कोरोना महामारी में अपने माता-पिता खोने वाले बच्चों का ख्याल रखेगी सरकार

punjabkesari.in Monday, May 30, 2022 - 03:18 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा से लेकर रोजगार तक की चिंता अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार करेगी। सरकार ने खुद को ऐसे बच्चों का अभिभावक घोषित करते हुए सेवाएं और लाभ देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सोमवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और लाभार्थी बच्चों से जुडे तथा अपना मार्गदर्शन दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के नोडल विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरे देश में आयोजित वर्चुअल संवाद में सरकार, प्रशासन व समाज के प्रबुद्धजनों को संकल्प दिलाया कि कोरोना में अपने अभिभावक खो चुका कोई भी बच्चा खुद को अकेला नहीं समझे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हरियाणा के विभिन्न जिलों के 93 बच्चों के बचत खाते खोलते हुए उनमें राशि जमा की गई, जो लाभपात्र बच्चे की आयु 18 वर्ष होने तक 10 लाख रूपए हो जाएगी। इन बच्चों की आयु 23 वर्ष होने तक इन बच्चों को इस राशि का ब्याज मासिक तौर पर मिलेगा और 23 वर्ष आयु पूर्ण होने पर वो इस राशि का इस्तेमाल कर सकेंगे। पहली से बारहवीं कक्षा में पढने वाले बच्चों को वार्षिक 20 हजार रूपए की राशि, तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक लाभार्थियों को 50 हजार रूपए की छात्रवृति देने की प्रक्रिया को पूरा किया गया। सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रूपए के वार्षिक इलाज का कवर दिया गया और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय व पालिटेक्निक में उन्हें सीधा दाखिला दिलाने की व्यवस्था की जाएगी। यही नहीं आईआईटी-आईआईएम की पढाई करने के लिए 2.5 लाख रूपए की छात्रवृति भी दी जाएगी। प्रोफेशनल कोर्सो के लिए बिना ब्याज का ऋण भी इन बच्चों को उपलब्ध करवाया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभिभावक खो चुके बच्चों के प्रति जिस सामाजिक दायित्व का निवर्हन किया जा रहा है, वह हम सभी का फर्ज बनता है। भविष्य में भी हम इनके प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से 16 जून 2021 को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई थी, जिसमें अब तक चिन्हित किए गए सभी 93 लाभार्थियों को शिक्षा के लिए सालाना 12 हजार रूपए दिए जा चुके हैं, जबकि मासिक आर्थिक सहयोग के तौर पर 2500 रूपए महीने दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पीएम केयर्स फार चिल्ड्रन योजना तथा प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना इन बच्चों के सर्वांगीण संरक्षण को सुनिश्चित करेगी।

जिला स्तर पर जुडे जनप्रतिनिधि, लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिए

योजना के नोडल महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री कमलेश ढांडा व निदेशक हेमा शर्मा कैथल से जुडीं, जबकि पंचकूला में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, भिवानी में कृषि मंत्री जेपी दलाल, सांसद धर्मबीर सिंह व विधायक घनश्याम सर्राफ, फरीदाबाद में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक सीमा त्रिखा, राजेश नागर, नयनपाल रावत व नरेंद्र गुप्ता, रेवाडी में सहकारिता मंत्री डा बनवारी लाल व विधायक लक्ष्मण यादव नारनौल में राज्यमंत्री ओमप्रकाष यादव व विधायक अभय सिंह यादव, अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद रतन लाल कटारिया एवं विधायक असीम गोयल, हिसार में सांसद डीपी वत्स व नगर निगम मेयर गौतम सरदाना, कुरूक्षेत्र में सांसद नायब सिंह सैनी व विधायक सुभाष सुधा, पानीपत में सांसद संजय भाटिया, रोहतक में सांसद रामचंद्र जांगडा व पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, जींद में विधायक डा कृष्ण मिड्डा व अमरजीत ढांडा, पलवल में विधायक दीपक मंगला व यमुनानगर में विधायक घनश्यामदास अरोडा व बिशन लाल सैनी, चरखी दादरी में विधायक सोमबीर सांगवान व करनाल में नगर निगम मेयर रेणु बाला गुप्ता उपस्थित रहे।

 


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Content Writer

Vivek Rai

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