''जल -भूजल संरक्षण'' के प्रयासों में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण देश में सबसे बेहतर, प्राधिकरण को मिलेगा ''वाटर डाइजेस्ट-वाटर अवार्ड''

punjabkesari.in Tuesday, Mar 14, 2023 - 10:30 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा  जल और भूजल संरक्षण को लेकर किए गए प्रयासों को देश में सबसे बेहतर पाया गया है। देश के अन्य राज्यों को भी इस महत्वपूर्ण कार्य की जरूरत को समझाने और आकर्षित करने के लिए 16 मार्च 2023 को दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। जिसमें हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण को अच्छी पहल करने वाले राज्य की श्रेणी में विजेता के रूप में सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शिरकत करेंगे और हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण को बेहतर भूजल प्रबंधन के लिए वर्ष 2022-23 'वाटर डाइजेस्ट-वाटर अवार्ड' से सम्मानित करेंगे। यह अवार्ड प्रदेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

बता दें कि हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन प्राधिकरण हरियाणा सरकार की प्रमुख स्थापनाओं में से एक है और प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार घट रहे वाटर लेवल (भूजल स्तर) को देख बेहद गंभीर थे।  अपनी देखरेख में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कई महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रदेश में चलाकर कई बड़े फैसले लिए। मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्य की जिम्मेदारी बेहद वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा को सौंपी हुई है। केशनी आनंद अरोड़ा को प्रदेश की पहली महिला उपायुक्त बनने का गौरव प्राप्त है। अरोड़ा लगातार तमाम विभागों में अपनी कार्यकुशलता- परिपक्वता और सूज भुझ को साबित करने वाली आईएएस अधिकारी रही हैं और हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के बाद सेवानिवृति पाने वाली अरोड़ा को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयर पर्सन नियुक्त कर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन पर एक बड़ा विश्वास जताया, जिसका उत्तम रिजल्ट इस अवार्ड के रूप में सम्मान पाकर प्रदेश को मिला है।

हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, अधिनियम और प्रबंधन) प्राधिकरण का गठन हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण अधिनियम और प्रबंधन) अधिनियम 2020 के तहत किया गया। जल का विवेकपूर्ण, न्याय संगत और कुशल उपयोग को लेकर प्राधिकरण ने लगातार कई बेहतर प्रयोग और उपयोग किए। जल संरक्षण के लिए यह प्रदेश सरकार का एक बड़ा और भविष्य की स्थितियों को समझते हुए जरूरी कदम था प्रदेश सरकार कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार दोहन हो रहे भूजल की उपलब्धता को समझते हुए प्रदेशभर में भूजल उपलब्धता की ग्रामवार रिपोर्ट तैयार करने जैसा एक बेहद मुश्किल कार्य युद्ध स्तर पर किया गया। प्रधानमंत्री कृषि योजना के घटक पर ड्रॉप मोर क्रॉप (पीडीएमसी) के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 85 फ़ीसदी एक बड़े अनुदान के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाना इस उपलब्धि में एक बड़े योगदान के रूप में साबित हुआ है। इसके साथ साथ माइक्रो इरिगशन कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (मीकाडा) को जल संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई। प्रदेश भर में खेती योग्य 100000 एकड़ भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के अधीन 2022-23 में लाकर 2023-24 में यह लक्ष्य ढाई लाख एकड़ खेती योग्य कमानड क्षेत्र लाने का बड़ा लक्ष्य प्रदेश सरकार द्वारा सुनिश्चित किया गया।

वर्ष 2023 के दौरान लगभग 2000 आन फार्म वाटर टैंकों का निर्माण करके 2023-24 में यह लक्ष्य 4000 तक का सुनिश्चित किया गया है। लगातार अधिक जल के उपयोग से होने वाली खेती से किसानों को बदलने के लिए तमाम तरह की योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई। धान की खेती से अधिक मुनाफे की खेती कम पानी वाली फसलों को बनाने को लेकर एक बड़ा खर्च प्रदेश सरकार ने उठाया। फसली चक्र को बदलने पर लगातार जोर दिया गया। प्रदेश में ढाई लाख एकड़ में हो रही अधिक पानी की लागत वाली गन्ने की खेती में फ्लड इमीग्रेशन की बजाय सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के उपयोग की बड़ी योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई। प्राधिकरण का दृष्टिकोण उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग तथा सभी विधायकों की सक्रिय भागीदारी के साथ सभी अनुप्रयोगों को न्याय संगत और समान तरीके से एकीकृत करके जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में राज्य को उच्च पद पर ले जाना था और देश भर में जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में एक रोल बॉर्डर बनने का प्रयास था और इस उपलब्धि को प्रदेश सरकार ने अपने काबिल अधिकारियों की मदद से पाया है।

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Content Editor

Mohammad Kumail

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