आज से शुरू होनी थी सरसों की सरकारी खरीद, जानिए कहां हुआ आदेश का पालन और कहां निराश हुए किसान

punjabkesari.in Wednesday, Mar 15, 2023 - 05:16 PM (IST)

फतेहाबाद (रमेश कुमार) : सरकार की घोषणा के बाद प्रदेश की मंडियों में सरसों की खरीद आज से शुरू हो गई है। फतेहाबाद की अनाजमंडी में सरसों की खरीद के लिए पहली बार परचेज सेन्टर बनाया गया है। घोषणा होने के साथ ही मंडी में सरसों की आवक  होनी भी शुरू हो गई है। अनुमान जताया जा रहा है कि फतेहाबाद मंडी में इस बार करीब 50 हज़ार क्विंटल से अधिक आवक हो सकती है। पिछली वर्ष करीब 23 हज़ार क्विंटल सरसो की आवक हुई थी।

व्यापारियों की माने तो इस बार सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी अच्छा दिया जा रहा है, इसलिए आवक में भी इजाफा हो सकता है। व्यापार मंडल के प्रधान ने बताया की फसलों की खरीद को लेकर मंडी प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। मंडी में सभी मूलभूत सुविधाओं का प्रबंध किया गया है ताकि अपनी फसल को मंडी में लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की समस्या न उठानी पड़ी। वही मार्केट कमेटी प्रशासन द्वारा भी व्यापारियों को हिदायतें जारी की गई है और फसलों को मौसम की मार से बचाने के लिए पूरे प्रबंध करने को कहा गया है।

खरीद तो शुरू हो गई लेकिन फसल रेट कम है

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पानीपत (सचिन शर्मा) : प्रदेशभर की मंडियों में आज से सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। पानीपत अनाज मंडी में भी आज से सरसों की फसल की खरीदारी शुरू हो गयी है, जिसको लेकर सरकार की तरफ से एमएसपी रेट 5450 निर्धारित किया गया है। वही अनाज मंडी प्रशासन का दावा है कि मंडी में साफ सफाई के साथ-साथ खरीदारी को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। किसान भी अपनी सरसों की फसलों को लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं। इस बाबत जब किसानों से उनकी रायशुमारी ली गई तो उनका कहना था कि फसल का रेट कम है। सरसों की फसल को लेकर आए किसान ने कहा रेट कम से कम ₹6000 के करीब होना चाहिए लेकिन एमएसपी पर जो रेट 5450 रुपए दिया है वह फिलहाल कम है। फसल को लेकर ईश्वर सिंह आढ़ती ने कहा कि उआज से शुरुआत हो रही है हम तो चाहते हैं सरकार इसकी जमकर खरीदारी करें ताकि किसानों को फायदा हो।

फसल बिग गई लेकिन नहीं मिला बारदाना

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सिरसा (सतनाम सिंह) : कृषि मंत्री जे पी दलाल ने हरियाणा की मंडियों में आज से सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने की बात की थी। लेकिन सिरसा की अनाज मंडी में अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। किसान मंडियों में सरसों की फसल लेकर पहुंचे हैं, लकिन अभीतक सरकारी खरीद शुरू नहीं है। हालात तो ऐसे हैं कि एक किसान मंडी में ऐसे मिले जो कल से अपनी फसल को बेचकर बैठे हैं लेकिन अभी तक बारदाना नहीं मिलने के चलते फसल का उठान नहीं हुआ है। मार्केट कमेटी के अधिकारी सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ अलग ही है। 

सिरसा की अनाज मंडी में फसल लेकर आये किसान संदीप सिंह का कहना है कि उनकी फसल कल से बिक गई है, लेकिन अभी तक बारदाना नहीं मिलने की वजह से फसल का उठान नहीं हुआ है। रात मंडी में गुजारनी पड़ी लेकिन अभी तक फसल का उठान नहीं हुआ। वहीं किसान बलजिंदर सिंह का कहना है की अभी तक सरसों की फसल की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। कुछ किसान यहाँ पर अपनी फसल लेकर बैठे हैं लेकिन अभी तक उठान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन दावे सिर्फ दावे ही होते हैं। मंडी में अव्यवस्था ही है।

किसानों ने की अंबाला मंडी में खरीद केंद्र बनाने की मांग

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अंबाला (अमन कपूर) : जिले में सरसों की खरीद के लिए एक ही खरीद केंद्र शहजादपुर मंडी में बनाया गया है। जिसको लेकर किसानों ने अंबाला मंडी में खरीद केंद्र बनाने की मांग रखी है। किसानों का कहना है कि प्राइवेट सरसों बेचनी पड़ रही है। जिससे उन्हें MSP नहीं मिल पा रहा। वहीं मार्केट कमेटी का कहना है यदि किसान मांग रखेंगे तो सरकार को डिमांड भेज दी जाएगी। मंडियों में फसल की आवक शुरू हो गई है। किसान प्राइवेट सरसों बेच भी रहे हैं। इस बार अंबाला में 5300 से ज्यादा किसानों ने सरसों की फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया है। लेकिन मार्केट कमेटी ने अंबाला के शहजादपुर में 1 ही खरीद केंद्र बनाया है। जिससे किसानों को अपनी फसल 5400 MSP तय होने के बावजूद कम दामों पर प्राइवेट हाथों में बेचनी पड़ रही है। किसानो का कहना है कि अंबाला बड़ी मंडी होने के बावजूद शहजादपुर में खरीद केंद्र बनाया गया। जिसके चलते वे अपनी फसल को ओने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें MSP दिलवाए और खरीद केंद्र बढ़ाये।

यहां 20 तारीख से सरसों की फसल खरीदने के आदेश की पहुंची प्रति

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनकड़) : जिले में आज से सरसों की खरीद शुरू नहीं हो पाई क्योंकि बहादुरगढ़ की अनाज मंडी में सरकार द्वारा आज से खरीद शुरू करने संबंधित सूचना नहीं पहुंची। अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि उनके पास सरसों खरीद शुरू करने का कोई मैसेज सरकार की तरफ से नहीं आया है। उनके पास 20 तारीख से सरसों की फसल खरीदने के आदेश की प्रति पहुंची है। यह लेटर 13 मार्च को जारी किया गया है।

मंडी के आढ़तियों का कहना है कि सरसों की फसल खरीदने के लिए वे तैयार हैं। लेकिन हैफेड के अधिकारियों की तरफ से उन्हें इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी है और ना ही मार्केट कमेटी के अधिकारियों के साथ उनकी कोई बैठक हुई है। उन्हें स्वयं भी नहीं पता कि यह खरीद कब से शुरू होनी है। मंडी आरती पवन कुमार ने बताया कि उनके पास किसानों के फोन आ रहे हैं लेकिन सरसों की फसल खरीद के लिए ना तो शेड्यूल जारी किया गया है और ना ही किसानों तक सूचना पहुंचाई गई है। यहां तक कि बारदाना तक मंडी में नहीं पहुंचा है।

अधूरे प्रबंधों व ठोस व्यवस्था के चलते नहीं शुरू हुई खरीद

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चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : सरकार द्वारा आज 15 मार्च से सरकारी रेट पर सरसों की फसले खरीदने के दावे चरखी दादरी में हवाई साबित हुए। यहां ना तो किसी सरसों फसल की सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर आए। अधूरे प्रबंधों व ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण आढतियों द्वारा मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। वहीं सरकारी रेट से ज्यादा भाव मिलने के कारण किसान मंडी से बाहर ही अपनी सरसों की फसल बेच रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि मंडी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीदकर सरकार को मार्केट फीस व जीएसटी की लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं।

सरकार द्वारा 15 मार्च से हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद शुरू करने के दावे किए थे। बावजूद इसके अधिकारयों के पास ना तो खरीद से संबंधित कोई जानकारी मिली और ना ही खरीद एजेंसियों को ऑर्डर मिले। ऐसे में किसानों में भी खरीद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है और अनाजमंडी भी सुनसान है। मंडी में एकाध किसान सरसों की फसल लेकर पहुंचे लेकिन ना तो कोई अधिकारी मिले और ना ही खरीद एजेंसी। ऐसे में किसानों द्वारा तेल मिलों पर एमएसपी रेट से ज्यादा रेट पर बेची। वहीं सरसों खरीद की जानकारी मिलने पर श्रमिक भी दिनभर खरीद शुरू होने की आश में इंजतार करते रहे। आढतियों द्वारा मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए कि मंडी में खरीद के कोई प्रबंध नहीं हैं।

सरकार के आदेश के बाद भी नहीं पहुंची कोई सरकारी एजेंसियां

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गोहाना (सुनील जिंदल) : सरकार ने घोषणा की थी कि 15 मार्च से किसानों की सरसों की फसल की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। मगर आज 15 मार्च को गोहाना की अनाज मंडी के साथ साथ बहुत सी अनाज मंडियों में सरसों की खरीद ही शुरू नहीं हो पाई है। क्योंकि सरकार के आदेश के बाद भी कोई सरकारी एजेंसियां सरसों की खरीद करने नहीं पहुंची। जिसको लेकर किसानों में रोष रहा। किसान अनाज मंडी में इस इरादे से अपनी सरसों को मंडी में लेकर पहुंचे कि जो सरकार एमएसपी पर सरसों खरीद रही वह उनकी सरसों की फसल बिक जायेगी। मगर ऐसा नहीं होने से किसानों को मायूसी ही हाथ लगी।

वहीं मंडी के आढ़तियों व मंडी में फसल लेकर आये किसान ने आरोप लगाया कि किसान को नुकसान हो रहा है क्योंकि सरसों सरकार 5450 रुपए प्रति क्विंटल है। मगर एमएसपी से किसानों की सरसों नहीं बिक रही है। इस समय मंडी में सरसों का भाव पांच हजार से 5200 रुपए में बिक रही है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। वहीं मंडी में आज सरकारी खरीद के लिए कोई भी सरकारी एजेंसियां नही पहुंची। जिस के चलते आज खरीद के पहले दिन सरसों की सरकारी खरीद नहीं हुई।

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Content Editor

Mohammad Kumail

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