चुनाव से पहले युवाओं को साथ जोड़ने को लेकर दिग्विजय चौटाला ने तैयार किया ‘रोडमैप’

punjabkesari.in Saturday, Jul 29, 2023 - 12:16 AM (IST)

चंडीगढ़: हरियाणा में इस वर्ष होने वाले छात्र संघ चुनाव एवं अगले वर्ष होने वाले संसदीय एवं विधानसभा चुनावों को लेकर जननायक जनता पार्टी के विद्यार्थी संगठन इंडियन नैशनल स्टूडैंट आर्गेनाइजेशन (इनसो) ने भी कमर कस ली है। प्रदेश में इस साल करीब 456 महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र संघ के चुनाव प्रस्तावित हैं और इन संस्थानों में करीब 6 लाख 62 हजार विद्यार्थी हैं। इसी बीच इनसो की ओर से 6 अगस्त को हिसार में अपने स्थापना दिवस पर एक समारोह के जरिए शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी है। स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रदेशभर से हजारों युवा हिसार में एकत्रित होंगे और इनसो के 20 साल के सफर पर चर्चा और आगामी कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे। पिछले दो दशकों में छात्र संगठन इनसो ने सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अहम कदम उठाए हैं।  प्रदेश में 18 से 25 साल के मतदाताओं को रिझाने और उन्हें मुख्य धारा की राजनीति में लाने के लिए इनसो की ओर से एक प्रभावी रोडमैप तैयार किया गया है और उसी कड़ी में इनसो हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली, चंडीगढ़ व राजस्थान जैसे राज्यों में भी लगातार सक्रिय है।

छात्र संघ चुनावों के जरिए इनसो व जजपा को मजबूत करने की है कवायद

 

गौरतलब है कि प्रदेश में 2018 में छात्र संघ के चुनाव हुए थे और अब पांच साल बाद फिर से इसी वर्ष छात्र संघ के चुनाव होने हैं और इनसो द्वारा छात्र संघ चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए जहां संगठन को मजबूत करना है तो अपने राजनीतिक दल जजपा के लिए प्रभावी राह तैयार करने की भी रणनीति है। प्रदेश में 18 से 25 वर्ष आयु के करीब 45 लाख मतदाता हैं, जबकि कालेज एवं विश्वविद्यालय में करीब 6 लाख 62 हजार विद्यार्थी हैं। उच्चत्तर शिक्षा विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 175 राजकीय डिग्री कालेजों में 2 लाख 27 हजार, सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 1 लाख 43 हजार, निजी महाविद्यालयों में 34160 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसी तरह से 4 राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों में 1869, 75 निजी इंजीनियरिंग कालेजों में 26,375 विद्यार्थी हैं। हरियाणा में करीब 14 स्टेट यूनिवर्सिटी में 1 लाख 49 हजार, 1 केंद्रीय विश्वविद्यालय में करीब 3,058, 24 निजी विश्वविद्यालयों में 56,090 एवं 3 डीमड यूनिवर्सिटी में 18,343 विद्यार्थी हैं। विशेष बात यह है कि इनसो की ओर से छात्र संघ चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही इनसो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दो शोध इकाइयों का गठन भी करेगी। दरअसल जजपा की विद्यार्थी इकाई इनसो की निगाहें राज्य के युवाओं मतदाताओं पर है। हरियाणा में 1 करोड़ 96 लाख 58 हजार 234 मतदाता हैं। इनमें 45 लाख मतदाता युवा हैं। इस अभियान की जिम्मेदारी देवीलाल की चौथी पीढ़ी के युवा चेहरे दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला के हाथों में है। दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला को चुनावी प्रबंधन और संगठन का लंबा अनुभव है। कम उम्र में ही दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला प्रबंधन में अपना लोहा मनवा चुके हैं। 16 साल की उम्र में ही दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला ने सिरसा में एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामैंट का शानदार आयोजन किया। इसके बाद वे लंबे समय तक इनसो में सक्रिय रहे। 2011 में हिसार उपचुनाव के दौरान भी दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला ने अपने पिता डा. अजय सिंह चौटाला के लिए प्रचार किया। 2014 में उन्होंने इनैलो में रहते हुए संगठन के लिए काम किया। इससे पहले 2 अक्तूबर से 5 दिसंबर 2013 तक दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला ने प्रदेशभर में जनचेतना यात्रा निकाली और 5 दिसंबर 2013 को रोहतक में एक विद्यार्थी रैली का आयोजन किया था और अब वे जजपा के गठन के बाद से इनसो के साथ-साथ जजपा को सियासी रूप से मजबूत बनाने के लिए लगातार फील्ड में सक्रिय हैं।

प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनावों को लेकर भी जारी हैं प्रयास

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में करीब 27 वर्षों से प्रत्यक्ष छात्र संघ के चुनाव प्रतिबंधित हैं। पहले प्रत्येक कालेज एवं विश्वविद्यालय में प्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ के चुनाव होते थे। इन चुनावों के जरिए ही बहुत से युवाओं ने मुख्य धारा की राजनीति में भी अपना एक विशेष स्थान स्थापित किया। प्रत्यक्ष छात्र संघ के चुनावों को लेकर भी इनसो लगातार प्रयास कर रही है। इनसो के प्रयासों के बाद ही अप्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ के चुनाव 2018 में बहाल किए गए थे। प्रदेश में 1996 में जब बंसीलाल की सरकार थी, तब चुनावों में लगातार बढ़ती हिंसा के कारण छात्र संघ चुनाव प्रतिबंधित कर दिए गए थे। इसके बाद इनैलो और कांग्रेस की सरकारें आईं और समय-समय पर छात्र संगठन चुनाव करवाने की मांग करते रहे, लेकिन चुनाव नहीं हुए। 2014 में सत्ता में आने से पहले भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को लुभाने के लिए छात्र संघ चुनाव की घोषणा की थी। इनसो की ओर से प्रदेश में छात्र संघ चुनाव करवाने को लेकर लंबा आंदोलन चलाया गया और फिर 2018 में सरकार की ओर से अप्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल किए गए थे।

कोराना काल में इनसो योद्धाओं ने निभाई अहम भूमिका

छात्र राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी अहम भूमिका अदा कर रही इनसो ने कोरोना महामारी के दौर में प्रदेशभर में रक्तदान शिविर, सैनिटाइजेशन अभियान, पौधारोपण करते हुए अपना स्थापना दिवस सामाजिक सरोकार से जोडक़र मनाया। साल 2020 में जब कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में ब्लड बैंकों में रक्त की कमी की जानकारी छात्र संगठन इनसो को मिली तो विशेष तौर पर आह्वान कर 5000 रक्त यूनिट एक ही दिन में इक_ा कर अस्पतालों को दिया गया। इस पुनीत कार्य में खुद इनसो के संस्थापक डा. अजय सिंह चौटाला, दिग्विजय चौटाला और जेजेपी विधायक एवं मंत्री भी आगे आए और रक्तदान किया। यही नहीं लगभग हजारों पौधे भी इनसो और युवा जेजेपी के कार्यकत्र्ताओं ने लगाए। साल 2021 में इनसो का 19वां स्थापना दिवस महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में छात्र हित में उनके बेहतर शिक्षा, रोजगार की चर्चा के साथ-साथ रक्तदान, अंगदान, शहीदों के परिजनों को सम्मानित करके मनाया गया। साथ ही इस मौके पर डा. अजय सिंह चौटाला ने सर्वसम्मति से इनसो संगठन में निरंतर मेहनत करने वाले छात्र नेता एवं गरीब किसान परिवार से संबंध रखने वाले इनसो प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल को इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी सौंपी और वर्तमान में प्रदीप देशवाल इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनका छात्र हितों को लेकर एक बेहद लंबा संघर्ष रहा है और उन्हें पूरे उत्तर भारत में एक बेहद संघर्षशील छात्र नेता के तौर पर जाना जाता है। वहीं इनसो ने अपना 20वां स्थापना दिवस राजस्थान की राजधानी जयपुर में रणघोष कर मनाया और इससे राजस्थान के युवाओं को नया विकल्प मिला और इनसो को इसके परिणाम भी हासिल हुए। राजस्थान छात्र संघ चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के साथ इनसो दो सीटों पर जीतने में भी सफल हुई थी।

युवाओं को मुख्यधारा की सियासत के लिए तैयार कर रहा है इनसो: दिग्विजय चौटाला

जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला का कहना है कि युवाओं को मुख्यधारा की सियासत के लिए तैयार करने तथा उन्हें सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में आगे रखने में भी इनसो अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस संगठन के संस्थापक अजय चौटाला जानते थे कि आने वाला भविष्य युवाओं का है और राजनीति व सरकार चलाने में युवाओं की हिस्सेदारी जरूरी है। इसी मकसद से उन्होंने 5 अगस्त 2003 को इनसो का गठन किया था। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इनसो प्रदेश एवं देश हित से जुड़ी सभी गतिविधियों में भाग लेता रहा है। उन्होंने कहा कि इनसो के प्रयासों से ही प्रदेश में 23 साल बाद छात्र संघ चुनाव करवाए गए। वर्ष 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जजपा की ओर से ही सबसे ज्यादा युवा चुनाव मैदान में उतारे गए। दिग्विजय चौटाला का कहना है कि इनसो छात्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर सदैव आगे रहती है तथा इनसो का केवल एक ही लक्ष्य है कि गरीब, किसान एवं कमेरे वर्ग के छात्र हितों की आवाज को बुलंद करना। उन्होंने कहा कि इनसो समूचे उत्तर भारत के राज्यों में अपनी मजबूत उपस्थिति के जरिए साधारण परिवार के युवाओं को एक मंच दे रही है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में कोई भी दिक्कत न आए इसके लिए इनसो विद्यार्थियों की हर संभव मदद करती रहेगी। जजपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने मांग की है कि अब इसी वर्ष से हरियाणा में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल कर स्टूडैंट डेमोक्रेसी को प्रदेश में फिर से स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद देशभर में सभी गतिविधियां पूरी तरह बहाल हो चुकी हैं, अब छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा इसके लिए उनका छात्र संगठन इनसो किसी भी तरह के संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा। 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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