G.T. रोड के ढाबों पर किसान आंदोलन की मार, 7 बंद व 15 बंद होने के कगार पर

punjabkesari.in Monday, Apr 05, 2021 - 08:39 AM (IST)

सोनीपत : दुनियाभर में मशहूर मुरथल के ज्यादातर ढाबे इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पहले लॉकडाऊन और अब किसान आंदोलन की मार से कई ढाबे पूरी तरह से बंद पड़े हैं तो कुछ पर केवल 25 प्रतिशत काम बचा है। सबसे ज्यादा असर कुंडली से बहालगढ़ तक के ढाबों पर पड़ा है। यहां के 7 बड़े ढाबों के बाहर किसानों का जमावड़ा है जिस कारण ये बंद हैं जबकि 15 ढाबे ऐसे हैं जहां पर 70 से 80 प्रतिशत ग्राहकों की कमी हो गई है। वहीं मुरथल के सभी ढाबों पर 50 प्रतिशत ही ग्राहक पहुंच पा रहे हैं। कुंडली से बहालगढ़ तक के मशहूर ढाबों में शामिल रसोई, बॉलीवुड, 5 स्टार, गोल्डन हट जैसे ढाबे लगभग बंद हैं। 4 माह से ज्यादा समय से दिल्ली से आने वाले ग्राहकों पर ब्रेक लग गया है।


गत वर्ष कोरोना का प्रकोप बढऩे के साथ ही 24 मार्च से लॉकडाऊन लग गया था जिसके बाद जी.टी. रोड के ढाबे भी पूरी तरह से बंद कर दिए गए थे। अगस्त माह में कुछ प्रतिबंधों के साथ ढाबों को खोलने की इजाजत मिली थी लेकिन रफ्तार नहीं पकड़ पाए। रही-सही कसर किसान आंदोलन ने पूरी कर दी। किसानों ने 3 कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवम्बर, 2020 से डेरा डाला हुआ है। यहां कुंडली बार्डर पर करीब 9 किलोमीटर तक किसानों के ट्रैक्टर-ट्राली व पंडाल दोनों ओर लगाए गए हैं जिससे जी.टी. रोड के दोनों ओर के काम-धंधे, व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें, शोरूम, रियल एस्टेट व ढाबे बुरी तरह से प्रभावित हैं।

मुरथल के ढाबों पर आधा काम घटा
मुरथल के करीब 50 बड़े ढाबों पर किसान आंदोलन का 50 प्रतिशत असर पड़ा है। यहां सोनीपत व पानीपत के ग्राहक तो पहुंचते हैं लेकिन दिल्ली व विदेशों से आने वाले ग्राहकों का आवागमन बंद हो गया है। ढाबा संचालकों का कहना है कि लॉकडाऊन के बाद से पहले ही 50 प्रतिशत ग्राहकों को बैठाने के आदेश थे लेकिन उसका भी 50 प्रतिशत रह गए हैं। किसान आंदोलन का ही असर है कि कई ढाबों पर न केवल स्टाफ घटा दिया गया है बल्कि कच्चे सामान की सप्लाई भी आधी से कम हो गई है।


नहीं पहुंच पा रहे दिल्ली के ग्राहक
खास बात यह है कि सोनीपत क्षेत्र में पडऩे वाले ये ढाबे, विशेषकर मुरथल के ढाबे अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्री पंजाब, हिमाचल या जम्मू जाते समय यहां के ढाबों पर रुकते हैं और मशहूर परांठों के साथ ही यहां के लजीज व्यंजनों का स्वाद लेकर आगे बढ़ते हैं। वहीं दिल्ली से भी हजारों लोग यहां इन ढाबों पर पहुंचते हैं। खासकर वीकैंड में इन ढाबों पर काफी भीड़ लगी होती थी लेकिन अब जबकि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें लगभग बंद हैं तो दिल्ली के ग्राहकों पर ही अधिकतर ढाबे निर्भर थे। अब किसान आंदोलन के कारण जी.टी. रोड पर दिल्ली से आवागमन बंद हो गया है। यही कारण है कि बहालगढ़, कुंडली के ढाबे लगभग बंद पड़े हैं।


ढाबा संचालक बोले, सरकार व किसान संगठन निकालें कोई हल
ढाबा एसोसिएशन के प्रमुख मनजीत के अलावा बहालगढ़ के ढाबों से आशु चुघ, राकेश, संदीप व अन्य ने कहा है कि किसान आंदोलन का कोई न कोई हल शीघ्र निकाला जाना चाहिए। इसके लिए सरकार व किसान संगठनों को मिलकर रास्ता निकालना होगा। यदि ऐसा नहीं हो सकता तो किसानों को चाहिए कि वे मुख्य मार्ग को छोड़कर दूसरी जगह अपना आंदोलन जारी रखें ताकि ढाबों समेत यहां के व्यापारिक प्रतिष्ठानों, दुकानों को बर्बाद होने से बचाया जा सके।

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Content Writer

Manisha rana

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