Delhi Blast: सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो बाद में होंगी बड़ी दिक्कत

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 02:43 PM (IST)

हरियाणा डेस्कः फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने और उसके बाद दिल्ली में आई20 कार में हुए बम धमाके के मामले ने पुरानी कार खरीद-बिक्री की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में सामने आया है कि जिस कार में विस्फोटक ले जाए जा रहे थे, वह कई बार अलग-अलग मालिकों के पास रही थी। अब पुलिस उन सभी पूर्व मालिकों से पूछताछ कर रही है। इस घटना ने सेकेंड-हैंड वाहन खरीदने से पहले जरूरी सावधानियों को एक बार फिर रेखांकित किया है।

पुरानी कार खरीदने से पहले क्यों जरूरी है सतर्कता?

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, सेकेंड-हैंड वाहन गलत तत्वों द्वारा इस्तेमाल किए जाने का खतरा ज़्यादा रहता है, खासकर तब जब दस्तावेज़ सही तरीके से ट्रांसफर न किए गए हों। ऐसे में किसी भी अप्रत्याशित कानूनी जटिलता से बचने के लिए खरीदारों को कुछ महत्वपूर्ण कदम अवश्य उठाने चाहिए।

RC ट्रांसफर कराना अनिवार्य

पुरानी कार खरीदने या बेचने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) का ट्रांसफर कराना कानूनी रूप से बेहद जरूरी है। RC में नाम अपडेट न होने पर किसी भी अपराध या विवाद की स्थिति में जिम्मेदारी पुराने मालिक पर आ सकती है। यही वजह है कि पुलिस जांच में सबसे पहले RC पर दर्ज नाम को ही आधार बनाया जाता है।

लोन वाली कार में NOC अनिवार्य

अगर कार पहले लोन पर खरीदी गई थी, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी से NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना जरूरी है। इसके बिना वाहन का मालिकाना हक बदलना मुश्किल हो जाता है और कानूनी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

इंश्योरेंस ट्रांसफर कराना न भूलें

कार खरीदने के बाद उसकी इंश्योरेंस पॉलिसी नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर कराना जरूरी है। दुर्घटना, चोरी या किसी आपात स्थिति में दावा तभी स्वीकार किया जाता है जब बीमा पॉलिसी में आपका नाम अपडेट हो।

वाहन की पूरी तकनीकी जांच जरूरी

इंजन की स्थिति: पता करें कि इंजन में कोई बड़ी मरम्मत तो नहीं हुई है।

मैकेनिक से निरीक्षण: किसी भरोसेमंद मैकेनिक से कार की पूरी जांच कराएं।

बॉडी और सस्पेंशन: जंग, डेंट और सस्पेंशन से जुड़ी दिक्कतें बाद में भारी खर्च बन सकती हैं।

इंटीरियर व बेसिक चेक: सीट, लाइट, टायर, ब्रेक आदि की पूरी जांच करें।

कम कीमत देखकर जल्दबाज़ी में फैसला न लें

विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार सस्ती कीमत देखने पर खरीदार जल्दबाजी में फैसला कर लेते हैं। लेकिन पुरानी कार खरीदते समय उसकी उम्र, सर्विस रिकॉर्ड और वास्तविक स्थिति को प्राथमिकता देना चाहिए। गलत चुनाव भविष्य में भारी खर्च और कानूनी परेशानी का कारण बन सकता है।


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Deepak Kumar

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