ऑनर किलिंग मामला: अदालत ने दोषी को सुनाई फांसी की सजा, जानें क्या था मामला
punjabkesari.in Wednesday, Oct 13, 2021 - 08:13 AM (IST)
सोनीपत (ब्यूरो) : सोनीपत की एक अदालत ने ऑनर किलिंग के एक मामले को दुर्लभतम करार देते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। दोषी ने प्रेम विवाह करने वाली युवती के पति व सास-ससुर की गोली मारकर हत्या कर दी थी जबकि युवती व उसके देवर को घायल कर दिया था। फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने सुनाया है। फांसी की सजा पाने वाले हरीश को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में दूसरा दोषी सतेंद्र उर्फ मोनू फरार है जिसकी गिरफ्तारी के बाद उसे सजा सुनाई जाएगी।
धारा 302 तहत सुनाई फांसी की सजा, जुर्माना भी लगाया
ए.एस.जे. आर.पी. गोयल की अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई दौरान सतेंद्र उर्फ मोनू व उसके दोस्त हरीश को दोषी करार दिया था। साथ ही मोनू के पिता ओमप्रकाश व भाई सोनू को बरी कर दिया था।मंगलवार को मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने हरीश को फांसी की सजा सुनाई है। मोनू को सजा गिरफ्तारी के बाद सुनाई जाएगी। हरीश को धारा 302 में फांसी की सजा दी है। धारा 307 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना, 449 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना, शस्त्र अधिनियम में 5 साल कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना, एस.सी.-एस.टी. एक्ट में उम्रकैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह था मामला
खरखौदा के वार्ड-9 निवासी सूरज ने 19 नवम्बर, 2016 को पुलिस को बताया था कि उसके बड़े भाई प्रदीप ने झज्जर के बिरधाना की रहने वाली सुशीला से 3 साल पहले प्रेम विवाह किया था। वह 18 नवम्बर, 2016 की रात को परिवार के साथ घर पर सो रहे थे। रात में करीब 10 बजे डस्टर गाड़ी में सवार होकर आए 2 युवकों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। गोली लगने से उसके भाई प्रदीप व मां सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई थी। साथ ही गोली लगने से वह उसका पिता सुरेश और गर्भवती भाभी सुशीला गंभीर घायल हो गए थे।
अस्पताल में उपचार दौरान उसके पिता सुरेश ने भी दम तोड़ दिया था। पुलिस जांच में सामने आया था कि वारदात को सुशीला के भाई सतेंद्र उर्फ मोनू व मोनू के दोस्त झज्जर के गांव हसनपुर निवासी हरीश ने अंजाम दिया था। मामले में सु्शीला के भाई सोनू व पिता ओमप्रकाश का भी नाम आया था। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। प्रदीप का परिवार अनुसूचित जाति का होने के चलते मामले में एस.सी.-एस.टी. एक्ट भी लगाया था। सामने आया था कि सुशीला का परिवार दूसरी जाति के लड़के से शादी करने के कारण उससे खफा था। मामले में पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया था। इस मामले में जमानत लेकर आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू फरार हो गया था। उसे भगौड़ा घोषित किया गया है।
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