आयुषमान भारत योजना पैनल का लाभ लेने के मामले में हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव को दिए ये आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Mar 23, 2022 - 01:26 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भिवानी के अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम द्वारा गलत दस्तावेजों के सहारे आयुषमान भारत के पैनल का लाभ लेने के मामले में न्यायालय द्वारा पहले दिए गए आदेशों की पालना नहीं कराने पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव पर सख्त रुख अख्तियार किया है। हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को दो सप्ताह के अंदर हाई कोर्ट के आदेशों की पालना सुनिश्चित किए जाने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं होने पर मुख्य सचिव संजीव कौशल पर हाई कोर्ट द्वारा 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की बात कही है।  

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने 31 जुलाई 2021 को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, एसीएस हेल्थ विभाग व आयुषमान भारत योजना के सीईओ को भिवानी के अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम द्वारा गलत दस्तावेजों के सहारे आयुषमान भारत योजना के पैनल से जुड़कर अनुचित लाभ लेने की शिकायत दी थी। इस शिकायत पर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद संगठन अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण में गया। हाई कोर्ट ने इस मामले में 3 दिसंबर 2021 को सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को एक माह में शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करने के आदेश दिए। लेकिन इस मामले में चार माह बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया।

जिस पर संगठन को मजबूरन फिर से 17 मार्च को अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से कोर्ट के आदेशों की पालना कराने के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल को न्यायालय के आदेशों की पालना दो सप्ताह में सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कोर्ट ने मुख्य सचिव पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की बात कही है। ये जुर्माना राशि चंडीगढ़ पीजीआई में वेलफेयर फंड में देनी होगी।  वहीं मुख्य सचिव कार्यालय के डीए विनोद भारद्वाज ने हाई कोर्ट को संतुष्ट किया कि 3 दिसंबर 2021 के उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को दो सप्ताह के अंदर लागू करा दिया जाएगा।

ये था मामला
शिकायतकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के संचालक डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल ने दमकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलीभगत कर नगर परिषद से प्रमाणित नक्शा लगाने की बजाए साइट प्लान लगाकर गलत तरीके से फायर एनओसी हासिल कर ली। जबकि अस्पताल का नगर परिषद से अस्पताल के नाम कोई नक्शा पास नहीं है। बावजूद इसके दमकल विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल को फायर एनओसी जारी कर दी। जिसके प्रमाणित दस्तावेज भी संगठन ने आरटीआई के जरिए हासिल किए थे। 

 

 


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Content Writer

Isha

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