं सुधरे तो शहर के उद्यमियों को होगा 2 हजार करोड़ का नुकसान

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2020 - 10:08 AM (IST)

फरीदाबाद (ब्यूरो) : चीन के वुहाना समेत अन्य शहरों में फैले कोरोना वायरस से जहां दुनिया भर में हंडकंप मचा हुआ है वहीं फरीदाबाद इंडस्ट्री भी इसके असर से अछूती नहीं रही है। फरीदाबाद को ऑटो मोबाइल सेक्टर का हब कहा जाता है। इस वायरस के चलते शहर की ऑटो मोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक, चीलिंग प्लांट्स आदि के पाट्र्स के लिए रॉ-मैटेरियल मिलना कम होता जा रहा है। जिससे उद्यमियों की चिंता और अधिक बढ़ गई है। 

एक अनुमान के हिसाब से चीन में हालात सामान्य नहीं हुए तो फरीदाबाद की इंडस्ट्री को भी 2 हजार करोड़ से अधिक को नुकसान उठाना पड़ सकता है। उद्यमियों की माने तो अब वह उन देशों की राह भी तलाश रहे हैं, जहां से सस्ता रॉ-मैटेरियल मिल सके । ऐसे में वह अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस समेत अपने देश की कंपनियों से भी संपर्क साध रहे हैं। साथ ही विभिन्न देशों में फैले चीन के बाजार को भी पकडऩे की कोशिश कर रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि यह हमारे लिए मौका है। इस समय अगर हम सस्ता और बेहतर सामान बनाकर बाजार में लाते तो यह हमारे लिए भी फायदेमंद होगा।

30 हजार छोटी बड़ी कंपनियां 
औद्योगिक नगरी में करीब 30 हजार के आसपास छोटी-बड़ी कंपनियां है। इनमें ज्यादातर ऑटो मोबाइल्स से लेकर इलेक्ट्रॉनिक व कई सामनों के पाट्र्स तैयार करते हैं। जानकारों के अनुसार इनका मासिक कारोबार 5 हजार करोड़ से ज्यादा का है। ये जो सामान बनाते हैं, इनमें अधिकांश के रॉ-मैटेरियल चीन से मंगाते हैं।

लेकिन चीन में फैले कोरोना वायरस से मैटेरियल के आयात पर असर पड़ रहा है। इससे इनके कारोबार को प्रभावित कर रहा है। क्योंकि चीन से आयातित रॉ-मैटेरियल लगभग बंद होने के कगार पर है। इसके कारण  कच्चा माल खरीदने में 20 फीसदी तक अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है।

इन पर पड़ेगा बुरा असर 
फरीदाबाद में सबसे अधिक लघु उद्यमी हैं। यहां इनकी संख्या करीब 25 हजार के आसपास हैं। जानकारों के अनुसार इनका मासिक कारोबार करीब 2 हजार करोड़ से ज्यादा है। इनमें से सबसे ज्यादा ऑटो मोबाइल्स के लिए पाट्र्स तैयार करते हैं। सिलकॉन रबड़ टाईटेनियम, चिलिंग के लिए कैमिकल्स आदि चीन से मंगाते हैं। इसलिए लघु उद्यमियों का कहना है कि चीन में फैले कोरोना वायरस से उनके कारोबार पर काफी असर पड़ा है।

वहां से इनके रॉ-मैटेरियल आने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में अपने यहां के स्टॉकिस्ट से करीब 20 फीसदी उंचे दर पर रॉ-मैटेरियल खरीदने पड़ रहे हैं। चीन से इलेक्ट्रॉनिक सामानों के रॉ-मटेरियल के भी आयात काफी मात्रा में होते हैं। कोरोना वायरस के चलते इसके आयात पर भी असर पड़ रहा है। खासकर सीएफ एल बल्व में यूज होने वाले गैस और केमिकल, गीजर आदि में यूज होने वाले गैस और केमिकल आदि। इससे परेशानी बढ़ सकती है। 

खिलौने बाजार को मौका
उद्यमियों का कहना है कि चीन में कोरोना वायरस से कई कपंनियां बंद हो रही है। ऐसे में उद्यमियों के पास एक मौका भी है। वह उन बाजारों को पकड़ें जहां चीन के सामान ज्यादा बिकते हैं। खासकर खिलौने का बाजार। उद्यमी बताते हैं कि होली में चाईनीज पिचकारी व खिलौना यहां के बाजार पर हावी है। इसलिए यहां के उद्यमियों को चाहिए कि वह सस्ता और बढिय़ा खिलौना लाकर इन बाजारों में अपनी पकड़ बनाएं। यह देश के सभी उद्यमियों के लिए एक मौका भी है।


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Isha

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