Haryana: पराली जलाने वाले किसान को जाना पड़ेगा जेल! हरियाणा सरकार ने जारी किए आदेश

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 12:48 PM (IST)

डेस्कः हर वर्ष सितंबर से नवंबर के बीच उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाता है। इसका एक प्रमुख कारण धान की कटाई के बाद खेतों में फसल अवशेष (पराली) को जलाना है। हरियाणा सरकार ने पराली दहन को रोकने के लिए सख्ती बढ़ा दी है। पिछले वर्ष पलवल, नूंह, गुरुग्राम, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में पराली जलाने के कई मामले सामने आए थे। अकेले पलवल जिले में 150 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई थीं।

CS ने जिलों के उपायुक्तों को किया सतर्क 

इसे देखते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को सतर्क किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि विशेष निगरानी टीम रात में गश्त करे और पिछले वर्ष के रिकॉर्ड व भूमि संबंधी जानकारी अभी से एकत्र की जाए, ताकि पराली जलाने वालों के विरुद्ध समय पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।

पराली जलाने पर दर्ज होगी FIR

राज्य सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए कई योजनाएं और जागरूकता शिविर शुरू किए हैं। किसानों के लिए ‘जीरो बर्निंग’ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  पराली जलाने पर न केवल एफआईआर दर्ज की जाएगी, बल्कि जुर्माना भी लगाया जाएगा। साथ ही, ऐसे किसानों के नाम ‘मेरी फसल – मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर रेड एंट्री के रूप में दर्ज किए जाएंगे। रेड एंट्री होने पर किसान अगले दो वर्षों तक सरकारी मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे।
 
पलवल और नूंह के तराई क्षेत्र में इस वर्ष भी बड़े पैमाने पर धान की फसल बोई गई है। प्रशासन ने ग्राम सरपंचों को भी निगरानी प्रणाली का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया है, ताकि गांव स्तर पर भी पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
 


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Content Editor

Deepak Kumar

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