जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान HSVP पर हाई कोर्ट सख्त, निर्माण कार्य में देरी के चलते लगाया जुर्माना

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2024 - 05:07 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पिंजौर अर्बन कांप्लेक्स में आमजन की सहूलियत एवं एक ही छत के अधीन सभी कार्यालयों को लाने के उद्देश्य से प्रस्तावित मिनी सचिवालय और ज्यूडिशियल कांप्लेक्स का निर्माण प्रशासनिक अनदेखी के चलते लटक गया है। बिना किसी कारण के देरी को लेकर शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष व एडवोकेट विजय बंसल ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मामले में जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश जीएस संधावलिया एवं न्यायधीश लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने 13 मार्च को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट मामले में प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया था। 11 दिसंबर को प्रदेश सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया था, हालांकि एचएसवीपी ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है। जिसको लेकर माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने एचएसवीपी पर 5 हजार रुपए  की कंडीशनल कोस्ट लगाते हुए मामले की सुनवाई 14 अगस्त 2024 निश्चित की है। विजय बंसल की ओर से दीपांशु बंसल एडवोकेट,सजल बंसल एडवोकेट ने माननीय हाईकोर्ट के समक्ष पक्ष रखा है।

इससे पूर्व 25 मार्च को निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू कर समय अवधि में पूरा करने के लिए शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल ने मुख्य सचिव हरियाणा सरकार, हरियाणा लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कार्यकारी अभियंता, एसडीओ एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव होम्स जेल क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन एवं एडमिंस्ट्रेशन ऑफ जस्टिस विभाग हरियाणा, जिला उपायुक्त पंचकूला आदि को दीपांशु बंसल एडवोकेट के मार्फत लीगल नोटिस भेजा था। जिसके बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर अब विजय बंसल ने जनहित याचिका दायर की है।

विजय बंसल की हाईकोर्ट के समक्ष उनके वकीलों ने मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ को बताया कि ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स कालका अभी मार्केट कमेटी पंचकूला के सब यार्ड कालका के कार्यालय में कार्यरत है, जबकि अधिवक्ताओं एवं आमजन के लिए कोई स्थाई सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते अधिवक्ताओं एवं आमजन को परेशानियों का सामना करना पढ़ता है। आलम यह है कि जगह के अभाव के चलते ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स का कार्य भी प्रभावित होता हैं, जिसके चलते स्थानीय वकील भी निरंतर स्थाई ज्यूडिशियल कांप्लेक्स के निर्माण के लिए मांग करते आ रह है। 2013 में अस्थाई रूप से ही कालका मंडी में कोर्ट चल रही है,जहां पर्याप्त सुविधाए नही है।प्रमुख रूप से कालका में अस्थाई रूप से कार्यत न्यायिक परिसर में न तो लॉयर्स चैंबर्स है,और न ही लिटिगेंट हाल है,न ही बार रूम और न ही लाइब्रेरी है,यहां तक की प्रॉपर पार्किंग की जगह भी नहीं है।

आरटीआई में प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्यूडिशियल कांप्लेक्स कालका के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पिंजौर अर्बन कॉम्पलेक्स सेक्टर 28 में 3.72 एकड़ जमीन का आवंटन किया हुआ है, जिसके लिए 13 करोड़ 31 लाख 73 हजार की राशि भी मंजूर हो गई है। भूमि का स्थानांतरण भी एचएसवीपी से निशानदेही करवाकर अतिरिक्त मुख्य सचिव होम्स जेल क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन एवं एडमिंस्ट्रेशन ऑफ जस्टिस विभाग हरियाणा के पास हो गया है। जिसके लिए 16 दिसंबर 2021 को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने टेक ओवर किया है। इसके साथ ही एक निर्माण कंपनी को टेंडर भी अलाट कर दिया गया था। जिसमे निर्माण कार्य को 13 सितंबर 2020 से 15 महीने में पूरा करने का लक्ष्य था, जोकि मात्र विभाग द्वारा प्रोसीड विद वर्क का पत्र जारी ना होने के चलते शुरू नहीं हो सका।

इसी प्रकार से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पिंजौर अर्बन कॉम्पलेक्स सेक्टर 28 में मिनी सचिवालय का निर्माण कार्य भी शुरू नही हो सका,जहां लोक निर्माण विभाग ने आरटीआई में जानकारी देते हुए बताया है कि कुल 3.69 एकड़ भूमि का आवंटन एचएसवीएपी द्वारा किया गया है और ड्राइंग भी बनाई गई है।हालांकि लोक निर्माण विभाग के पास प्रशासनिक स्वीकृति,कब निर्माण कार्य शुरू किया जाना है,किस निर्माण कंपनी को कितनी राशि के साथ टेंडर दिया गया है इसका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

 

 


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Content Editor

Saurabh Pal

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