भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से विक्रमादित्य की मुलाक़ात की चर्चा: सूत्र

punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2024 - 04:43 PM (IST)

 चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी):  हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र के पुत्र मौजूदा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य का हाल ही में तीन दिन का दिल्ली दौरा हिमाचल की राजनीति में क्या एक बड़ा भूचाल लाने का संकेत दे रहा है। क्योंकि इन 3 दिनों में बेशक उनकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई हो लेकिन इस सफर का उद्देश्य सूत्र कुछ ओर बता रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि उनकी मुलाकात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी हुई है। हालांकि विक्रमादित्य ने चंडीगढ़ के ललित होटल में नड्डा से हुई मुलाकात की बात से इनकार किया है।

ललित होटल से हमीरपुर के लिए निकलने के दौरान उन्होंने मीडिया की भी किसी बात का जवाब नहीं दिया। वह मंद-मंद मुस्कुराते रहे और केवल हां - ना में जवाब देते रहे। उनकी यही खामोशी एक बड़े राजनीतिक तूफान की ओर इशारा दे रही थी। क्योंकि अगर दिल्ली में नड्डा की मुलाकात की बात सच है तो फिर तुरंत बाद विक्रमादित्य का ललित होटल में सोमवार रात पहुंचना और वहां ठहराव करना, जहां कांग्रेस के निष्कासित 6 तथा निर्दलीय 3 विधायक भी रुके हुए हैं। हिमाचल में एक बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं। ललित होटल में विक्रमादित्य मंगलवार सुबह लगभग 11 बजकर 50 मिनट तक रहे।इस दौरान इसी होटल में हरियाणा के सी एम के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भण्डारी भी विक्रमादित्य व अन्य सभी विधायकों के साथ मौजूद थे।इस पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी का कद कहीं ऊंचा हो गया है। तरुण भंडारी भाजपा के लिए ऐसे तुरुप के इक्के की तरह साबित हो रहे हैं जो विरोधियों के पूरे खेल को एक झटके में बिगड़ने का काम कर रहे हैं।


कांग्रेस में भंडारी की पैठ भाजपा के लिए हो रही वरदान साबित

 ललित होटल में विक्रमादित्य तीसरी मंजिल पर रुके थे और वहीं निष्कासित कांग्रेसी तथा निर्दलीय विधायक भी आसपास ही  रुके हुए थे। ऐसी भी चर्चा है कि इन सभी ने डिनर इकट्ठे किया। इस मौके पर बेहद कुशल राजनीतिज्ञ जो कई कांग्रेसी बड़े चेहरों को भाजपा में शामिल करवा चुके हैं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी भी मौजूद थे। ललित होटल में भंडारी की इन सभी से मुलाकात बड़े राजनीतिक फेरबदल की संभावनाओं को ओर अधिक पुख्ता करने में मदद कर रही हैं। क्योंकि कांग्रेस में तरुण भंडारी की पैठ जग जाहिर है जोकि इससे पहले भी भंडारी भाजपा के लिए बेहद फायदे का सौदा साबित हो चुके हैं। कई बड़े असंभव काम भंडारी की मदद से भाजपा संभव करवा चुकी है।

- अगले 3-4 दिन में फिर दिल्ली जा सकते हैं विक्रमादित्य, अमित शाह से होगी मुलाकात-सूत्र


 बता दें कि सूत्रों के मुताबिक ललित होटल में इन 6 कांग्रेसी तथा 3 निर्दलीय विधायकों से विक्रमादित्य की यह दूसरी मुलाकात हुई थी। चर्चा तो यह भी है कि हिमाचल की मंडी लोकसभा क्षेत्र से विक्रमादित्य अपनी माता के लिए भाजपा की टिकट चाहते हैं। उसकी गारंटी तथा कांग्रेस से निष्कासित 6 तथा 3 निर्दलीयों जिन्होंने हिमाचल की राजनीति का गणित बिगाड़ा है सभी के लिए विक्रमादित्य एक सेफ जॉन की वकालत कर चुके हैं। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार को हरवाकर भाजपा उम्मीदवार हर्षवर्धन को जितवाने के इनाम स्वरूप वह सभी के लिए सेफ पैकेज की उम्मीद कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जल्द विक्रमादित्य की मुलाकात केंद्रीय गृहमंत्री एवं किंग मेकर के रूप में विख्यात अमित शाह से भी होगी। जिसका जल्द समय सुनिश्चित हो जाएगा। संभावना है कि यह मुलाकात आगामी तीन-चार दिन में हो जाएगी। आमतौर पर देश के किसी भी हिस्से में जब-जब भाजपा ने विपक्ष की सरकारों या कोई भी राजनीतिक खेल बिगाड़ा है, तब-तब इसी प्रकार की ही गतिविधियां देखने को मिली है। अमित शाह के साथ होने वाली बैठक में विक्रमादित्य की मांग पर मोहर लगने के बाद हिमाचल प्रदेश में एक बड़ा राजनीतिक उलट फेर देखा जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा जहां कहीं अधिक आत्मविश्वास से लबरेज नजर आएगी, वहीं विपक्षियों के हौसले लगभग पस्त देखने को मिलेंगे।

भाजपा का गणित:-  3-4 विधायकों संग विक्रमादित्य आ जाएं तो तख्ता पलट हो जाएगा सम्भव

इस पूरे घटनाक्रम की पटकथा लिखने का श्रेय अगर बेहद राजनीतिक कौशल के माहिर या यूं कहें कि राजनीति के चाणक्य तरुण भंडारी को दें तो कतई गलत नहीं होगा। इस गणित को बिगाड़ने में या यूं कहें इस सारे खेल के कर्ताधर्ता भंडारी है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल के बेहद करीब और विश्वसनीय माने जाने वाले भंडारी इससे पहले भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार तो विक्रमादित्य हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी दूरभाष पर कई बार संवाद कर चुके हैं। इस बातचीत में भी मुख्य कड़ी के रूप में तरुण भंडारी ने भूमिका निभाई थी। भले ही हिमाचल के मुख्यमंत्री अपनी सरकार सुरक्षित होने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी इस गणित की ओर अग्रसर है कि अगर विक्रमादित्य तीन-चार विधायकों समेत भाजपा में शामिल हो गए तो फिर हिमाचल प्रदेश की सरकार का तख्ता पलट करना कोई बड़ी बात नहीं होगी। क्योंकि कांग्रेस पार्टी अपने 6 विधायकों को पहले ही निष्कासित कर चुकी है और निर्दलीय विधायक भी भाजपा के पक्ष में है।


विक्रमादित्य अगर भाजपा में आए तो हर विधानसभा से एक बड़ा वोटबैंक भाजपा में हो जाएगा डायवर्ट

 कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य हिमाचल के कद्दावर- ताकतवर परिवार से हैं। उनके पिता राजा वीरभद्र सिंह हिमाचल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसलिए कई विधायक उनके गुट के हैं। प्रदेश की हर विधानसभा में एक बड़े वोट बैंक पर इनका बड़ा भारी प्रभाव है। इसलिए इनके भाजपा में आने से एक बड़ी आबादी भाजपा की ओर डायवर्ट हो जाएगी। जिसका लाभ न केवल हाल की सरकार बनाने में बल्कि भविष्य में भी भाजपा को मिलता रहेगा। हालांकि अभी यह कहना या दावा करना तो संभव नहीं कि राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठेगा, लेकिन हाल के राजनीतिक संकेत साफ इशारा कर रहे हैं कि भाजपा की नजर हिमाचल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। इस खेल का लाभ सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के हक में होगा और इस पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी का कद कहीं ऊंचा हो गया है। तरुण भंडारी भाजपा के लिए ऐसे तुरुप के इक्के की तरह साबित हो रहे हैं जो विरोधियों के पूरे खेल को एक झटके में बिगड़ने का काम कर रहे हैं।

सब कुछ ठीक-ठाक होने कयास कितने सार्थक:

हालांकि कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी व कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल से हिमाचल के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह की मुलाकात के बाद सब कुछ ठीक-ठाक होने कयास लगाई जा रहे थे। लेकिन क्या कहीं तूफान से पहले की यह शांति तो नहीं है। भले ही कांग्रेस द्वारा उपरोक्त नेताओं से मुलाकात के बाद सब कुछ डैमेज कंट्रोल होने की बातें कहीं जा रही हों। विक्रमादित्य की बॉडी लैंग्वेज से इस बात का बखूबी पता चल रहा था कि उनके अंदर कोई ना कोई खिचड़ी पक रही है और ही वह मीडिया के सवालों से भी बचते नजर आए। जल्द कोई बड़ा खेला वह कर सकते हैं। उनकी ललित होटल में ठहरे कांग्रेस के 6 आयोग्य विधायकों से भी मुलाकात हुई है। बताया तो यह जा रहा है कि उन्हें इन विधायकों को मनाने के लिए भेजा गया था। लेकिन इन बातों में कम तथा सूत्रों की बातों में ज्यादा ताकत लगा रही है।
 


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Content Writer

Isha

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