जिले में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे, मेडिकल ऑफिसर के 221 में से 143 पद खाली

punjabkesari.in Friday, Mar 25, 2022 - 11:32 AM (IST)

जींद (अनिल कुमार) : जिले में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं। जींद में 1975 में नागरिक अस्पताल की शुरूआत हुई थी। उस समय से लेकर आज तक जिले में चिकित्सकों की कमी कभी भी दूर नहीं हुई। चिकित्सकों की कमी के कारण मेडिकल ऑफिसरों से डिप्टी सिविल सर्जन का काम लेना पड़ रहा है। इस कारण स्वास्थ्य सेवाएं काफी प्रभावित हो रही हैं। पिछले दस साल से नागरिक अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है। इसके अलावा नेत्र रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन जैसे महत्वपूर्ण पद भी खाली पड़े हैं। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तो हुआ लेकिन उस हिसाब से जिले को चिकित्सक नहीं मिल पाए। आज भी जिले में 143 मेडिकल ऑफिसर के पद खाली पड़े हैं।

बताया जा रहा है कि जींद जिले में 1975 में 50 बेड का नागरिक अस्पताल शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह 100 बेड का हो गया। इसके बाद अस्पताल की नई बिल्डिंग बनी और पांच साल पहले यह 200 बेड का हो गया। इसके अलावा नरवाना व सफीदों में भी नागरिक अस्पताल हैं। जुलाना, उचाना, अलेवा, उझाना में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। नागरिक अस्पताल जब से 200 बेड का हुआ है, उसके तीन साल बाद उसे पीएमओ मिला था। जिले में इस समय स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों की काफी जरूरत है। वैसे तो अस्पताल में फिलहाल आईसीयू भी बन रहा है लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण इसे चलाना काफी मुश्किल होगा।

जिले में डिप्टी सिविल सर्जन के आठ पद स्वीकृत हैं। इनमें से पांच पद खाली पड़े हैं। डिप्टी सिविल सर्जन का कार्य चलाने के लिए अन्य चिकित्सकों को चार्ज दिए गए हैं। इसी प्रकार एसएमओ के 18 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 11 पद खाली पड़े हैं। मेडिकल ऑफिसर के 221 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 143 पद खाली पड़े हैं। डेंटल सर्जन के 34 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 19 खाली पड़े हैं। नर्सिंग सिस्टर के 23 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 17 खाली पड़े हैं। स्टाफ नर्स के 251 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 122 खाली पड़े हैं। चीफ फार्मासिस्ट के तीन पद स्वीकृत हैं, जिनमें से एक खाली पड़ा है।

वहीं फार्मासिस्ट के 63 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 27 खाली पड़े हैं। कई स्वास्थ्य केंद्रों में तो दवाई देने के लिए अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। रेडियोलॉजिस्ट के 22 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 16 खाली पड़े हैं। कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अभी तक एक्सरे की सुविधा नहीं मिल पाई है क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए 300 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 216 आज भी खाली हैं। कम चिकित्सकों के बावजूद जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। यदि चिकित्सकों की कमी पूरी हो जाए तो और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं जिले के लोगों को मिल सकती हैं। 

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Content Writer

Manisha rana

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