40 करोड़ के लिए हरिद्वार की निजी चीनी मिल पर जड़ा ताला
punjabkesari.in Sunday, Jan 13, 2019 - 10:46 AM (IST)
गोहाना(अरोड़ा): पिछले सीजन में हरिद्वार स्थित निजी चीनी मिल द्वारा गोहाना, सोनीपत और पानीपत के हजारों किसानों का गन्ना लेने के बाद किसी को भी नए पैसे का भी भुगतान नहीं किया गया। कुल बकाया भुगतान 40 करोड़ रुपए का है। इससे भड़के किसानों ने हरिद्वार पहुंचकर चीनी मिल के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। किसान चीनी मिल के प्रबंधन द्वारा 31 मार्च पर पूरा भुगतान कर देने के आश्वासन पर शांत हुए।
प्रदर्शनकारी किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने किया। 2017-18 में गन्ने का ज्यादा उत्पादन हुआ था जिससे स्थानीय मिलें पूरा गन्ना नहीं ले पाई थीं। मजबूरी में किसानों को बचा गन्ना दूसरी चीनी मिलों को देना पड़ा था। गोहाना, सोनीपत और पानीपत के किसानों ने हरिद्वार के इकबालपुर गांव स्थित निजी मिल को भी गन्ना दिया।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष के आरोप दोहरे हैं। पहला : किसी भी गन्ना उत्पादक को अब तक उसके गन्ने के भुगतान में से कोई अदायगी नहीं की गई तथा सब किसानों का शत-प्रतिशत भुगतान बकाया खड़ा है। दूसरा : चीनी मिल ने किसानों की मजबूरी का नाजायज फायदा उठाया तथा 325 रुपए प्रति किं्वटल के घोषित मूल्य के प्रति 260 से 300 रुपए की दर से गन्ना खरीदा।
बार-बार मांग के बाद भी जब भुगतान नहीं दिया गया, तब शनिवार को तीनों स्थानों के पीड़ित किसान हरिद्वार पहुंच गए। गोहाना से भगत सिंह, वीरेंद्र, कृष्ण, सतीश, सुरेंद्र और जसबीर, पानीपत से अजीत देशवाल, जगमेर सिंह, संदीप और मनजीत, सोनीपत से जितेन्द्र मलिक, सतीश, जोगेन्द्र, रण सिंह आदि किसान इकबालपुर पहुंचे। वहां चीनी मिल के मेन गेट पर ताला लगाकर किसान धरने पर बैठ गए।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने बताया कि धरने पर चीनी मिल के अधिकारी बातचीत के लिए पहुंचे और वायदा किया कि एक सप्ताह के भीतर भुगतान शुरू कर दिया जाएगा तथा 31 मार्च तक पूरा भुगतान हो जाएगा। इस पर किसानों ने ताला खोल दिया।