अस्पताल में आए मरीजों को डॉक्टरों ने नहीं दिया उपचार
punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2023 - 08:17 PM (IST)
![](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2023_11image_20_41_120446793punjabkesari.jpg)
गुड़गांव, (ब्यूरो): आंख से निकलते आंसू और करुण पुकार आज सिविल अस्पताल में देखने को मिले। यहां मरीज तो आए, लेकिन अपना इलाज कराए बिना ही लौट गए। मरीजों का कहना है कि प्राइवेट डॉक्टर ने इलाज के नाम पर हजारों रुपए मांगे हैं। गरीब हैं और इलाज पर रुपए भी खर्च नहीं कर सकते। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल ने उनके आंसू निकाल दिए। दरअसल, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसीज एसोसिएशन के आह्वान पर आज सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने दो घंटे की पैन डाउन हड़ताल कर दी।
गुड़गांव की खबरों के लिए इस लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर क्लिक करें।
सुबह अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी में डॉक्टर तो आए, लेकिन मरीजों के स्वास्थ्य जांच की बजाय हड़ताल पर बैठ गए। दो घंटे तक किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद डॉक्टर वापस अपनी ड्यूटी पर लौट गए और मरीजों का स्वास्थ्य जांच करने लगे। वहीं, सुबह की दो घंटे की हड़ताल ने ही मरीजों के आंसू निकलवा दिए। मरीजों का कहना है कि पहले ही वह अपनी बीमारी से परेशान हैं और उपर से डॉक्टरों की हड़ताल ने उन्हें परेशान कर दिया है।
एसोसिएशन के प्रदेश सीनियर वाइस प्रेजिडेंट डॉ केशव शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों की चार मांगे वर्षों से लंबित पड़ी हुई हैं। इनमें से दो मांगे ऐसी हैं जिन्हें सरकार ने भी स्वीकृति दे दी है और दो वर्ष से स्वास्थ्य विभाग में ही लंबित पड़ी हुई हैं। उनकी इन मांगों का फायदा आम जनता को भी मिलेगा और अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भी न तो इंतजार करना पड़ेगा और न ही उन्हें दूसरे अस्पतालों के धक्के खाने पड़ेंगे। उनकी मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। फिलहाल डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि वह अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन को तेज करेंगे और अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने व इमरजेंसी सेवाओं को भी ठप करने जैसा कदम उठा सकते हैं। अब देखना यह होगा कि वर्षों से लंबित पड़ी डॉक्टरों की मांगों को सरकार कब तक पूरा करती है।