4 लाख बच्चों को मिलेंगे टैबलेट, पाठ्यक्रम में कटौती करेगा शिक्षा विभाग : कंवर पाल गुर्जर

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2020 - 10:48 AM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि जल्द स्कूल, कालेज और यूनिवॢसटी शुरू किए जा सकें। देशभर में शिक्षण संस्थान खोलने की स्वीकृति नहीं मिलती है तो ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाएगी और चार कक्षाओं के विद्याॢथयों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए 4 लाख टैबलेट्स बिल्कुल नि:शुल्क दिए जाएंगे ताकि मोबाइल फोन के अभाव में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो सके। ऐसे ही कुछ मुद्दों पर शिक्षा मंत्री के साथ ‘पंजाब केसरी’ की अर्चना सेठी ने बातचीत की। 

सवाल : सी.बी.एस.ई. ने कोरोना काल को देख 30 फीसदी पाठ्यक्रम में कटौती का फैसला किया है। सरकार भी पाठ्यक्रम में कटौती की योजना बना रही है? 
जवाब :
स्कूल के पाठ्यक्रम में कटौती जरूरी हो गई है। कोरोना काल में बच्चे स्कूल नहीं जा सके। ऑनलाइन पढ़ाई में पाठ्यक्रम बेशक पूरा करवाया जा रहा है परंतु महीनों स्कूल से दूर रहने के बाद बच्चों के लिए पूरे पाठ्यक्रम की परीक्षा दे पाना आसान नहीं है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड भी पाठ्यक्रम में कटौती की योजना पर काम कर रहा है। कटौती 30 फीसदी करते हैं या उससे कम-ज्यादा, अभी तय नहीं हो सका है।  

सवाल : क्या कोरोना वायरस और संक्रमण को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा?
जवाब : कोरोना वायरस को पाठ्यक्रम से दूर ही रखा जाएगा, क्योंकि देशभर में वायरस के प्रति जागरूक करने के लिए कई विज्ञापन दे दिए गए हैं। जन-जन तक जानकारी पहुंचाई जा रही है। ऑनलाइन क्लास में भी शिक्षक बच्चों को वायरस से अवगत करवा चुके हैं। 

सवाल : शिक्षा विभाग ने कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई के लिए ई-लॄनग प्लेटफार्म तो शुरू कर दिए। अभिभावकों ने जब से काम पर फिर जाना शुरू किया है बच्चों को मोबाइल फोन नहीं मिल रहे और वह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं?
जवाब :
बच्चों को मोबाइल के अलावा टी.वी. के माध्यम से भी पढ़ाया जा रहा है। सुबह और शाम दो समय टी.वी. से लैक्चर प्रसारित किए जा रहे हैं। बच्चे मोबाइल फोन से नहीं पढ़ पा रहे हैं तो टी.वी. के माध्यम से भी पढ़ सकते हैं। सुबह वाला लैक्चर शाम को दोबारा प्रसारित किया जाता है।  

सवाल : नाडा साहिब से आगे मोरनी की पहाडिय़ों के आसपास मोबाइल नैटवर्क को लेकर दिक्कत है। वहां बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कर सकेंगे?
जवाब :
सही बात है, नाडा साहिब से आगे नैटवर्क की समस्या है परंतु वह बहुत से छोटे इलाके की समस्या है। वहां के बच्चे भी टी.वी. के माध्यम से पढ़ सकते हैं। मोबाइल पर ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन भी लैक्चर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। बच्चे बाद में मोबाइल मिलने पर भी पढ़ाई कर सकते हैं।

सवाल : देशभर के अध्ययनों की रिपोर्ट कहती है ऑनलाइन पढ़ाई टीनएजर्स को तनाव, मोटापा और आंखों की बीमारी दे रही है, क्या बच्चों के लिए मैंटल फिटनैस जैसा कोई प्रोग्राम शुरू किया जाएगा?
जवाब :
रिपोर्ट्स को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने शिक्षा विभाग को गाइडलाइंस जारी कर कहा था कि ऑनलाइन क्लास के समय को कम किया जाए। गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए ही विभाग ने अब ऑनलाइन क्लास का समय घटाकर 3 घंटे कर दिया है जबकि पहले बच्चे दिन में 4 से 5 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। 

सवाल : पंचकूला के टीचर्स को पढ़ाने के लिए यमुनानगर या कैथल जाना पड़ रहा है, कोरोना काल में उन्हें किराए पर घर नहीं मिल रहे हैं और न बसों की पर्याप्त सुविधा है, क्या पॉलिसी में कोई संशोधन किया जाएगा?
जवाब :
यह समस्या जे.बी.टी. के साथ जुड़ी है। उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन भी है। जैसे ही स्टे हटता है, हरियाणा सरकार शिक्षकों की ट्रांसफर नीति को लेकर बदलाव करेगा ताकि पंचकूला के शिक्षक को पढ़ाने के लिए दूसरे जिलों में न जाना पड़े और मूल जिले में ही पढ़ाई करवा सकें। 

सवाल : हरियाणा के ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए क्या योजना है?
जवाब :
वन मंत्रालय कार्यकाल दौरान 20 फीसदी ग्रीन कवर बढ़ाएगा। प्रदेश में 7 प्रतिशत वन हैं, 4 प्रतिशत जगह पर खेत हैं। पायलट प्रोजैक्ट के तहत 1100 ऐसे गांवों को चिन्हित किया गया है जहां पौधरोपण किया जाएगा। गांव की फिरनी या धार्मिक स्थल, शमशानघाट सभी जगह पेड़ लगाए जाएंगे। अगले साल 2200 उससे अगले साल में 3000 गांवों में में पौधरोपण किया जाएगा। तीन सालों में 6300 गांवों को हर भरा कर दिया जाएगा। कोविड वाटिकाओं में औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। यमुना और घग्गर नदियों के किनारे पौधे लगा रहे हैं। पंचायतों की जमीन पर भी बाग लगाएंगे। फिलहाल 275 हैक्टेयर पंचायती जमीन पर बाग लगा दिए हैं। आने वाले साल में एक हजार हैक्टेयर जमीन पर बगीचे लगाएंगे। बाग लगाने का खर्च सरकार उठाएगी। आमदमी पंचायत को होगी और ग्रीन कवर भी बढ़ जाएगा। 

कोरोना ने सारी अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है 
सवाल : दूरवर्ती इलाकों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का वायदा किया था, कम्प्यूटर लैब भी ठप्प हैं, शिक्षक भी कम हैं?
जवाब :
जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी या बच्चे पूरे नहीं थे, ऐसे कई स्कूलों को बंद कर दिया है। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत है। कम्प्यूटर लैब को भी दुरुस्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा बजट को काफी धनराशि देने का फैसला किया था, लेकिन कोरोना ने सारी अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। स्कूलों को स्मार्ट-क्लासेज जरूर दी जाएंगी। संस्कृत के स्कूल पांच गुणा बढ़ाने हैं। 

सवाल : स्कूलों को वाॢषक मैंटेनैंस ग्रांट अब तक क्यों नहीं मिल सकी है?
जवाब :
स्कूलों को इस दफा पत्र लिखकर प्राथमिकताएं पूछी गई हैं कि पहले किस चीज की मैंटेनैंस चाहते हैं? जवाब मिलने के बाद प्राथमिकता के आधार पर ही ग्रांट जारी की जाएगी। 


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Manisha rana

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