हरियाणा कोविड-19 के स्टेज-3 की स्थिति को रोकने में सफल, वर्तमान में स्टेज-2 पर: राजीव अरोड़ा

punjabkesari.in Friday, Apr 03, 2020 - 09:21 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य सरकार डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और अन्य कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य विभाग के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के मनोबल को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए सरकार ने सभी आवश्यक सेवाएं व उपकरण प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए ऐसे सभी स्वास्थ्य कर्मीयों के लिए पर्याप्त मात्रा में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) कीट उपलब्ध करवाई जाएगी। अरोड़ा आज यहां गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन और पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के साथ संयुक्त रूप से एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई बहुआयामी रणनीति के परिणामस्वरूप, हम अभी तक राज्य में कोविड-19 के स्टेज-3 (सामुदायिक प्रसारण) की स्थिति को रोकने में सफल रहे हैं। वर्तमान में हम स्टेज-2 में हैं, जिसमें अब तक 43 मामले राज्य में पोजिटिव पाए गए हैं और इनमें से ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जिनका इतिहास यात्रा का है या वे किसी नॉवेल कोरोनो पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक, राज्य में कुल 43 रोगियों में से 30 कोविड पॉजिटिव मरीज हैं और 13 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि हम स्टेज -3 में नहीं हैं, लेकिन हम इस तरह की किसी भी घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।

नोवेल कोरोना वायरस की समस्या से प्रभावी रूप से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पंचकूला में एक हेल्पलाइन-कम-कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और इसे सुविधाजनक बनाने के लिए टेली-मेडिसिन सुविधा से भी जोड़ा गया है ताकि जो व्यक्ति लॉकडाउन के दौरान किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता के लिए व्यक्तिगत रूप से डॉक्टरों के पास नहीं जा सकते, उन्हें सुविधा दी जा सके।

इसके अलावा, पीजीआईएमएस रोहतक और भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां में दो परीक्षण प्रयोगशालाएं संचालित हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा राज्य के गुरूग्राम की पांच निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 की जांच करने के लिए मंजूरी दे दी गई है और इन परीक्षण प्रयोगशाालाओं द्वारा अगले कुछ दिनों में सैंपल लेना शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में भी राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में भी सुधार कर रही है और नूंह, हिसार, करनाल, रोहतक और पंचकुला में प्रयोगशाला स्थापित करने का फैसला किया गया है।

अरोड़ा ने कहा कि राज्य में स्थापित 374 आइसोलेशन वार्डों में 7,346 आइसोलेशन बेड की क्षमता तैयार की गई है। इसके अलावा, लगभग 14,000 व्यक्तियों के लिए 3243 कमरे/डोरमेट्री में क्वारंटीन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि 6 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों और 25 सरकारी और निजी अस्पतालों को कोविड-19 रोगियों के लिए डेडीकेटिड वार्ड स्थापित करने के लिए कहा गया है। साथ ही, राज्य के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मेडिकल कॉलेजों को विशेष रूप से कोविड-19 रोगियों के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के ईएसआईसी अस्पताल के साथ-साथ मानेसर के मैज्योर अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वल्र्ड कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, झज्जर को भी कोविड अस्पताल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य में 1300 वेंटिलेटर की सुविधा है और 200 नए वेंटिलेटर के लिए आर्डर जारी किए गए हैं जो जल्द ही राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में, राज्य के सरकारी अस्पतालों में 19,000 पीपीई किट और 95,000 एन -95 मास्क उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों में अतिरिक्त 1,45,000 एन -95 मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि 2.50 लाख नई पीपीई किटों के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा, तीन प्लाई मास्क का पर्याप्त स्टॉक भी उपलब्ध है।


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Shivam

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