नेताओं के दौरों से आदमपुर में अभी से बना चुनावी माहौल, कुलदीप व रेणुका बिश्नोई भी हो चुके हैं सक्रिय

punjabkesari.in Thursday, Sep 15, 2022 - 11:50 PM (IST)

हिसार(संजय अरोड़ा): आदमपुर विधानसभा सीट पर निकट भविष्य में होने वाले उपचुनाव को लेकर अब धीरे धीरे सियासी माहौल गर्माने लगा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल पिछले सप्ताह यहां पर रैली कर पहले ही चुनावी शंखनाद कर चुके हैं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा भी यहां जनसंपर्क अभियान चला चुके हैं और इनके साथ ही हुड्डा के बेटे एवं राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी दो बार आदमपुर में आ चुके हैं। अब आदमुपर विधानसभा सीट को लेकर कुलदीप बिश्नोई के बाद उनकी पत्नी व पूर्व विधायक रेणुका बिश्रोई ने भी हलके में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। 'नारी तूं नारायणीÓ नाम सेे इस कार्यक्रम का आगाज उन्होंने वीरवार से कर दिया है और महिलाओं को साथ जोडऩे की उनकी यह मुहिम पहले चरण में 18 सितंबर तक जारी रहेगी। रेणुका बिश्रोई अपने इस अभियान के अंतर्गत महिलाओं से सीधा संवाद करेंगी। इसके अलावा खुद कुलदीप बिश्नोई क्षेत्र में लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं और वहीं उनके बेटे भव्य बिश्नोई के दौरा कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। अहम बात ये है कि भव्य बिश्नोई ही भाजपा की ओर से संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं। इस दौरे के तहत वे पूरे आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। इनैलो द्वारा भी 25 सितम्बर को चौ. देवीलाल की जयंती पर फतेहाबाद में की जा रही रैली के बाद आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता नजर आ सकती है। इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला व अभय ङ्क्षसह चौटाला सहित पार्टी के कई नेता आदमपुर में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। इस प्रकार आने वाले दिनों में आदमपुर विधानसभा क्षेत्र का सियासी मिजाज पूरी तरह गर्माहट लिए नजर आएगा। ऐसे में आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की घोषणा से पहले ही चुनावी माहौल बनता नजर आ रहा है।


कई राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ हो सकता है आदमपुर उपचुनाव


गौरतलब है कि कांग्रेस को अलविदा कहते हुए आदमपुर विधानसभा सीट से 3 अगस्त को कुलदीप बिश्रोई ने अपना त्याग पत्र दे दिया था और 4 अगस्त को उन्होंने पत्नी रेणुका सहित भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। नियमानुसार  अब इस सीट पर 2 फरवरी तक उपचुनाव होना है। आदमपुर विधानसभा सीट पर इससे पहले तीन उपचुनाव हुए हैं। 1998 के उपचुनाव में कुलदीप बिश्रोई विधायक चुने गए थे। 2008 में भजनलाल जबकि 2011 में रेणुका बिश्रोई विधायक चुनी गई थीं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में अब तक बरौदा और ऐलनाबाद में उपचुनाव हुआ है। बरौदा में कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने भाजपा के प्रत्याशी योगेश्वर दत को हराया था। अक्तूबर 2021 में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में अभय चौटाला विधायक चुने गए थे। हालांकि आदमपुर में विधानसभा उपचुनाव अगले वर्ष फरवरी तक करवाए जाने हैं मगर ऐसी भी संभावना है कि इसी वर्ष के अंत में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही आदमपुर उपचुनाव भी करवाया जा सकता है।


रैली के जरिए केजरीवाल पहले ही दे चुके हैं दस्तक


विशेष बात ये है कि आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ आदमपुर के उपचुनाव में उतरने की तैयारी में है। इसी कड़ी में दिल्ली के सी.एम अरविंद केजरीवाल ने आदमपुर में 8 सितंबर को एक रैली की थी। इस रैली में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे थे। आदमुपर विधानसभा सीट के जरिए केजरीवाल अपने गृह राज्य हरियाणा में अपने पांव मजबूत करना चाहते हैं, क्योंकि दिल्ली के बाद जिस तरह से हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में इसी वर्ष के शुरू में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल करके सरकार बनाई है, उससे अपने गृह राज्य हरियाणा को लेकर भी केजरीवाल पूरी तरह उत्साहित नजर आते हैं और वे हरियाणा में आदमपुर उपचुनाव के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना चाहते हैं और पार्टी द्वारा मजबूत उम्मीदवार की तलाश भी शुरू कर दी गई है। यदि कांग्रेस की बात की जाए तो पार्टी की ओर से भी आदपमुर विधानसभा सीट को लेकर जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। कांग्रेस में इस समय कशमकश का दौर जारी है और कांग्रेस में बड़े बदलाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा के लिए आदमपुर का उपचुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। कांग्रेस से प्रो. संपत ङ्क्षसह या उनके बेटे गौरव संपत ङ्क्षसह केअलावा जयप्रकाश जे.पी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। वैसे कांग्रेस की ओर से यह संकेत भी दिया गया है कि इस सीट पर पहले सर्वे करवाया जाएगा और उसके बाद प्रत्याशी के नाम पर मंथन होगा। वहीं इंडियन नैशनल लोकदल की ओर से भी आदमपुर विधानसभा सीट को लेकर 25 सितंबर की रैली के बाद जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इस समय इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला और ऐलनाबाद के विधायक अभय ङ्क्षसह चौटाला 25 सितंबर को फतेहाबाद में चौ. देवीलाल के जन्मदिवस पर होने वाली रैली को लेकर व्यस्त हैं। इस रैली के बाद चौटाला पिता-पुत्र की जोड़ी आदमपुर क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चलाएगी और उसके बाद इनैलो उम्मीदवार को लेकर चयन प्रक्रिया शुरू करेगी।


भाजपा के अब तक के कार्यकाल में होगा चौथा उपचुनाव


भारतीय जनता पार्टी के अक्तूबर 2014 में सत्ता में आने के बाद अब आदमपुर में चौथा उपचुनाव होने जा रहा है। इससे पहले जींद,  बरौदा और ऐलनाबाद में उपचुनाव हो चुका है। जींद में भाजपा को जीत मिली थी जबकि बरौदा की सीट कांग्रेस जीतने में सफल रही। वहीं पिछले साल अक्तूबर में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में इनैलो के अभय चौटाला विजयी हुए थे।  अब चौथा उपचुनाव आदमपुर में होना है। विशेष पहलू यह है कि यह चारों ही विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य हैं और इन चारों ही विधानसभा सीटों पर भाजपा कभी कमल नहीं खिला सकी थी। जींद में पहली बार भाजपा 2019 में कमल खिलाने में कामयाब हुई। गौरतलब है कि  हरियाणा में भाजपा 2014 में सत्ता में आई थी। पिछले करीब पौने आठ वर्ष में प्रदेश में तीन उपचुनाव हुए हैं।  जनवरी 2019 में जींद में उपचुनाव हुआ। जींद में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण मिढ़ा ने जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी दिग्विजय ङ्क्षसह चौटाला को पराजित किया था। जींद की सीट इनैलो के विधायक हरिचंद मिढ़ा के निधन के चलते खाली हुई थी। ऐसे में यह सीट भाजपा ने इनैलो से छीनी। इसी प्रकार से नवम्बर 2019 में भाजपा के दूसरे कार्यकाल में बरौदा का उपचुनाव हुआ। बरौदा की सीट कांग्रेस के विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद खाली हुई। बरौदा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इंदुराज नरवाल ने भाजपा के योगेश्वर दत्त को 10,566 वोटों के अंतर से पराजित किया। वहीं 27 जनवरी 2021 को अभय चौटाला के ऐलनाबाद से इस्तीफा देने के बाद अक्तूबर 2021 में ऐलनाबाद में उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में अभय चौटाला ने भाजपा के प्रत्याशी गोबिंद कांडा को पराजित किया।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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