Farmers Protest : संयुक्त मोर्चा के 4 नए कार्यक्रम तय, 28 को दोबारा बैठक

punjabkesari.in Monday, Feb 22, 2021 - 09:29 AM (IST)

सोनीपत : संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है। आंदोलन कर रहे किसानों ने 4 नए कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। साथ ही 28 फरवरी को संयुक्त मोर्चा की दोबारा बैठक बुलाई गई है जिसमें बड़े आंदोलन का ऐलान होगा। इसके साथ ही 1 मार्च से आंदोलन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है जिसमें किसान महीनाभर आंदोलन चलाएंगे। इससे पहले संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

मोर्चे की बैठक के बाद यहां पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए किसान नेता कामरेड इंद्रजीत, रजमान चौधरी, प्रेम सिंह भंगु, योगेंद्र यादव, डा. आशीष मित्तल, जोगेंद्र नैन, डा. अशोक, हरेंद्र लक्खोवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि फिलहाल 4 नए कार्यक्रम तय किए गए हैं। किसान नेताओं ने कहा कि 23 फरवरी को शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की पुण्यतिथि पर पगड़ी संभाल दिवस मनाया जाएगा। इसमें हर राज्य का किसान अपने वहां की वैधानिक पगड़ी पहनकर आएगा।

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इसी क्रम में 24 फरवरी को किसान दमन विरोधी दिवस मनाएंगे। यह आयोजन दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ होगा। इसमें देशभर में जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर किसान प्रदर्शन करके राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे। इसमें मांग की जाएगी कि जो संवैधानिक अधिकार आम आदमी को देश में हैं, कम से कम उनका हनन न किया जाए। किसान नेताओं ने कहा कि जिस तरह से किसानों की गिरफ्तारी हो रही है वह निंदनीय है। अब तक 74 के करीब एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं। इनमें किसान नेताओं पर 3-3 एफ.आई.आर. दर्ज हुई हैं।

इसी तरह खाली एफ.आई.आर. में रोजाना किसानों की गलत तरीके से जांच के नाम पर गिरफ्तारी की जा रही है। यह सब धरनास्थल पर भीड़ कम करने के लिए दमन की रणनीति बनाई जा रही है। इसमें किसान सरकार से मांग करेंगे कि जेल में बंद निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए, केस रद्द हों, नोटिस बंद किए जाएं और बार्डरों पर जो घेरेबंदी की गई है, वह हटाई जाए।

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युवाओं के हाथ होगी 26 को कमान
पहले महिला दिवस मना चुके किसानों ने इस बार 26 फरवरी को युवा दिवस मनाने का आह्वान किया है। इस दिन पूरे आंदोलन की कमान युवाओं के हाथ होगी। इस मौके पर एक सवाल के जवाब में किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना से पूर्व में भी जत्थेबंदियों का कोई वास्ता नहीं था और इस बार भी नहीं है। जो युवा संयुक्त मोर्चा और किसान जत्थेबंदियों के नियम-कायदे मानते हैं, उन्हें ही मंच सांझा करने का अवसर दिया जाएगा। इसमें किसी राजनीतिक दल के लिए कोई स्थान नहीं है।

किसानों ने इसके बाद 27 फरवरी को गुरु रविदास जयंती और चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस पर मजदूर-किसान एकता दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन किसानों का आह्वान होगा कि वे मोर्चों पर वापस लौटें और मजबूती प्रदान करें। उन्होंने कहा कि मोर्चे की बैठक में सख्ती से इस बात पर चर्चा की गई है कि कोई भी आंदोलन को बदनाम करने की साजिश करता है तो उससे सख्त ढंग से निपटा जाएगा।

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Content Writer

Manisha rana

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