हथिनी कुंड बैराज की हालत खराब, नहीं उठाया कोई कदम तो इन 5 राज्यों को भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम

punjabkesari.in Tuesday, Aug 18, 2020 - 02:04 PM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): देश के पांच प्रमुख राज्यों में पानी का बंटवारा कर जल आपूर्ति करने वाला हथिनी कुंड बैराज की हालत खराब है। सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन पुणे की रिपोर्ट के मुताबिक इस बचाने के लिए जल्द ही कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। बैराज 2010 में आए पानी के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।

पिछले 10 वर्षों में इसे बचाने के लिए जो कार्य विभाग को करने चाहिए थे वह नहीं किए गए, जिसके चलते अब स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि अगर अगले कुछ समय में इसे बचाने के ठोस प्रयास नहीं किए तो बैराज को भारी नुकसान हो सकता है। बैराज को नुकसान होने से हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है। 

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यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज को बाढ़ के चलते भारी नुकसान हो चुका है। बाढ़ के साथ-साथ अवैध माइनिंग भी हथिनी कुंड बैराज के क्षतिग्रस्त होने का एक बड़ा कारण है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि इसे काफी नुकसान हो चुका है। 1999 में बने इस बैराज का रिवर बेड अब तक 12 मीटर नीचे आ चुका है। 2010 में आई बाढ़ के कारण हथिनी कुंड बैराज के आसपास बैराज की सुरक्षा के लिए बनाए गए ब्लॉक बह गए थे। जिससे बैराज के स्ट्रक्चर को भी नुकसान हुआ था। 

बीते 10 वर्षों में अधिकारियों ने इस बैराज को बचाने के लिए ज्यादा कार्य नहीं किए। लेकिन अब विभागीय अधिकारी बैराज के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, जिसके चलते सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन पुणे की मदद ली गई है। इस संस्थान द्वारा सिंचाई विभाग को बैराज के संबंध में एक डिटेल स्टडी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है, जिसके मुताबिक बैराज की सुरक्षा के लिए तुरंत कई प्रमुख कार्य होने चाहिए। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अभी इस रिपोर्ट का अध्ययन करके कुछ और तकनीकी विचार विमर्श करना है। 

जिसको लेकर विभाग की स्टेट टेक्निकल कमेटी की बैठक होनी है। इस बैठक में प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर, इंजीनियर इन चीफ शामिल होंगे। सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि यह बैराज 1999 में बनाया गया था, तब से अब तक इस बैराज का रिवर बेड 12 मीटर नीचे आ चुका है। इसके लिए पुणे की सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन की स्टडी रिपोर्ट पर काम होना है। उन्होंने कहा कि विभाग के इंजीनियर इन चीफ चाहते हैं कि अगले साल आने वाली बाढ़ से पहले पहले बैराज की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठा लिया जाए, इसीलिए टेक्निकल कमेटी की बैठक में इन पर विचार वमर्श के बाद कार्य शुरू किया जाएगा।

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1999 में बनाया गया था हथनी कुंड बैराज 
अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ताजेवाला हेड वर्क्स 128 वर्ष तक सेवा देता रहा लेकिन हरियाणा  सरकार द्वारा बनाया गया हथिनी कुंड बैराज 21 वें वर्ष में ही ऐसे हालात में पहुंच चुका कि उसकी मरम्मत होना जरूरी हो गया है। इस बैराज का निर्माण 1999 में हुआ था तब 9 जुलाई को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने इसका उद्घाटन किया था।

हथिनी कुंड बैराज अवैध खनन व वार्षिक मरम्मत न होने के चलते हुआ क्षतिग्रस्त
देश के पांच प्रमुख राज्यों में पानी का बंटवारा कर जल आपूर्ति करने वाला हथिनी कुंड बैराज अवैध खनन व वार्षिक मरम्मत न होने के चलते क्षतिग्रस्त हुआ है। जिस कारण बैराज बहुत अधिक पानी का बहाव सह नहीं पाएगा। वैसे इस बैराज को 9 लाख 95 हजार क्यूसेक पानी का दबाव सहने तक के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन पिछले वर्ष 8 लाख 28 हजार क्यूसेक  पानी आने से इसके टूटने का  खतरा पैदा हो गया था। अगर जल्दी ही इसकी मरम्मत व सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाएंगे तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।


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vinod kumar

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