नरेंद्र मोदी 5 साल पंचकूला में रहे, जिसका लाभ आज हरियाणा को मिल रहा: ज्ञान चंद गुप्ता(VIDEO)

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2020 - 09:52 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रचारक जीवन के महत्वपूर्ण 5 वर्ष पंचकूला में लगाए हैं। वर्ष 1995 से 2000 तक वे भाजपा के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री रहने के दौरान हरियाणा प्रदेश के प्रभारी थे। इस दौरान उनका केंद्र पंचकूला रहा और वे यहां सेक्टर 7 में रहते थे। पांच साल के इस कार्यकाल में उनका इस शहर से विशेष लगाव हो गया, जो अब उनके प्रधानमंत्री बनने पर साफ दिखाई दे रहा है।

ज्ञान चंद गुप्ता ने पंजाब केसरी से एक्सक्ल्यूसिव बातचीत में कहा की वर्ष 2016 में पंचकूला के पाश इलाकों में शुमार सेक्टर पांच और छह को विकसित करने के लिए 2016 में किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया गया था। सरकार ने जांच के आदेश दे दिए। जांच पूरी करने के बाद गड़बड़झाला साबित हो गया। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।

प्रस्तुत है खास बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न- धार्मिक पर्यटन प्रोत्‍साहन योजना क्या है? इसका लाभ पंचकूला को कैसे मिलेगा ?
उत्तर- हरियाणा के सबसे व्‍यवस्‍थित शहर पंचकूला पर केंद्र की मोदी सरकार जमकर दरियादिली दिखा रही है। अनेक बड़े शिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना के बाद अब यहां धार्मिक टूरिज्‍म की बयार चलने वाली है। केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग ने माता मनसा देवी और गुरुद्वारा नाडा साहिब को धार्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने का खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए 49 करोड़ 51 लाख 70 हजार रुपये का बजट मंजूर किया गया है। जिसमें से 10 करोड़ रुपये पंचकूला प्रशासन के पास पहुंच चुका है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय देशभर में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से योजना चला रहा है। विधानसभा अध्‍यक्ष के व्‍यक्‍तिगत प्रयासों से पंचकूला के 2 धार्मिक स्‍थानों को इस योजना में स्‍थान मिला है। इसके तहत अब केंद्रीय मंत्रालय माता मनसा देवी और गुरुद्वारा नाडा साहिब का विकास करवाएगा। पर्यटन विभाग की योजना के अनुसार दोनों ही स्‍थानों को इस प्रकार से विकसित किया जाएगा, जिससे ज्‍यादा से ज्‍यादा श्रद्धालु पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

प्रश्न- यहां कैसे विकास की प्लानिंग है?
उत्तर- माता मनसा देवी मंदिर परिसर में एक करोड़ 11 लाख 22 हजार की लागत से प्‍लाजा विकसित किया जाएगा, जिसमें अनेक प्रकार के फूलों और सोविनर की दुकानें होंगी। इतना ही नहीं माता के दरबार की भव्‍यता को बढ़ाने का खाका भी प्रशासन तैयार कर चुका है। दरबार के अग्रभाग की सुंदरता बढ़ाने के लिए यहां 2 करोड़ 63 लाख रुपयों से साज सज्‍जा की जाएगी। 

दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्‍कत का सामना न करना पड़े, इसके लिए 10 करोड़ रुपये से बहुमंजिल वाहन पार्किंग बनाई जाएगी। 2 करोड़ 3 लाख रुपये शौचालयों और स्‍नानगारों पर खर्च होंगे। इसके साथ ही यहां सांस्‍कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए भी विशेष निर्माण होंगे। इस सारे विकास के मध्‍य पर्यावरण और जल संरक्षण पर विशेष ध्‍यान रखा गया है। इसके लिए वर्षा के पानी को संरक्षित करने की योजना भी बनी है। 

प्रश्न- गुरुद्वारा नाडा साहिब के लिए क्या योजना है ?
उत्तर- इस प्रकार गुरुद्वारा नाडा साहिब के विकास पर 25 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राशि खर्च होगी। इसमें 2 करोड़ 63 लाख रुपये इसके प्रवेश द्वारा की साज सज्‍जा की जाएगी। बहुमंजिल पार्किंग के लिए 18 करोड़ 54 रुपये निर्धारित किए गए हैं। गुरुद्वारा परिसर में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए 6 मीटर चौड़ी आरसीसी सड़कें बनाई जाएंगी। 

विधानसभा अध्‍यक्ष ज्ञान चंद गुप्‍ता ने कहा कि माता मनसा देवी और गुरुद्वारा नाड्डा साहिब दोनों धार्मिक स्‍थल न सिर्फ पंचकूला अपितु समूचे उत्तर भारत के श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्‍था के केंद्र हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने इनके विकास की जिस प्रकार की योजना बनाई हैं, उससे यहां के लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्‍मान हुआ है। 

प्रश्न- पंचकूला में और क्या नए प्रोजेक्ट आने जा रहे हैं?
उत्तर- पंचकूला में 267 करोड़ की लागत से 20 एकड़ में बनने वाला अखिल भारतीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा  संस्थान भी मंजूर हो चुका है। 150 करोड़ रुपये की लागत से राष्‍ट्रीय फैशन तकनीक संस्‍थान और 28 करोड़ की लागत वाले बहुतकनीकी एवं कौशल विकास केंद्र भी यहां बनाए जा चुके हैं। 

शहर में संस्‍कृत महाविद्यायल भी जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। अब धार्मिक स्‍थलों के विकास में रूचि दिखा कर केंद्र सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया है। उन्‍होंने कहा कि इस बजट का 20 फीसदी हिस्‍सा पंचकूला प्रशासन को मिल चुका है, जिससे यहां विकास कार्य शुरू हो चुके हैं।

प्रश्न- एचएमटी की जगह पर आपने सैन्य उपकरण उद्योग लगाने की बात की है ? 
उत्तर- सैन्य उपकरण उद्योग की दृष्टि से पंचकूला के पास खाली पड़ी एचएमटी की करीब 800 हेक्टेयर जमीन सबसे उपयुक्त साबित होगी। यह क्षेत्र चंडी मंदिर स्थित कैंटोनमेंट एरिया, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल और टर्मिनल बैलेस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी के पास है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से यह बेहतर जगह है।

 पंचकूला शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के साथ ही यह क्षेत्र रेलवे स्टेशन के साथ भी जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी यह मात्र 25 किलोमीटर दूर है। इतना ही नहीं यहां पर मशीनरी, कार्यालयों के लिए जगह, कार्यशाला, क्लब, स्टाफ के लिए आवास, खेल मैदान, अस्पताल, दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए मार्केट और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाएं पहले से उपलब्ध हैं। इन सभी संसाधनों का आवश्यकता अनुसार नवीनीकरण कर सैन्य उपकरण उद्योग के लिए प्रयोग किया जा सकता है। 

शिवालिक की तलहटी में स्थित होने के कारण यह क्षेत्र प्रदूषण मुक्त भी है। हरियाणा सरकार पंचकूला में बहुतकनीकी एवं कौशल विकास केंद्र और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पहले ही कर चुकी है। इन संस्थानों में करीब 150 प्रकार के कोर्स करवाए जाते हैं। सैन्य उपकरण उद्योग की आवश्यकताओं को देखते हुए इन संस्थानों में और कोर्स जोड़े जा सकते हैं। पंचकूला में बड़ी संख्या में अनुभवी पूर्व सैनिक रहते हैं। सेना की पश्चिम कमान का केंद्र भी यही स्थित है। इसलिए यहां का माहौल इस प्रकार के उद्योग के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है।

प्रश्न- कोरोना में विधानसभा सत्र बुलाने की क्या तैयारियां पूर्ण हैं ?
उत्तर- यह सरकार ने तय करना है की विधानसभा कब बुलाना है। विधानसभा की इस मामले में पूरी तैयारी है। हम कोरोना के नियमों की पालना करते हुए बराबर दूरी बना कर सदन आयोजित कर सकते हैं | 

प्रश्न- पंचकूला सेक्टर 5 व 6 के जमीन घोटाले को क्या सीबीआई को भेजा गया है ?
उत्तर- हरियाणा सरकार ने पंचकूला में सेक्टर विकसित करने को लेकर किसानों से अधिगृहीत जमीन के बदले उन्हें प्लाॅट आवंटित करने में हुए घोटाले की जांच की रिपोट का मामला कैबिनेट में रखा जाएगा। वर्ष 2016 में पंचकूला के पाश इलाकों में शुमार सेक्टर पांच और छह को विकसित करने के लिए 2016 में किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया गया था। सरकार ने जांच के आदेश दे दिए। जांच पूरी करने के बाद गड़बड़झाला साबित हो गया, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।

जिन लोगों की जमीन जिस सेक्टर के लिए इस्तेमाल की गई है, उनको उसी सेक्टर में प्लॉट देने का प्रावधान है। इसी के तहत अधिगृहीत जमीन के बदले प्लाॅट हासिल करने के लिए करीब ढ़ाई सौ किसानों ने आवेदन किया था, जिनमें से 142 को आवेदन करने के लिए पात्र माना गया। तत्कालीन अधिकारियों ने इनमें से अपनी पसंद के सिर्फ 13 लोगों को बुलाया, 13 लोगों के लिए ही प्लाॅट के ड्रा निकाले और उन्हीं 13 लोगों को प्लाॅट आवंटित कर दिये गए।

प्रश्न- यह घोटाला कब का है ?
उत्तर- इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में यह घोटाला हुआ और अब उनकी ही सरकार ने इसमें सीबीआई जांच के आदेश दिए है। जिन लोगों की जमीन जिस सेक्टर के लिए इस्तेमाल की गई है, उनको उसी सेक्टर में प्लॉट देने का प्रावधान है। इसे एडजस्ट नहीं किया जा सकता है। हर सेक्टर में टोटल प्लॉट्स में से पांच प्रतिशत आउस्टी कोटे के प्लॉट्स होते हैं।

दो बीघा जमीन एक्वायर होने पर जमीन मालिक को दो मरला कैटेगरी, आधा एकड़ जमीन एक्वायर होने तक छह मरला प्लॉट कैटेगरी, एक एकड़ जमीन एक्वायर होने पर 10 मरला कैटेगरी, एक एकड़ जमीन से ज्यादा एक्वायर होने पर 14 मरला प्लॉट के लिए अप्लाई करने का प्रावधान है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार घोटाला उजागर हो चुका है। अब सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया है।

प्रश्न- विधायकों को अभी भी शिकायत है की अफसर फोन नहीं उठाते।
उत्तर- अगर कोई अधिकारी अब भी विधायकों के फोन नहीं सुनते या अटैंड नहीं करते तो तथ्यात्मक व साबुत के साथ विधायक अपनी शिकायत प्रीवेल्ज कमेटी को दें, एक्शन होगा। विधायक निराधार शिकायत न करें, क्योंकि वी सी के माध्यम से जो उन्हें शिकायतें मिली थी उस पर अधिकारीयों को मुख्यमंत्री द्वारा यह आदेश जारी किए जा चुकें हैं।


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Edited By

vinod kumar

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