ED ने अंसल बिल्डर की 10 करोड़ से अधिक की संपति जब्त की

punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 09:45 PM (IST)

गुड़गांव,(ब्यूरो): प्रवर्तन निदेशालय (ED) गुड़गांव क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अंसल बिल्डर की 10.55 करोड़ रुपए की 6 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। यह संपत्ति गुड़गांव (हरियाणा), ग्रेटर नोएडा (यूपी) और लुधियाना (पंजाब) में स्थित हैं। आरोपी कंपनी मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एपीआईएल) के निदेशकों/शेयरधारकों/लाभार्थी मालिकों अर्थात सुशील अंसल, प्रणव अंसल एंड सन एचयूएफ और कुसुम अंसल के पास हैं।

गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें। 

 

यह मामला जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के उल्लंघन से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में है। कुर्क की गई संपत्तियों में कमर्शियल यूनिट और जमीन शामिल हैं। अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड रेजिडेंशियल, कमर्शियल और रिटेल क्षेत्रों में रियल एस्टेट विकास के व्यवसाय में लगी हुई है।

 

ईडी ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) द्वारा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 43 और वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 37 के तहत अनुसूचित अपराधों के लिए दायर शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच में एपीआईएल द्वारा अपने दो गुड़गांव स्थित रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स- 'सुशांत लोक-I' और 'अंसल एसेंसिया' में पर्यावरण मानदंडों का पालन न करना शामिल है।

 

ईडी की जांच से पता चला कि एपीआईएल ने अपनी परियोजना 'सुशांत लोक फेज़-I' में कोई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं लगाया था और उत्पन्न अपशिष्ट को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की सीवरेज लाइन से होकर गुजारा गया, जबकि उसकी दूसरी परियोजना 'अंसल एसेंसिया' में स्थापित एसटीपी अपर्याप्त क्षमता का था। एचएसपीसीबी अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान, स्थापित एसटीपी भी बिना किसी संचालन और रखरखाव के पाए गए।

 

ईडी की जांच में यह भी पता चला कि घरेलू अपशिष्ट/अनुपचारित सीवेज जल का मानकों के अनुसार उपचार न करके, एपीआईएल ने एक ओर जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया। वहीं, दूसरी ओर उससे होने वाले लाभ का आनंद भी उठाया। कंपनी के प्रवर्तकों ने अपशिष्ट का उपचार करने या एचएसपीसीबी के मानकों के अनुसार कोई उपाय करने की ज़हमत नहीं उठाई। इस प्रकार, 10.55 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ कमाया, जो कि उक्त आपराधिक गतिविधि से अर्जित अपराध की आय के अलावा और कुछ नहीं है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pawan Kumar Sethi

Related News

static