मान्यता दिलाने के नाम पर ली 3 लाख रुपए रिश्वत, डीईईओ रामफल धनखड़ ने खुद किया सरेंडर

punjabkesari.in Tuesday, May 12, 2020 - 10:46 AM (IST)

सोनीपत(पवन राठी)-  गांव कथूरा में स्कूल को 8वी की मान्यता दिलाने के नाम पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगने का मामला सामने आया था। इस मामले में विजलेंस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए तीन महीनों तक खूब भागदौड़ की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। आखिरकार आरोपी डीईईओ रामफल धनखड़ ने खुद ही सरेंडर कर दिया। बता दें कि होली के दिन 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रामफल धनखड़ के सहायक क्लर्क को विजलेंस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया तभी से वह फरार चल रहा था। विजलेंस टीम ने डीईईओ को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया है।

गांव कथूरा की रहने वाली अधिवक्ता मीना कुमारी ने बताया कि उनके पति गांव कथूरा में किड्स वैली नाम से स्कूल चलाते हैं। स्कूल में आठवीं कक्षा तक की मान्यता लेने के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामफल धनखड़ के कार्यालय में दिसंबर, 2019 में आवेदन किया था। उनका आरोप था कि मान्यता देने की एवज में उनसे 29 फरवरी को तीन लाख रुपये मांगे गए थे। उसके बाद बार-बार कॉल कर जल्द नकदी देने की बात कही थी। मामले को लेकर विजिलेंस रोहतक की टीम से संपर्क किया था। जिसके बाद इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार की टीम बनाई थी। साथ ही तहसीलदार सोनीपत विकास कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था।

टीम ने 9 मार्च को मॉडल टाउन स्थित डीईईओ कार्यालय में क्लर्क पवन को रिश्वत की राशि दी तो टीम ने उसे रंगे हाथों काबू गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान डीईईओ कार्यालय से निकल गए थे। अब मामले में आरोपी डीईईओ गांव करौथा निवासी रामफल धनखड़ ने विजिलेंस के सामने सरेंडर कर दिया है। टीम ने आरोपी की कार से स्कूल द्वारा मान्यता लेने के लिए भेजी गई फाइल को बरामद किया हैं। विजिलेंस कई माह से उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी।

विजिलेंस इंस्पेक्टर जगत सिंह ने बताया कि स्कूल को मान्यता देने की एवज में तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी डीईईओ ने विजलेंस कार्यालय में सरेंडर किया हैं। आरोपी की कार से फाइल बरामद की हैं। आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


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Isha

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