कोर्ट ने कहा, सहमति से बनाए गए संबंध दुष्कर्म नहीं, आरोपी को किया बरी

punjabkesari.in Sunday, Apr 17, 2022 - 09:05 AM (IST)

फतेहाबाद: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज बलवंंत सिंह की अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई करते हुए दुष्कर्म के आरोपी को बरी किया है। अदालत ने अपने आदेशों में टिप्पणी की कि  सहमति से बनाए गया संबंध दुष्कर्म नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि पीडि़ता कई महीनों से आरोपी की कैंटीन में काम करती थी। उसका कहना है कि आरोपी ने उसे शादी करने का झांसा दिया, जबकि वह पहले से शादीशुदा था। कोर्ट ने कहा कि यह पीडि़ता का भी दायित्व बनता है कि संबंध के लिए अपने आप को समर्पण करने से पहले वह कैंटीन में आने वाले आरोपी के क्लाइंट से इस बात की तस्दीक कर लेती कि आरोपी कुवारां है या शादीशुदा है। कोर्ट ने कहा कि पीडि़ता का आचरण बताता है कि उसने सहमति से अरोपी से संबंध बनाए और बाद में उसने मुकदमा दर्ज करवाने के लिए स्टोरी गढ़ी।

उल्लेखनीय है कि टोहाना पुलिस ने 15 जून 2019 को गिल्लांवाली ढाणी, टोहाना निवासी दलीप के विरूद्ध एक महिल की शिकायत पर भादंसं की धारा 313, 328, 376, 506 व एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पीडि़ता का आरोप था कि वह एक स्कूल में जॉब की तलाश में गई थी। वहां उसकी स्कूल की कैंटीन ठेकेदार दलीप से मुलाकात हो गई। दलीप ने उसे टोहाना शहर में कमरा किराए पर दिलवा दिया और एक दिन वह जूस लेकर आया और जूस पीते ही वह बेहोश हो गई और दलीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह कई महीनों तक उससे दुष्कर्म करता रहा। जब वह गर्भवती हो गई तो दलीप ने गर्भपात करवा दिया।  जब उसने शादी के लिए कहा तो दलीप ने बताया कि वह तो शादीशुदा है।

कोर्ट में महिला के आरोपों के जवाब में आरोपी की पत्नी भी पेश हुई और बताया कि उन्होंने पीडि़ता को किश्तों पर फ्रिज दिलवाया था और किश्तें भी खुद भरी थी। पीडि़ता अच्छी तरह से जानती थी कि दलीप विवाहित है। महिला जिस मकान मे किराए पर रहती थी उसके मकान मालिक ने भी कोर्ट में गवाही दी कि दलीप एक बार कमरा दिलवाने आया था, उसके बाद उसने कभी दलीप को वहां नहीं देखा। कोर्ट ने कहा जब यह साबित हो गया है कि पीडि़ता सहमति के साथ आरोपी के साथ संबंध में थी, उसके बाद मेडिकल एविडेंस आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। कोर्ट ने यहां तक कहा कि भले ही पीडि़ता के अधोवस्त्रों पर आरोपी के सीमन मिले हैं, लकिन इससे यह साबित नहीं होता कि दुष्कर्म हुआ है। कोर्ट ने आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Recommended News

Related News

static