सेना में लेफ्टिनेंट व एसिस्टेंट कमांडर की नौकरी छोड़ सुनील ने की UPSC की तैयारी, पाया ये मुकाम (VIDEO)

punjabkesari.in Wednesday, May 24, 2023 - 12:16 PM (IST)

चरखी दादरी (पुनीत) : चरखी दादरी के गांव झिझंर के बेटे सुनील फौगाट ने मन में आईएएस बनने की ठानी थी, इसलिए एड्रायड फोन छोड़ दिया और बिना कोचिंग तीसरी बार में यूपीएससी की परीक्षा में 77वां रेंक हसिल कर सफलता प्राप्त की है। टारगेट लेकर चल रहे सुनील ने बीटेक के बाद सात लाख रुपए के पैकेज की नौकरी नहीं की और बाद में लेफ्टिनेंट व एसिस्टेंड कमांडर के पद पर चयन हुआ तो भी नौकरी नहीं की। आखिरकार सुनील का आईएएस बनने का सपना बन ही गया। सुनील की इस उपलब्धि पर गांव में जश्न का माहौल है। परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई। साथ ही ग्रामीणों ने निर्णय लेते हुए सुनील के गांव लौटने पर सम्मान समारोह करने का निर्णय लिया।


सुनील ने तीसरी बार इस परीक्षा में सफलता की प्राप्त


बता दें कि दादरी जिले के गांव झिंझर निवासी सुनील ने यूपीएससी की परीक्षा में देशभर में 77वां रेंक हासिल किया है। सुनील ने तीसरी बार इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। पहली बार मेन परीक्षा में नहीं बैठ पाया था और दूसरी बार इंटरव्यू में रहने के बाद भी हार नहीं मानी। 


पिता सेना से सूबेदार मेजर के पद से हैं रिटायर्ड

सुनीता के पिता सेना से सूबेदार मेजर के पद से रिटायर्ड हैं और मां गृहिणी हैं। पिता रणबीर सिंह ने बताया कि बेटे की सफलता पर गर्व है। बेटे सुनील ने बिना कोचिंग के तीसरी बार में सफलता प्राप्त की है। सुनील ने आईएएस बनने की ठानी थी। इसलिए सेना में लेफ्टिनेंट व एसिस्टेंट कमांडर की नौकरी नहीं की। बीटेक करने के बाद 7 लाख रुपए का पैकेज भी ठुकरा दिया है। वहीं माता अनिता देवी व दादा मायाराम ने कहा कि बेटे ने परिवार व गांव का नाम रोशन किया है। बेटे की मेहनत के बूते गांव का बेटा आईएएस बनने से उन्हें खुशी है।

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Content Writer

Manisha rana

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