सत्र के आखिरी दिन जब सीएम ने हुड्डा को चैट जमा करवाने को कहा तो वे मैदान छोड़ गए: गुर्जर

punjabkesari.in Thursday, Dec 23, 2021 - 05:04 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए विपक्ष के आरोपों खासतौर पर एचपीएससी के मामले में जिस प्रकार जवाब दिया। इस मुद्दे पर प्रदेश के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि इस विषय पर हालांकि तीन-चार घंटे चर्चा हुई, जबकि ऐडजनमोशन का समय केवल 2 घंटे ही हैं। विपक्ष अपने आरोपों पर ही जवाबदेही साबित नहीं कर पाया और साढ़े 3 घंटे में वह खुद डिस्कशन छोड़कर जाने को मजबूर हो गया। उन्होंने कहा कि खुद विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को केवल जानकारी आधारित आरोप बताते हुए कहा कि मैं इन पर सत्य होने का दावा नहीं कर रहा। सत्र के आखिरी दिन जब सीएम ने हुड्डा को वह चैट सदन में जमा करवाने को कहा तो वह मैदान छोड़ गए। गुर्जर ने कहा कि आज भाजपा की सरकार पूरी तरह से पारदर्शी सरकार है। सरकार के मन में किसी प्रकार का पाप या डर नहीं है। सरकार खुद इस गंभीर मामले पर कार्यवाही चाहती थी और कार्यवाही बड़े स्तर पर की जा रही है।

'विपक्ष के साथ हमारा कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं'
गुर्जर ने कहा कि विपक्ष जहां सरकार को घेरने की कोशिशों में था, वहीं उनमें से बहुत से अच्छे लोग मुख्यमंत्री को ईमानदार बता रहे थे। जो जैसा है वैसा कह देने में कोई बुराई नहीं होती। पिछली बार भी कुछ लोगों ने ऐसा ही कहा था, जबकि उनके सहयोगी उन्हें रोकना चाहते थे, प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ईमानदारी और निष्पक्षता से काम कर रहे हैं। विपक्ष के साथ हमारा कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं। हम भी प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं और विपक्ष भी उसी के लिए प्रशन उठाता है। अगर कोई सरकार पर प्रश्न उठाता है तो वह हमारा दुश्मन नहीं हो जाता। यह विपक्ष की ड्यूटी है और प्रश्न उठाने भी चाहिए। इससे सरकार की कार्यकुशलता बढ़ती है। अगर विपक्ष जोरदार आवाज उठाता है तो सरकार चौकसी से काम करती है और अच्छी परफॉर्मेंस आती है।

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि विपक्ष द्वारा एमएसपी और खाद की शॉर्टेज के मुद्दे भी जोर शोर से उठाए गए। लेकिन हरियाणा प्रदेश एमएसपी के मामले में नंबर वन है। बाकि प्रदेश जहां दो तीन फसलों पर न्यूनतम मूल्य दे रहा है, वहीं हरियाणा सरकार 11-12 फसलों पर एमएसपी देती है। इसलिए हरियाणा में एमएसपी से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है। खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि सरकार 600 रुपए बाजरा किसानों को प्रति क्विंटल दे रही है और 1600 में बाजरा बिक रहा है यानि किसान को 2200 रुपए मिल रहे हैं। यानि बाजरा किसान को सही कीमत मिल रही है।


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Content Writer

Shivam

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